- सर्वोच्च न्यायालय के वकील ने ढाई घंटे पहले ही अपने लेख में दे दी फैसले से संबंधित अहम जानकारी
- सुप्रीम कोर्ट से पहले ब्लॉग ने ही सुना दिया फैसला
- सुबह 8.36 बजे ब्लॉग ने दी जानकारी
- निजी कॉलेजों की अपील को अनुमति दे दी जाएगी और यह भी स्पष्ट कर दिया जाएगा कि एमसीआई को कोई अधिकार नहीं है। जबकि जस्टिस दवे इस फैसले का विरोध करेंगे।
- 11 बजे के बाद आया फैसला
- चीफ जस्टिस कबीर की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ में से दो ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया। जबकि जस्टिस दवे ने इस मामले में अलग फैसला दिया।
नई
दिल्ली। देश की जनता के लिए इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण शायद कुछ भी नहीं
होगा कि न्याय के सर्वोच्च मंदिर का फैसला अदालत की घोषणा से पहले ही लीक
हो जाए। लेकिन बृहस्पतिवार को चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर की रिटायरमेंट के दिन
उनकी अदालत से राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा से संबंधित घोषित हुए
फैसले का परिणाम ढाई घंटे पहले ही एक इंटरनेट ब्लॉग पर स्पष्ट कर दिया गया।
जस्टिस कबीर पर सवाल उठाते हुए इस ब्लॉग पर लिखे गए वकील के लेख के अंतिम
पैरे में फैसले के परिणाम की जानकारी दी गई।
चीफ
जस्टिस कबीर ने सेवानिवृत्ति के समारोह में शामिल होने से पहले फैसले के
लीक होने के संबंध में हैरानी जताई। सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे
वकील गोपाल शंकर नारायणन का लेख ‘बार एंड बेंच’ ब्लॉग पर सुबह 8.36 बजे
जारी किया गया। जबकि जस्टिस कबीर की पीठ का फैसला सुबह 11 बजे के बाद घोषित
किया गया। चीफ जस्टिस की पीठ को आज तीन फैसले घोषित करने थे और यह फैसला
तीसरा था जो राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा पर था।
नारायणन
ने अपने लेख में लिखा, ‘चीफ जस्टिस के कार्यालय के अंतिम दिन दिया जाने
वाला फैसला, जिसका इंतजार लंबे समय से लोगों को है। वह राष्ट्रीय मेडिकल
प्रवेश परीक्षा की वैधता से जुड़ा है, इस परीक्षा का आयोजन मेडिकल काउंसिल
ऑफ इंडिया (एमसीआई) की ओर से तय किया गया था।
अंतिम
सप्ताह वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिवक्ताओं के बीच बिना किसी खेद के यह स्टोरी
साझा की जा रही थी कि निजी कॉलेजों की अपील को अनुमति प्रदान कर यह
स्पष्टीकरण दिया जाएगा कि एमसीआई को कोई अधिकार नहीं है और जस्टिस दवे इस
मामले में अलग विचार (फैसला) देंगे।’ नारायणन ने आगे लिखा कि यह फैसला पूरी
तरह से गुप्त सूचना है, जो 190 पन्नों से भी ज्यादा और 300 पैराग्राफ से
भी अधिक में है। मुझे यह उम्मीद है कि यह कहानी झूठी होगी। महज कुछ लोगों
के दिमाग की उपज होगी। हालांकि कुछ ही घंटों में हमे सच मालूम पड़ जाएगा।
शारदा चिटफंड मामला
केंद्र और
पश्चिम बंगाल को नोटिस
नई दिल्ली
(ब्यूरो)।
सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका
पर केंद्र व पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा
गया है कि राज्य सरकार का रवैया इस मामले में पक्षपातपूर्ण है। ऐसे में
मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।
चीफ
जस्टिस अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने देश में चिटफंड योजनाओं के
नियमन के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को ज्यादा ताकतवर
बनाए जाने की मांग वाली याचिका को लेकर भी अन्य राज्य सरकारों और केंद्र से
जवाब-तलब किया।
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