Saturday, January 3, 2015

तीन महीने में कैसे छपेंगी 10 करोड़ किताबें : एक अप्रैल से शुरू होना है नया शैक्षिक सत्र

  • अब तक नहीं शुरू हुई किताब छापने की प्रक्रिया  
  •   चार से पांच महीने का लगता है समय  
लखनऊ। तीन महीने से भी कम समय और करीब 10 करोड़ किताबें छापने का लक्ष्य। उसके लिए भी अब तक कोई शासनादेश तक नहीं जारी हुआ। जी हां, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों को दी जाने वाली निशुल्क किताबों के छापने की प्रक्रिया कुछ ऐसी ही चल रही है। यह स्थिति तब है जबकि खुद राज्य सरकार ने परिषदीय विद्यालयों का शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू करने का फैसला लिया है। लेकिन शासन ने अब तक किताबें छापने के लिए शासनादेश भी नहीं जारी किया। इसको लेकर अफसर भी परेशान हैं।सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों, राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं माध्यमिक विद्यालयों, समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय व एडेड स्कूल तथा मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बालकों तथा सभी वर्ग की बालिकाओं को निशुल्क किताबें दिए जाने का प्रावधान है। इस बार भी 30 सितंबर के आधार पर करीब एक करोड़ 85 लाख बच्चों को किताबें मुहैया कराई जानी है। चूंकि अभी तक बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का शैक्षिक सत्र एक जुलाई से शुरू होता था। इसलिए किताबें छापने की प्रक्रिया जनवरी के अंत से शुरू की जाती थी। लेकिन इस बार शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू होना है। बावजूद इसके अब तक किताबें छापने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासनादेश तक नहीं जारी किया गया। जबकि इसका प्रस्ताव अक्टूबर में ही शासन को भेज दिया गया था। ऐसे में अफसर परेशान हैं कि आखिर इतने कम समय में किताबें छापकर बच्चों तक कैसे पहुंचाई जाएंगी।.
 अभी तक किताबों की छपाई के संबंध में शासनादेश जारी नहीं हुआ है। उसका इंतजार किया जा रहा है। इस बार एक करोड़ 85 लाख बच्चों के लिए करीब 10 करोड़ किताबें छपनी हैं।
                                            - पवन कुमार सचान, पाठ्य पुस्तक अधिकारी 
  • चार से पांच महीने का लगता है समय
किताबें छापने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासनादेश जारी किया जाता है। उसके बाद एक महीने का समय निर्धारित करते हुए टेक्निकल बिड आमंत्रित की जाती है। टेंडर के बाद कागज की जांच, फिर फाइनेंशियल बिड, उसके बाद चयनित प्रकाशकों के साथ अनुबंध किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद दो महीने का समय किताबें छपवाने में लगता है। इसके बाद किताबों का जिले स्तर पर सत्यापन और फिर स्कूल तक पहुंचाने में भी समय लगता है। पूरी प्रक्रिया में चार से पांच महीने लग जाते हैं। लेकिन अफसर शासनादेश जारी होने का ही इंतजार कर रहे हैं।

अब मोबाइल पर पाइए 26 सेवाओं का लाभ

वाराणसी। एंड्राइड फोन यूजर अब प्रदेश सरकार के आठ विभागों की 26 सेवाओं का लाभ मोबाइल पर भी ले सकते हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं को मोबाइल से
वेबसाइट पर जाना होगा। यहां यूजर्स को ई-सर्विसेज फार सिटीजन सेक्शन में यूपीवन मोबाइल सर्विसेज का लिंक फॉलो करना होगा। इसके बाद मोबाइल के ब्राउजर में एक नया टैब खुलेगा जिस पर यूपीवन एप उपलब्ध होगा। इसे डाउनलोड कर आप आय, जाति, निवास, छात्रवृत्ति, पेंशन सहित अन्य सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 1029 पदों पर होंगी भर्तियां : विज्ञापन जारी

लखनऊ। प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत करने के लिए भर्तियां करने जा रही है। सूबे के 41 जिलों के 468 ब्लॉकों में यह भर्तियां की जाएंगी। सरकार ने भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। इसमें राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर के कर्मियों की नियुक्ति की जाएंगी। 

40 हजार सिपाहियों की होगी भर्ती

लखनऊ (ब्यूरो)। सूबे में 40 हजार सिपाहियों की भर्ती संबंधी डीजीपी मुख्यालय के प्रस्ताव पर यूपी सरकार सहमत हो गई है। उसने पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड को इस संबंध में जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। पुलिस भर्ती बोर्ड के अफसरों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इस महीने या फिर फरवरी में भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जाएगा। परीक्षा केंद्रों के चयन की प्रक्रिया अभी से शुरू कर दी गई है। पुलिस विभाग में सिपाहियों के अब भी एक लाख से अधिक पद खाली हैं।

Friday, January 2, 2015

UP-JEE- BEd Form -दस फरवरी से भरे जाएंगे बीएड प्रवेश फार्म : परीक्षा 20 से 25 अप्रैल के बीच

लखनऊ : राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2015 कराने की कवायद शुरू हो गयी है। प्रवेश फार्म दस फरवरी से दस मार्च तक भरे जा सकेंगे और परीक्षा बीस से 25 अप्रैल के बीच करायी जा सकती है। 

SARKARI NAUKRI Update News :इंटर कॉलेजों के 3000 तदर्थ शिक्षक होंगे नियमित

25 जनवरी 1999 से पहले वालों का मांगा गया प्रस्ताव
  

लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद से सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में तदर्थ शिक्षक के रूप में कार्यरत करीब 3000 शिक्षकों को नियमित करने की तैयारी है। प्रदेशभर के स्कूलों में 25 जनवरी 1999 से पूर्व के कार्यरत ऐसे शिक्षकों को नियमित करने के लिए कैबिनेट संबंधी प्रस्ताव फरवरी में होने वाली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।

RBSK : दो करोड़ से अधिक बच्चों का होगा स्वास्थ्य परीक्षण


राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में 16 साल तक के बच्चों की होगी जांच

लखनऊ। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) में दो करोड़ से अधिक बच्चों के स्वास्थ्य की जांच होगी। इसमें 16 साल तक के बच्चे व किशोर शामिल हैं। प्रदेश भर में लागू इस कार्यक्रम के लिए प्रत्येक ब्लॉक में दो-दो मोबाइल हेल्थ टीमें गठित की गई हैं। ये सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों, मदरसों, बाल श्रम, महिला समाख्या व समाज कल्याण विभाग के स्कूलों, अनाथालयों और बाल अपराध गृह के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगी। इसके लिए दोनों टीमों को अलग-अलग मोबाइल हेल्थ वैन भी उपलब्ध कराई जाएगी।

Government Leave 17 अप्रैल को होगा चंद्रशेखर की जयंती का सार्वजनिक अवकाश : जन्मतिथि को लेकर भ्रम हुआ दूर