Wednesday, October 15, 2014

अब आइटी की पढ़ाई करेंगे यूपी बोर्ड के छात्र

  • पांच कमेटियां गठित, एलान शेष
  • परिषद ने वैकल्पिक विषय के रूप में शुरु करने पर लगाई मुहर
  • युवाओं को हुनरमंद बनाएगा माध्यमिक शिक्षा परिषद



धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद1भारत की इनफार्मेशन टेक्नालॉजी (आइटी) का डंका दुनिया में बज रहा है। इस तकनीक में और महारत हासिल करने के लिए किशोर किशोरियों को इसकी पढ़ाई मिडिल स्कूल से कराए जाने की तैयारी है। अगले शैक्षिक सत्र से यूपी बोर्ड के छात्र इसकी पढ़ाई करेंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने प्रस्ताव पास कर दिया है सिर्फ शासन की मुहर लगना शेष है। 1उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए अपने कदम बढ़ाए हैं। आइटी/आइटीईएस (सूचना तकनीक/सूचना तकनीकी शिक्षा) नामक विषय की पढ़ाई अब यूपी बोर्ड की सूची में दर्ज होने जा रहा है। इस व्यावसायिक पाठ्यक्रम का प्रस्ताव मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा परिषद की बैठक में पारित कर दिया गया। यह विषय कक्षा नौ से बारह तक पढ़ाया जाना है। इस समय बोर्ड के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट विषयों का जो चयन है उसमें परिषद छेड़छाड़ करने को तैयार नहीं है। यदि नए पाठ्यक्रम को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया जाता तो परिवर्तन होना तय था, ऐसे में आइटी को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। दरअसल इस व्यावसायिक पाठ्यक्रम का प्रस्ताव ग्वालियर मध्य प्रदेश की व्यावसायिक शिक्षा परिषद ने यूपी बोर्ड को भेजा था। ग्वालियर के परिषद का जोर था कि इस विषय को अनिवार्य के रूप में शुरू किया जाए। साथ ही केंद्र सरकार इसमें सहायता भी करेगी, लेकिन यूपी बोर्ड ने इस पर सहमति नहीं दी है, बल्कि युवाओं पर छोड़ दिया है कि वह अपने मन से विषयों का चुनाव कर लें। यह जरूर है कि यूपी बोर्ड में अब विषयों की संख्या बढ़कर तीन दर्जन हो जाएगी। अब तक 35 विषय थे जो अब बढ़कर 36 हो जाएंगे। अपर सचिव कामता राम पाल ने बताया कि परिषद की बैठक में आइटी विषय का प्रस्ताव पारित हो गया है।इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद की नई टीम की मंगलवार को पहली बैठक हुई जिसमें पाठ्यचर्या कमेटी, परीक्षा कमेटी, मान्यता कमेटी, वित्त समिति और महिला समिति सहित कुल पांच कमेटियों का गठन किया गया है। हर समिति में पांच से सात सदस्य हैं। यह गठन माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा की अध्यक्षता एवं परिषद की सचिव शकुंतला देवी यादव की मौजूदगी में हुआ। कहा जा रहा है कि अब इन समितियों का शासन स्तर पर अनुमोदन लिया जाएगा और फिर उनका एलान होगा। बैठक में सभी मनोनीत सदस्य और अधिकांश पदेन सदस्य उपस्थित थे। बैठक करीब तीन घंटे तक चली, तमाम अफसर खराब मौसम के कारण यहां नहीं पहुंच सके


News Sabhar : Amar Ujala (15.10.14)

फ्लिपकार्ट को 1000 करोड़ रूपए का नोटिस, ईडी कर सकता है भारी जुर्माना

Flipkart Receives 1000 Crore Rupees Notice from ED (Enforcement Directorate)

Flipkart Receives 1000 Crore Rupees Notice from ED (Enforcement Directorate),
It is in News that heavy selling in retail market may invite penalty under FEMA (Foreign Exchange Management Act) Regulations
आनलाइन बहुब्रांड खुदरा कारोबार करने वाली देश की प्रमुख कंपनी फ्लिपकार्ट को दिवाली धमाका सेल (बिग बिलियन डे) के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस जारी किया है। निदेशालय ने फ्लिपकार्ट को भेजे नोटिस में कहा है कि जिस तरह से धमाका सेल के जरिये ग्राहको से सीधा कारोबार किया गया उसमें खुदरा कारोबार के नियमों का उल्लंघन तो नहीं हुआ है। इसके साथ फ्लिपकार्ट पर विदेशी निवेश के मामले में फेमा के उल्लंघन का आरोप भी लगा है।
सेल शुरू होते की कंपनी की वेबसाइट क्रैश हो गई थी। इसके बावजूद उसने उस दिन 10 घंटे में 600 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया था। फ्लिपकार्ट की इस पेशकश को मिली सफलता के बाद खुदरा कारोबारियों की नींद हराम हो गयी और खुदरा कारोबारियों के शीर्ष संगठन कैट केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण के पास पहुंच गया। सीतारमण ने संगठन के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद कहा था कि फ्लिपकार्ट की पेशकश पर बहुत सी शिकायतें मिली है। सरकार इस पर विचार करेगी
सूत्रों का कहना है कि इडी ने फ्लिपकार्ट पर सीधे रिटेल कारोबार करने का आरोप लगाया है. दरअसल, -कॉमर्स में सीधे रिटेल कारोबार की इजाजत नहीं है. फ्लिपकार्ट ने विदेशी सब्सिडियरी के जरिए भारत में निवेश किया है. फ्लिपकार्ट ने एफडीआइ के जरिए 18 करोड़ डॉलर जुटाए हैं. लेकिन -कॉमर्स के जरिए मल्टीब्रांड में एफडीआइ जुटाना फेमा का उल्लंघन माना जाता है.
सूत्नों की मानें तो इडी ने फ्लिपकार्ट के बिजनेस मॉडल को नियमों के खिलाफ बताया है. उधर, इडी को अमेजॉन के खिलाफ जांच में कुछ नहीं मिला है. इडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि अमेजॉन सीधे रिटेल कारोबार नहीं करती और वो मार्केट प्लेस फॉर्मेट पर काम करती है.
क्या होगा फ्लिपकार्ट का भविष्य
भारत में कम ही समय में -कामर्स का पर्याय बन चुकी फ्लिपकार्ट के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. 2007 में सचिन बंसल बिन्नी बंसल नाम के दो युवाओं द्वारा शुरू की गयी कंपनी का नाम बच्चे-बच्चे की जुबान पर चढ़ चुका है. चार लाख रुपये से शुरू की गयी इस कंपनी में टाइगर ग्लोबल, एक्सल इंडिया आदि के जरिये भारी पूंजी निवेश हुआ है. पिछले साल इस कंपनी ने भारी निवेश जुटाया था.
10 हजार कर्मचारियों एक बिलियन डॉलर पूंजी वाली इस कंपनी ने एक अन्य -कॉमर्स कंपनी मिंत्र का हाल में अधिग्रहण भी किया. पर, फ्लिपकार्ट पर जिस तरह फेमा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा है, उससे उसे आनेवाले दिनों में कारोबार करने में दिक्कतें आयेंगी. हाल में जब उसने विदेशों से बड़ी मात्र में पैसे जुटाये, तो बाजार पर नजर रखने वाले उसकी तुलना इन्फोसिस से कर रहे थे और यह उम्मीद जता रहे थे कि आने वाले दिनों में इस -कॉमर्स कंपनी का उसी तरह विस्तार होगा. लेकिन उस पर लगे ताजा आरोपों के बाद उसका भविष्य गर्द की गुबार में गुम होता दिखा रहा है

इस बीच सूत्रों ने बताया कि निदेशालय ने नोटिस में कंपनी पर जुर्माने का भी जिक्र किया है लेकिन यह कितना है पता नहीं चल पाया है। इससे जुड़े एक अन्य सूत्र की माने तो फ्लिपकार्ट पर एक हजार करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। उल्लेखनीय है कि फ्लिपकार्ट ने गत छह अकटूबर को सबुह आठ बजे धमाका सेल की पेशकश की थी और इसके तहत उसने कुछ बडी कंपनियों के उत्पादों पर 9 प्रतिशत तक की छूट की पेशकश की थी।

2825 Teacher Recruitment :17 जिलों के पात्रों की सूची एनआईसी को

प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती
  • सभी जिलों के पात्रों की सूची दो दिन में
  • 17 जिलों के पात्रों की सूची एनआईसी को

लखनऊ ( ब्यूरो) राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद पात्र पाए गए 17 जिलों के अभ्यर्थियों की सूची नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) को दे दी है। शेष जिलों की सूची जिलों से दो दिन में मिलने के बाद दे दी जाएगी। पात्र मिले अभ्यर्थियों के नाम तीसरे चरण की काउंसलिंग से हटा दिए जाएंगे।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में दूसरे चरण की काउंसलिंग समाप्त होने के बाद सभी जिलों से सूचना मिल चुकी है। जानकारी के मुताबिक 59 से 61 फीसदी के बीच पदों के भरे जाने की सूचना मिल रही है, लेकिन पात्रों की सूची दो दिन के अंदर आने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि कुल कितने पद भरे।
इन जिलों से मिली पात्रों की सूची
जालौन, झांसी, कौशांबी, महराजगंज, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रामपुर, अमरोहा, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, बुलंदशहर, चंदौली, देवरिया, फैजाबाद गोंडा से मिली पात्रों की सूची एनआईसी को दे दी गई है।


News Sabhaar : Amar Ujala (15.10.14)

शिक्षक भर्ती में टीईटी-11 के 82 अंक वालों को भी मौका

72825 ki 2011 ki bharti me 82 number wale bhi banege TEACHER...

अब जुलाई के बजाय अप्रैल से यूपी बोर्ड का सत्र


Publish Date:Tue, 14 Oct 2014 06:47 PM (IST) | Updated Date:Tue, 14 Oct 2014 06:47 PM (IST)

अब जुलाई के बजाय अप्रैल से यूपी बोर्ड का सत्र

लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) का शैक्षिक सत्र जुलाई के बजाय अप्रैल से शुरू होगा। माध्यमिक विद्यालयों का समय भी जल्द बदला जाएगा। जिन राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में जरूरत होगी, उनमें दो पालियों में पढ़ाई करायी जाएगी।
आज यहां राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने यह घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि सीबीएसइ की तर्ज पर वर्ष 2015 से यूपी बोर्ड का सत्र भी अप्रैल से शुरू किया जाएगा। वह चाहते हैं कि यूपी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के बच्चों का दो महीने का समय न बर्बाद हो। सीबीएसइ से मान्यताप्राप्त स्कूलों की तरह वे भी अप्रैल और मई में पढ़ाई करें।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनसे लगातार मांग की जा रही है कि बालिकाओं की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूलों के समय में बदलाव किया जाए। लिहाजा वह माध्यमिक विद्यालयों का समय बदलने जा रहे हैं ताकि बालिकाएं समय से और सुरक्षित घर पहुंच जाएं। इन विद्यालयों का समय सुबह 9.50 की बजाय 8.50 बजे शुरू होगा और दोपहर 2.30 बजे स्कूल बंद कर दिये जाएंगे। इससे पहले राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय महामंत्री छाया शुक्ला ने लखनऊ में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को दो पालियों में संचालित करने की मांग की थी।
राजकीय शिक्षकों को एसीपी का तोहफा
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 15 हजार शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की तरह 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा पर स्तरोन्नयन वेतनमान (एसीपी) का लाभ मिलेगा। माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने यह एलान किया। उन्होंने कहा कि राजकीय शिक्षकों को एसीपी का लाभ दिलाने के लिए वह तुरंत कार्यवाही करेंगे और इसमें आड़े आने वाले सारे व्यवधानों से निपट लेंगे। राजकीय शिक्षकों की प्रमोशन की प्रक्रिया को सरल किया जाएगा। राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सात हजार और सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य पदों पर प्रोन्नति के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की नियमित बैठकें करायी जाएंगी। माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने एक तरफ शिक्षकों को एसीपी का लाभ दिये जाने का एलान किया तो दूसरी ओर उन्हें आईना भी दिखाया।
उन्होंने पूछा कि आखिर क्या वजह है कि महीने में चार हजार रुपये पगार पाने वाले वित्तविहीन स्कूलों के टीचर 60 हजार रुपये तनख्वाह पाने वाले राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों से बेहतर रिजल्ट देते हैं। उन्होंने शिक्षकों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि बीते पांच वर्षों में आपके स्कूल के किसी छात्र का आइआइटी में चयन हुआ हो तो बताइये। बिहार हमसे पिछड़ा है लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा में वहां के छात्र बाजी मार ले जाते हैं। यह भी कहा कि उन्हें बखूबी मालूम है कि उनके सामने सरकारी स्कूलों का जो रिजल्ट रखा जाता है, वह कैसे आता है। उन्होंने शिक्षकों से कहा 'पूरी ताकत लगा दीजिए, इस बार मैं नकल नहीं होने दूंगा।' उन्होने शिक्षकों से ब'चों को शिष्टाचार सिखाने पर जोर दिया।
इससे पहले राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष पारसनाथ पांडेय ने संघ की ओर से 11 सूत्री मांगें मंत्री के सामने प्रस्तुत कीं। वहीं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि जो मंत्री या अधिकारी शिक्षकों के साथ अन्याय करता है, वह कभी सुखी नहीं रहा। उद्घाटन सत्र को संघ की प्रांतीय महामंत्री छाया शुक्ला और वरिष्ठ उपाध्यक्ष रजनीश तिवारी ने भी संबोधित किया।

30 हजार शिक्षकों की भर्ती

राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सात हजार और सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य पदों पर प्रोन्नति के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की नियमित बैठकें करायी जाएंगी।

17 जिलों के पात्रों की सूची एनआईसी को


लखनऊ ( ब्यूरो)। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद पात्र पाए गए 17 जिलों के अभ्यर्थियों की सूची नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) को दे दी है। 

शेष जिलों की सूची जिलों से दो दिन में मिलने के बाद दे दी जाएगी। पात्र मिले अभ्यर्थियों के नाम तीसरे चरण की काउंसलिंग से हटा दिए जाएंगे।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में दूसरे चरण की काउंसलिंग समाप्त होने के बाद सभी जिलों से सूचना मिल चुकी है। जानकारी के मुताबिक 59 से 61 फीसदी के बीच पदों के भरे जाने की सूचना मिल रही है, लेकिन पात्रों की सूची दो दिन के अंदर आने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि कुल कितने पद भरे।

इन जिलों से मिली पात्रों की सूची

जालौन, झांसी, कौशांबी, महराजगंज, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रामपुर, अमरोहा, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, बुलंदशहर, चंदौली, देवरिया, फैजाबाद व गोंडा से मिली पात्रों की सूची एनआईसी को दे दी गई है।

प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती

सभी जिलों के पात्रों की सूची दो दिन में

पीसीएस-प्री 2014 की वैधता को चुनौती


इलाहाबाद ( ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2014 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रदेश सरकार और उप्र लोकसेवा आयोग से जानकारी मांगी है। याचिका पर 16 अक्तूबर को सुनवाई होगी। प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने 26 सितंबर को घोषित परिणाम रद्द करने की मांग की है। याचिका पर न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और डॉ. सतीश चंद्रा की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।

सुभाष कुमार पाल और 23 अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर पक्ष रखते हुए अधिवक्ता संतोष श्रीवास्तव का कहना था कि प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्नपत्र में पूछे गए 20 सवाल गलत हैं या उनके उत्तर गलत दिए गए हैं। इसी प्रकार से सम अंकों वाले प्रश्नों में अभ्यर्थियों को विषम संख्या में अंक दिए गए हैं और विषम अंकों वाले प्रश्नों में सम संख्या में अंक दिए गए हैं। आयोग द्वारा अपनाई गई स्केलिंग की पद्धति को भी याचिका में दोषपूर्ण बताया गया है। आयोग द्वारा जारी की गई उत्तर कुंजी से मिलान करने पर कई अभ्यर्थियों का दावा है कि उनके प्राप्ताकों में 25 अंक तक का उतार या चढ़ाव है। याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने आयोग और प्रदेश सरकार को इस मामले पर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए सुनवाई के लिए 16 अक्तूबर की तिथि नियत की है।

हाईकोर्ट ने मांगी उप्र लोकसेवा आयोग, सरकार से जानकारी