-एमएचआरडी
ने सर्वेक्षण के
हवाले से दी
जानकारी
दिल्ली
(एजेंसियां)। सर्व
शिक्षा अभियान एवं कई
अन्य योजनाओं के
जरिए बच्चों को
स्कूल पहुंचाने की
तमाम कवायद के
बावजूद छह से
13 वर्ष के 80 लाख बच्चे
अभी भी स्कूली
शिक्षा के दायरे
से बाहर हैं
जिसमें करीब 18 लाख बच्चे
मुस्लिम समुदाय के हैं।
मानव संसाधन विकास
मंत्रालय (एमएचआरडी) ने आईएमआरडी
के सर्वेक्षण के
हवाले से कहा
कि 2009 में मुस्लिम
समुदाय के 18.75 लाख बच्चे
स्कूली शिक्षा के दायरे
से बाहर हैं
जिनमें उत्तर प्रदेश के
करीब 10 लाख बच्चे,
पश्चिम बंगाल के 2.5 लाख
बच्चे और बिहार
के 2.3 लाख बच्चे
स्कूली शिक्षा के दायरे
से बाहर हैं।
मंत्रालय के एक
अधिकारी ने कहा
कि मंत्रालय 31 अक्टूबर
2013 को विभिन्न पक्षों के
साथ इस विषय
पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक
शिक्षा निगरानी समिति की
बैठक में चर्चा
करेगा।
उन्होंने
कहा कि राज्यों
से आग्रह किया
गया है कि
मदरसा और मकतबों
में जाने वालों
में वैसे बच्चे
जो स्कूली शिक्षा
के दायरे से
बाहर रह गए
हैं, उन्हें स्कूलों
मदरसों में भेजने
की व्यवस्था की
जाए। सरकारी आंकड़ों
के मुताबिक, देश
में 7828 पंजीकृत मदरसों एवं
मकतबों में अभी
10.1 लाख बच्चे पढ़ते हैं
जबकि 4040 गैर मान्यता
प्राप्त मदरसों एवं मकतबों
में 1.6 लाख मुस्लिम
बच्चे शिक्षा प्राप्त
कर रहे हैं।
अधिकारी ने बताया
कि इन्हीं स्थितियों
को ध्यान में
रखते हुए सर्व
शिक्षा अभियान के तहत
मुसलमानों की अच्छी
खासी आबादी वाले
88 जिलों की पहचान
की गई है
और यहां बच्चों
की शिक्षा को
बढ़ावा देने के
लिए वित्त वर्ष
2013-14 के दौरान 829220 लाख रुपए
आवंटित किए गए
हैं। तीन वष्रो
में प्रारंभिक शिक्षा
में मुस्लिम बच्चों
के दाखिले में
29.44 प्रतिशत और उच्च
प्राथमिक स्तर पर
67 प्रतिशत की वृद्धि
दर्ज की गई
है। मुस्लिम लड़कियां
और लड़कों का
अनुपात उच्च प्राथमिक
स्तर पर 2008-09 में
0.98 से बढ़कर 2011-12 के दौरान
1.05 हो गया है।
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