Tuesday, September 3, 2013

उर्दू शिक्षकों की भर्ती में नया पेच

उर्दू शिक्षकों की भर्ती में नया पेच

मोअल्लिम-ए-उर्दू संगठन ने पेश किया कार्मिक विभाग का पुराना शासनादेश

अदीब की उपाधि को हाईस्कूल के बराबर वेटेज देने की मांग


लखनऊ : सरकार के अल्पसंख्यक कार्ड को उर्दू शिक्षकों की भर्ती के जरिये तुरुप के पत्ते में तब्दील करने में जुटा बेसिक शिक्षा विभाग एक नई कश्मकश से गुजर रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती में नया पेच फंस गया है। असमंजस की वजह वर्ष 1983 में कार्मिक विभाग की ओर से जारी हुआ एक शासनादेश है जिसे लेकर मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों का संगठन बेसिक शिक्षा विभाग के सामने हाजिर हुआ है।1इस शासनादेश में कहा गया है कि जिन पदों पर भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल या समकक्ष हो, उन पर नियुक्ति के लिए ‘अदीब’ की उपाधि हाईस्कूल के समकक्ष मानी जाएगी। इसी शासनादेश के आधार पर मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक उर्दू शिक्षकों की भर्ती में ‘अदीब’ की उपाधि को गुणवत्ता अंक निर्धारण में हाईस्कूल के बराबर वेटेज देने की मांग कर रहे हैं। मोअल्लिम-ए-उर्दू एसोसिएशन की इस नई फरमाइश से बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर हतप्रभ हैं। एक तो उन्हें इस शासनादेश की जानकारी नहीं है। दूसरा, उनका कहना है कि अदीब की योग्यता को उन नौकरियों के लिए माना गया है जिनके लिए शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल है जबकि शिक्षकों की भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक है। बहरहाल, इस समस्या का हल ढूंढ़ने के लिए बेसिक शिक्षा महकमे ने न्याय और कार्मिक विभागों से राय मांगी है। 1बेसिक शिक्षा विभाग की दिक्कत यह है कि परिषदीय स्कूलों में उर्दू शिक्षकों के 4280 पदों पर भर्ती के लिए बीती 17 अगस्त को शासनादेश जारी किया जा चुका है। शासनादेश में अभ्यर्थियों के चयन के लिए गुणवत्ता अंक निर्धारित करने की प्रक्रिया तय कर दी गई है। निर्धारित प्रक्रिया के तहत गुणवत्ता अंक में अभ्यर्थी को हाईस्कूल में मिले अंक प्रतिशत का 10 फीसदी जोड़ा जाना है। 1


For more news visit: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml

No comments:

Post a Comment