लखनऊ (उप ब्यूरो)। आरक्षण
नीतियों के चलते
बैकफुट पर आए
उत्तर प्रदेश लोक
सेवा आयोग ने
क्या पीसीएस-2011 का
साक्षात्कार फिलहाल नहीं कराने
का मन बना
लिया है। आयोग
ने इलाहाबाद में
गुरुवार रात अगले
दो माह के
लिए साक्षात्कार का
जो कार्यक्रम घोषित
किया है, उससे
तो यही संकेत
मिलता है। आयोग
के इस कार्यक्रम
में सीधी भर्ती
के तहत साक्षात्कार
के 39 कार्यक्रम घोषित
किए गए हैं,
लेकिन इसमें पीसीएस-2011
के साक्षात्कार का
कोई जिक्र नहीं
है। इससे प्रतियोगियों
में आक्रोश बढ़
गया है और
उनका कहना है
कि वे आयोग
पर एक बार
फिर प्रदर्शन करेंगे।
पीसीएस-2011
का साक्षात्कार कराए
जाने को लेकर
आयोग की मंशा
पहले भी संदेहों
की परिधि में
रही है। आम
तौर पर मुख्य
परीक्षा की तिथि
घोषित किए जाने
के साथ ही
या फिर एक-दो दिन
के भीतर साक्षात्कार
की तिथियां भी
घोषित कर दी
जाती हैं। लेकिन
इस बार एक
माह बीत जाने
के बाद भी
आयोग चुप्पी साधे
बैठा है। प्रतियोगी
छात्र संघर्ष समिति
खुला आरोप लगा
चुकी है कि
आयोग और सरकार
इस परीक्षा को
एक बार फिर
अदालती विवाद में उलझाना
चाहते हैं इसलिए
साक्षात्कार की तिथियां
नहीं घोषित की
जा रही हैं।
गुरुवार रात आयोग
ने साक्षात्कार का
कार्यक्रम घोषित किया तो
उनकी आशंकाओं को
बल मिल गया।
आयोग ने अगले
दो माह के
लिए साक्षात्कार का
लंबा कार्यक्रम घोषित
किया है। इनमें
मुख्य रूप से
प्रवक्ता पदों के
साक्षात्कार होने हैं।
इसकी शुरुआत 27 सितंबर
से होनी है
और 28 अक्टूबर तक
साक्षात्कार चलेगा। इसमें पीसीएस
परीक्षा-2011 का जिक्र
नहीं है। इससे
यह आशंका जताई
जाने लगी है
कि अगले दो
माह तक आयोग
इस परीक्षा का
साक्षात्कार कराने के मूड
में नहीं है।
गौरतलब है कि
इस परीक्षा में
ही आयोग ने
त्रिस्तरीय आरक्षण की व्यवस्था
लागू की थी
और बाद में
उसे अपने कदम
वापस खींचने पड़े
थे।
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