Saturday, October 19, 2013

18 लाख मुस्लिम -बच्चे स्कूली शिक्षा के दायरे से हैं बाहर





-एमएचआरडी ने सर्वेक्षण के हवाले से दी जानकारी

दिल्ली (एजेंसियां) सर्व शिक्षा अभियान एवं कई अन्य योजनाओं के जरिए बच्चों को स्कूल पहुंचाने की तमाम कवायद के बावजूद छह से 13 वर्ष के 80 लाख बच्चे अभी भी स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर हैं जिसमें करीब 18 लाख बच्चे मुस्लिम समुदाय के हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने आईएमआरडी के सर्वेक्षण के हवाले से कहा कि 2009 में मुस्लिम समुदाय के 18.75 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर हैं जिनमें उत्तर प्रदेश के करीब 10 लाख बच्चे, पश्चिम बंगाल के 2.5 लाख बच्चे और बिहार के 2.3 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय 31 अक्टूबर 2013 को विभिन्न पक्षों के साथ इस विषय पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा निगरानी समिति की बैठक में चर्चा करेगा।
उन्होंने कहा कि राज्यों से आग्रह किया गया है कि मदरसा और मकतबों में जाने वालों में वैसे बच्चे जो स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर रह गए हैं, उन्हें स्कूलों मदरसों में भेजने की व्यवस्था की जाए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 7828 पंजीकृत मदरसों एवं मकतबों में अभी 10.1 लाख बच्चे पढ़ते हैं जबकि 4040 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों एवं मकतबों में 1.6 लाख मुस्लिम बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि इन्हीं स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सर्व शिक्षा अभियान के तहत मुसलमानों की अच्छी खासी आबादी वाले 88 जिलों की पहचान की गई है और यहां बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान 829220 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं। तीन वष्रो में प्रारंभिक शिक्षा में मुस्लिम बच्चों के दाखिले में 29.44 प्रतिशत और उच्च प्राथमिक स्तर पर 67 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मुस्लिम लड़कियां और लड़कों का अनुपात उच्च प्राथमिक स्तर पर 2008-09 में 0.98 से बढ़कर 2011-12 के दौरान 1.05 हो गया है।
 


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Friday, October 18, 2013

एक विद्यालय ऐसा भी




कुशीनगर : एक तरफ जहां संसाधन व शिक्षक के अभाव में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षण स्तर में दिन-प्रतिदिन गिरावट की बात हो रही वहीं एक विद्यालय ऐसा भी है जहां के बच्चे निजी स्कूलों को मात दे रहे हैं। यहां तैनात शिक्षकों की दृढ़ इच्छा शक्ति व लगन से ऐसा हो सका है जो अब क्षेत्र के लिए नजीर बना हुआ है।
हम बात कर रहे हैं सेवरही विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय परसौन की। दैनिक प्रार्थना के उपरांत कतारबद्ध बच्चों में अपरिचित के आने पर भी खड़े हों उसका संस्कारित रुप में अभिवादन करना, उनके व्यवहार में है। इतना ही नहीं सामान्यत: सरकारी स्कूलों में कमजोर अंग्रेजी की अभिभावकों के पारंपरिक सोच को झुठलाते हुए यहां बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी में आपको बात करते मिल जाएंगे।
अनुशासन व एकता की डोर में बंधे बच्चे शिक्षक कार्य के दौरान अपने सहपाठियों को पूरा सम्मान देते हुए उनकी मदद को भी तत्पर रहते हैं। ऐसा कैसे के सवाल पर प्रधानाध्यापक राजेश कुमार श्रीवास्तव, सहायक अध्यापक विनोद कुमार सिंह, शिक्षा मित्र गण कन्हैया प्रसाद व आशा बताती हैं कि यहां बच्चों को संस्कारित बनाना पहली प्राथमिकता है। इसके बाद शिक्षा की राह भी आसान हो जाती है।
उपस्थिति भी बेहतर
- गुरुवार को विद्यालय में कक्षा 1 में नामांकित 62 के सापेक्ष 54, कक्षा 2 में 63 के सापेक्ष 39, कक्षा 3 में 29 के सापेक्ष 19, कक्षा 4 में 23 के सापेक्ष 14 व कक्षा 5 में 26 के सापेक्ष 18 बच्चे उपस्थित मिले।
मन से हो प्रयास तो कुछ भी मुश्किल नहीं : प्रधानाध्यापक
- प्रधानाध्यापक राजेश श्रीवास्तव कहते हैं कि मन से प्रयास हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। स्नेह भरे वातावरण की ही देन है कि विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 95 फीसद से अधिक की रहती है। अभिभावक भी बच्चों से संतुष्ट रहते हैं।
विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष कपिलदेव प्रसाद व प्रधान प्रतिनिधि ग्यासुद्दीन अंसारी कहते हैं कि अभिभावक अपने पाल्यों की पढ़ाई से संतुष्ट है।
 


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पारदर्शी बनेगी टीजीटी व पीजीटी की चयन परीक्षा


मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी, पीजीटी की चयन परीक्षा को और पारदर्शी बनाने का निर्णय लिया है। चयन परीक्षा की ओप्टिकल मार्कस रीडर(ओएमआर) शीट की डुप्लीकेट कॉपी अब अभ्यर्थी घर ले जा सकेंगे। यह व्यवस्था चयन बोर्ड पहली बार करने जा रहा है। जानकारी पत्रकार वार्ता में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डा.देवकी नंदन ने कही। श्री देवकी नंदन मुरादाबाद बरेली मंडल के डीआइओएस जेडी के अध्याचन संबंधी समीक्षा बैठक लेने आए थे।

चयन बोर्ड के अध्यक्ष देवकी नंदन ने कहा कि चयन बोर्ड के प्रश्न पत्र के उत्तर भी वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूड ब्ल्यू. यूपीएसईएसएसबी. आरजी पर डालने का निर्णय लिया है। यह उत्तर चयन परीक्षा के एक दो दिन बाद ही डाल दिए जाएंगे इनमें जो आपत्ति आएंगी उनके निस्तारण के बाद परिणाम घोषित होगा लेकिन अभी उच्च न्यायालय में चयन परीक्षा पर रोक है। रोक हटने पर यह परीक्षा नई व्यवस्था के तहत ही होगी। उन्होंने कहा कि चयन बोर्ड गुणवत्ता युक्त शिक्षकों की भर्ती पर जोर दे रहा है, जिसमें चयन प्रक्रिया में ओर शर्ते भी लागू हो सकती हैं।

Updated on: Fri, 18 Oct 2013 01:54 AM (IST)
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सीटीईटी परीक्षा 16 फरवरी को होगी



इलाहाबाद (डीएनएन) केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) परीक्षा का आयोजन आगामी 16 फरवरी 2014 को करने का निर्णय किया है। इस मामले की अधिसूचना जारी कर दी गयी है। जारी की गयी अधिसूचना के अनुसार उम्मीदवार 31 अक्टूबर 2013 तक सीटीईटी वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सीबीएसई केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के द्वारा एक से आठवीं कक्षा तक के शिक्षक की नियुक्ति के लिए योग्य उम्मीदवार का चयन करता है। इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन 11 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। आवेदकों द्वारा इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है। कन्फर्मेशन पेज को भेजने की अंतिम तिथि 7 नवम्बर तय है। सीटीईटी के कुल दो प्रश्न पत्रों में परीक्षा ली जायेगी। परीक्षा आयोजन के समय में बदलाव किया गया है। नये कार्यक्रम के अनुसार अब पहला प्रश्न-पत्र 16 फरवरी को अपरान्ह दो बजे से 4.30 बजे तक आयोजित होगा। दूसरा प्रश्नपत्र सुबह 9.30 बजे से 12 बजे की अवधि में सम्पन्न किया जायेगा। प्रश्नपत्रों को हल करने के लिए ढाई घंटे का समय तय किया गया है। सीटीईटी परीक्षा वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पी प्रश्नों की होगी। कोई भी निगेटिव मार्किंग नहीं होगी। विशेष जानकारी के लिए 222.ष्ह्लद्गह्ल.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ पर देखा जा सकता है।


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