Government Jobs, Private Jobs, Recruitment, Result, Appointment , Admission, Schools, Colleges, Coaching Institutes, Model Papers, Self Employed Tips, Uptet News, Ctet News, Jee-Bed News, Btc News, Ntt News, Ugc-Net News, Upsessb News, Upmsp News, Ssc News, Banking Job News, Railways Job News, Up Polytechnic News, Up Basic Shiksha Parishad News, Up Board News, Cbse News, Cisce News
Tuesday, May 21, 2013
नए सत्र में कैसे शुरू होंगे मॉडल स्कूल
लखनऊ : शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकासखंडों में मॉडल स्कूल खोलने की योजना
की रफ्तार सुस्त है। केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर उच्च माध्यमिक स्तर तक
की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने वाले इन स्कूलों का जुलाई से शुरू
होने वाले नये शैक्षिक सत्र में चालू हो पाना मुमकिन नहीं है। मॉडल स्कूलों
का न तो अब तक निर्माण पूरा हो पाया है और न ही इनमें सृजित शिक्षकों
और अन्य स्टाफ के पदों पर भर्ती हो सकी है। 1केंद्र सरकार ने वर्ष 2010-11
में राज्य के 148 पिछड़े विकासखंडों मे 148 मॉडल स्कूलों को मंजूरी दी थी।
इसके बाद 2012-13 में 45 और विकासखंडों में मॉडल स्कूलों के निर्माण को
केंद्र ने हरी झंडी दिखायी। मॉडल स्कूलों के निर्माण पर खर्च होने वाली
धनराशि में केंद्र और राज्य सरकारों की हिस्सेदारी 75:25 के अनुपात में है।
इन स्कूलों के निर्माण का जो शेड्यूल निर्धारित है उसके मुताबिक इन
स्कूलों का निर्माण दो साल में पूरा हो जाना चाहिए। इस हिसाब से 2010-11
में स्वीकृत 148 मॉडल स्कूलों का निर्माण अब तक पूरा हो जाना चाहिए था।
केंद्र सरकार ने इन 148 स्कूलों के निर्माण के लिए पहली किस्त के तौर पर 56
करोड़ रुपये की धनराशि भी 2010-11 में ही जारी कर दी थी। वहीं राज्य सरकार
को अपने हिस्से की धनराशि नवंबर 2011 में जारी की जिससे स्कूलों का
निर्माण देर से शुरू हुआ। मार्च 2013 तक केंद्र 148 मॉडल स्कूलों को बनाने
के लिए पूरी धनराशि उपलब्ध करा चुका है लेकिन स्कूलों का निर्माण अभी पूरा
नहीं हो पाया है। 1शासन ने मार्च में इन 148 स्कूलों में शिक्षकों व अन्य
स्टाफ के पद भी सृजित कर दिये। प्रत्येक मॉडल स्कूल के लिए प्रधानाचार्य का
एक, प्रवक्ता के पांच, सहायक अध्यापक (एलडी ग्रेड) के सात, कनिष्ठ लिपिक
का एक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के चार पद सृजित किये गए हैं। 1अब तक इन
पदों पर शिक्षक व अन्य स्टाफ की नियुक्ति भी नहीं हो सकी है। ऐसे में जुलाई
से शुरू होने वाले नये सत्र से मॉडल स्कूलों का संचालन दूर की कौड़ी लगती
है। राज्य सरकार ने इस स्कूलों के संचालन के लिए केंद्र से आवर्ती खर्च की
मांग की है।लखनऊ : शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकासखंडों में मॉडल स्कूल
खोलने की योजना की रफ्तार सुस्त है। केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर उच्च
माध्यमिक स्तर तक की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने वाले इन स्कूलों का
जुलाई से शुरू होने वाले नये शैक्षिक सत्र में चालू हो पाना मुमकिन नहीं
है। मॉडल स्कूलों का न तो अब तक निर्माण पूरा हो पाया है और न ही इनमें
सृजित शिक्षकों और अन्य स्टाफ के पदों पर भर्ती हो सकी है। 1केंद्र सरकार
ने वर्ष 2010-11 में राज्य के 148 पिछड़े विकासखंडों मे 148 मॉडल स्कूलों
को मंजूरी दी थी। इसके बाद 2012-13 में 45 और विकासखंडों में मॉडल स्कूलों
के निर्माण को केंद्र ने हरी झंडी दिखायी। मॉडल स्कूलों के निर्माण पर खर्च
होने वाली धनराशि में केंद्र और राज्य सरकारों की हिस्सेदारी 75:25 के
अनुपात में है। इन स्कूलों के निर्माण का जो शेड्यूल निर्धारित है उसके
मुताबिक इन स्कूलों का निर्माण दो साल में पूरा हो जाना चाहिए। इस हिसाब से
2010-11 में स्वीकृत 148 मॉडल स्कूलों का निर्माण अब तक पूरा हो जाना
चाहिए था। केंद्र सरकार ने इन 148 स्कूलों के निर्माण के लिए पहली किस्त के
तौर पर 56 करोड़ रुपये की धनराशि भी 2010-11 में ही जारी कर दी थी। वहीं
राज्य सरकार को अपने हिस्से की धनराशि नवंबर 2011 में जारी की जिससे
स्कूलों का निर्माण देर से शुरू हुआ। मार्च 2013 तक केंद्र 148 मॉडल
स्कूलों को बनाने के लिए पूरी धनराशि उपलब्ध करा चुका है लेकिन स्कूलों का
निर्माण अभी पूरा नहीं हो पाया है। 1शासन ने मार्च में इन 148 स्कूलों में
शिक्षकों व अन्य स्टाफ के पद भी सृजित कर दिये। प्रत्येक मॉडल स्कूल के लिए
प्रधानाचार्य का एक, प्रवक्ता के पांच, सहायक अध्यापक (एलडी ग्रेड) के
सात, कनिष्ठ लिपिक का एक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के चार पद सृजित किये
गए हैं। 1अब तक इन पदों पर शिक्षक व अन्य स्टाफ की नियुक्ति भी नहीं हो सकी
है। ऐसे में जुलाई से शुरू होने वाले नये सत्र से मॉडल स्कूलों का संचालन
दूर की कौड़ी लगती है। राज्य सरकार ने इस स्कूलों के संचालन के लिए केंद्र
से आवर्ती खर्च की मांग की है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment