इलाहाबाद
(एसएनबी)। पुलिस
भर्ती में अब
उन जातियों को
आरक्षण का लाभ
नहीं मिल सकेगा
जिनका प्रतिनिधित्व सरकारी
सेवाओं में पूरा
हो चुका है।
हाईकोर्ट ने ऐसी
जातियों को आरक्षण
देने पर रोक
लगा दी है,
जिनको आरक्षण का
इतना लाभ मिल
चुका है कि
उनका प्रतिनिधित्व पर्याप्त
संख्या में हो
गया है। यह
आदेश जारी करते
हुए न्यायमूर्ति सुधीर
अग्रवाल ने स्पष्ट
किया है कि
सरकार पर्याप्त प्रतिनिधित्व
का मतलब यह
समझे कि आरक्षित
वर्ग के जिन
लोगों को व्यक्तिगत
अथवा सामूहिक रूप
से 50 प्रतिशत तक
सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व
मिल चुका है।
कोर्ट ने सुमित
कुमार शुक्ला व
तीन अन्य की
याचिका पर सुनवाई
करते हुए कहा
है कि पुलिस
विभाग में किया
गया चयन अथवा
नियुक्ति जो आरक्षित
श्रेणी के पदों
पर की गयी
है वह याचिका
पर पारित अंतिम
आदेश पर निर्भर
करेगा। कोर्ट ने सरकार
को यह छूट
दी है कि
वह चाहे तो
इस आदेश संशोधन
अथवा स्पष्टीकरण के
लिए या अंतरिम
आदेश बदलने के
लिए हलफनामे के
साथ अर्जी दे
सकता है। कोर्ट
ने सरकार को
अपना जवाब लगाने
के लिए एक
ही महीने का
समय दिया तथा
याची को दो
सप्ताह में प्रति
उत्तर देने के
लिए कहा है।।
पर्याप्त लाभ ले
चुकी जातियों को..
कोर्ट ने स्पष्ट
किया है कि
पर्याप्त प्रतिनिधित्व का अर्थ
यह है कि
आरक्षित वर्ग भी
जिन जातियों को
पचास प्रतिशत अथवा
उससे ऊपर सरकारी
सेवाओं में प्रतिनिधित्व
हो गया है
उसे पर्याप्त प्रतिनिधित्व
माना जाए। कोर्ट
का मानना है
कि सरकारी सेवाओं
में कुछ विशेष
जाति के आरक्षित
वर्ग को प्रतिनिधित्व
पर्याप्त मात्रा में मिल
चुका है। इसलिए
प्रथम दृष्टया कोर्ट
इस बात से
सहमत है कि
उनको आरक्षण देने
का औचित्य नहीं
है।
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