- शिक्षकों व छात्रों की हाजिरी पर नजर
- परिषदीय स्कूलों की जांच की नई व्यवस्था लागू
- बीईओ एक माह में जांचेंगे 40 स्कूल
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बनाने और शिक्षकों के साथ बच्चों
की उपस्थिति बनाए रखने के लिए नई जांच व्यवस्था लागू की गई है। प्रत्येक
खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) एक माह में न्यूनतम 40 स्कूलों का निरीक्षण
करेंगे। एक दिन में वह अधिकतम दो स्कूलों की जांच करेंगे। जांच प्रक्रिया
एक नवंबर से शुरू हो जाएगी। सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने इस संबंध
में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। वह गुरुवार को अधिकारियों
के साथ निदेशालय में समीक्षा बैठक कर रहे थे। बेसिक शिक्षा मंत्री
रामगोविंद चौधरी के बैठक में न आने से रिटायर्ड शिक्षकों को काम पर रखने पर
निर्णय नहीं हो सका।
सचिव बेसिक शिक्षा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्कूलों में पढ़ाई का
माहौल बनाना काफी जरूरी है। इसलिए शिक्षकों के साथ ही बच्चों की उपस्थिति
अनिवार्य है। बेसिक शिक्षा अधिकारी खंड शिक्षाधिकारियों से हर माह न्यूनतम
40 स्कूलों का निरीक्षण कराएंगे। इस दौरान वह एक स्कूल में कम से कम दो
घंटे रुकेंगे और देखेंगे कि शिक्षकों व बच्चों की उपस्थिति कैसी है और सर्व
शिक्षा अभियान योजना का लाभ बच्चों को कितना मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि जिला स्तर से आने वाली जांच रिपोर्ट का शासन और निदेशालय
के अधिकारियों से सत्यापन कराया जाएगा। उदाहरण के लिए नवंबर की जांच
रिपोर्ट के आधार पर शासन और निदेशालय के अधिकारी प्रत्येक 15-15 दिन के
हिसाब से स्कूलों में जाकर हकीकत देखेंगे। जांच रिपोर्ट में यदि भिन्नता
मिली तो दोषी खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बेसिक
शिक्षा अधिकारियों को भी प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए उनका स्थानांतरण
किया जाएगा।
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निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने का होगा प्रचार
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश कुमार सिंह व कैलाश चौरसिया ने कहा है कि
निजी स्कूलों में कक्षा एक में गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाने की योजना का
प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय
के अधूरे भवनों का निर्माण 15 दिसंबर तक पूरा कराने के निर्देश दिए।
स्कूलों के विद्युतीकरण में लापरवाही पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई गई।
बच्चों को मुफ्त किताबें शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
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