Saturday, November 9, 2013

डाक भर्ती परीक्षा के परिणाम घोषित




लखनऊ। बीती 19 मई को आयोजित हुई पोस्टल असिस्टेंट, शॉर्टिंग असिस्टेंट और एसबीसीओ के पदों की भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया गया। इलाहाबाद, गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर रीजन के लिए 366 रिक्तियों के उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र भेज दिया गया है। जबकि आगरा और बरेली रीजन का परिणाम शनिवार को घोषित किया जाएगा। परिणाम चीफ पोस्ट मास्टर जनरल कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिया गया है। साथ ही डाक विभाग की वेबसाइट (
www.indiapost.gov.in ) पर भी देखा जा सकता है।
 


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टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने लिया सोशल नेटवर्किग साइट्स का सहारा



अब शुरू हुआ फेसबुकिया आंदोलन

शरद द्विवेदी, इलाहाबाद

दो साल पहले मिस्र में सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए जिस तरह से एक आंदोलन खड़ा हुआ और देश में सरकार बदल गई। इसके बाद भारत में भी किसी मांग को लेकर आवाज उठाने में सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल बढ़ गया है। शिक्षकों की रुकी भर्ती प्रक्रिया को शुरू कराने को लेकर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने फेसबुक से आवाज उठानी शुरू कर दी है। अब तक अस्सी हजार लोगों ने इस फेसबुक पेज को पसंद किया है। शिक्षा निदेशालय में चल रहे विरोध प्रदर्शन की अपडेट भी फेसबुक पर रोजाना की जा रही है।

इसके माध्यम से अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी है। वह अपनी दयनीय आर्थिक स्थिति का हवाला देकर लोगों से समर्थन मांग रहे हैं। वहीं शिक्षा निदेशालय पर क्रमिक अनशन, जनसंपर्क हस्ताक्षर अभियान जारी है। वहीं टीईटी अभ्यर्थियों की मुश्किलों का पूरा ब्यौरा इस वेबसाइट पर दिया गया है।

साझा की जा रही दास्तान

मैं चार रात साइबर कैफे में गुजार कर अपना फार्म भर पाया। सात जिलों में आवेदन करने के लिए फीस नहीं थी तो रिश्तेदारों से कर्ज लिया। लोगों ने इस उम्मीद से पैसा दे दिया कि जुलाई से नौकरी लग जाएगी तो पैसे वापस कर दूंगा। फेसबुक पेज पर रामपुर के सुजीत ने अपनी दास्तान साझा की है।

प्रतापगढ़ के पवन तिवारी ने लिखा है कि सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है। अगर इतनी गड़बड़ी थी तो फिर भर्ती के लिए आवेदन पत्र नहीं लेना चाहिए था। बलरामपुर की संध्या का कहना है कि यह सब भ्रष्टाचार के चलते हो रहा है।

53वें दिन जारी रहा क्रमिक अनशन

इलाहबाद : शिक्षकों की रुकी भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने की मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय पर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का क्रमिक अनशन शुक्रवार को 53वें दिन जारी रहा। वह परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 72825 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने की मांग कर रहे हैं। इसमें हिमांशु, गौरव बाबू सिंह, पवन गुप्त, लालचंद्र, सुनील, राम प्रकाश, प्रदीप विश्वकर्मा, रतनदीप, राम सिंह, आशीष मौर्य, प्रभात, मनोज शामिल रहे।
 


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टीईटी मामले में निर्णय सुरक्षित, फैसला 20 को

 इलाहाबाद (एसएनबी) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों के खाली 72,825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में टीईटी अंक मानक रखने या क्वालिटी प्वाइंट अंक (गुणांक) रखने के मामले को लेकर चल रहे विवाद पर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। कोर्ट अपना निर्णय 20 नवम्बर को सुनायेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अशोक भूषण तथा न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की खण्डपीठ ने दिया है। कोर्ट के समक्ष प्रश्न है कि विशिष्ट बीटीसी चयनित अभ्यर्थियों में से नियुक्ति पाने से वंचित टीईटी उत्तीर्ण को वरीयता दी जानी चाहिए या नहीं। कोर्ट में यह भी प्रश्न है कि टीईटी मेरिट को भी नियुक्ति के समक्ष शैक्षिक योग्यता अंक के साथ रखा जाए या केवल शैक्षिक अंकों के आधार पर मेरिट के तहत नियुक्ति की जाए। कई अन्य मसले हैं जिनका हल निकाला जाना है।
 Souce: Rastriya Sahara Lucknow...


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टीईटी मेरिट मात्र चयन का आधार नहीं

 उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में रखा अपना पक्ष
अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। प्रदेश में 72825 सहायक अध्यापकों के चयन नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट में चल रही बहस शुक्रवार को पूरी हो गई है। अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है। इसे 20 नवंबर को सुनाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने बहस के दौरान अपना पक्ष रखते हुए साफ किया है कि टीईटी के प्राप्तांक मात्र के आधार पर चयन की मेरिट नहीं बन सकती है। एनसीटीई की गाइड लाइन भी ऐसा कोई आदेश नहीं देती है।
याचिका पर प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए ही 15 वां संशोधन किया गया है। इसके बाद से अब चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया साफ हो गई है। नवंबर 2011 के विज्ञापन में मात्र टीईटी प्राप्तांक को ही मेरिट का आधार बनाया गया था। नियमावली में संशोधन से अब यह स्थिति साफ हो गई है। चयन किस आधार पर किया जाएगा यह तय करना सरकार का विशेषाधिकार है।
याचीगण की ओर से अधिवक्ता शैलेंद्र, नवीन कुमार शर्मा आदि ने सरकार की इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि फुलबेंच ने भी अपने निर्णय में टीईटी प्राप्तांक को मेरिट में शामिल करने की बात कही है। प्रदेश सरकार ने बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती कर ली जबकि बीएड डिग्री धारकोें के साथ भेदभाव किया गया।
सरकार की ओर से यह भी दलील दी गई कि टीईटी 2011 में व्यापक धांधली होने के कारण ही चयन प्रक्रिया प्रभावित हुई। इस पर मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने टिप्पणी की कि यदि धांधली हुई थी तो सरकार के पास परीक्षा रद करने काविकल्प था। कोर्ट ने पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया है। फैसला 20 नवंबर को सुनाया जाएगा।