Wednesday, October 2, 2013

शिक्षक भर्ती में 40 साल वालों को मौका


आवेदन की तिथि 11 अक्टूबर तक बढ़ी
लखनऊ : परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान विषयों के 29,334 शिक्षकों की भर्ती के लिए अब 40 साल तक की आयु वाले अभ्यर्थियों को मौका दिया गया है। आवेदन की अंतिम तिथि 11 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी गई है। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 35 से 40 वर्ष करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग कैबिनेट से इस आशय का प्रस्ताव भी मंजूर कराने जा रहा है।1 परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष है। इसी आधार पर परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान शिक्षकों की भर्ती में भी अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष रखी गई। जबकि राज्य सरकार ने पिछले साल सरकारी सेवाओं में अधिकतम आयु सीमा को 35 से बढ़ाकर 40 साल कर दिया था।

मोअल्लिम वालों को जल्द नौकरी : सीएम

 मोअल्लिम वालों को जल्द नौकरी : सीएम
लखनऊ (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मोअल्लिम वालों की नौकरी के रास्ते की अड़चन दूर की जा चुकी है। जल्द ही उन्हें नौकरी मिलने लगेगी। उन्होंने बताया कि लैपटॉप में हिंदी, अंग्रेजी के साथ उर्दू भाषा की सुविधा वाले सॉफ्टवेयर डाले गए हैं, ताकि उर्दू वाले बच्चे पीछे न छूट जाएं। सीएम ने वादा किया कि चुनाव घोषणा पत्र में किए वादे के मुताबिक उर्दू को बढ़ावा देंगेे।

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बीटीसी अभ्यर्थियों का हाल




फाॅर्म गलत भरा, अब सुधार भी नहीं पा रहे

अमर उजाला ब्यूरो

लखनऊ। पहले तो गलत फाॅर्म भरा। संशोधन का मौका दिया गया तो भी नहीं सुधार पा रहे। इसके लिए उन्हें तीन-तीन मौके दिए जा चुके हैं। इसी में एक महीना गुजर गया। यह हाल उन अभ्यर्थियों का है जो बीटीसी में दाखिला लेकर शिक्षक बनने का सपना संजोए हैं। शिक्षा विभाग के अफसर अभी तक उनके आवेदन फार्म सुधरवाने में ही जुटे हैं और सत्र लगातार लेट होता जा रहा है। 25 हजार अभ्यर्थियों की गलती की सजा छह लाख से अधिक अभ्यर्थियों को भुगतनी होगी जिनका कोई दोष नहीं है।
बीटीसी-2013 के लिए बीटीसी में दाखिले का विज्ञापन जारी किया गया था। इसके लिए 26 जुलाई से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। उसके बाद 16 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन, 19 अगस्त तक फीस और 22 अगस्त तक फाॅर्म भरकर पूरा करना था। इसमें 6, 68, 700 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इसमें से 25, 901 अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने गलत फाॅर्म भरा था।

चूंकि पिछले साल गलत फाॅर्म भरने वालों को संशोधन का मौका नहीं दिया गया था, इसलिए कोर्ट ने कहा था कि छोटी सी गलती की इतनी बड़ी सजा देना ठीक नहीं। इसी को ध्यान में रखते हुए अभ्यर्थियों को इस बार संशोधन का मौका दिया गया है। इसके लिए 26 अगस्त से दो सितंबर तक संशोधन का मौका दिया गया। इस संशोधित आवेदन की हार्ड कॉपी अभ्यर्थी को डायट में जमा करनी थी। तय तारीख के बाद भी 17 हजार से अधिक अभ्यर्थी ऐसे रह गए जिन्होंने संशोधन की प्रति जमा नहीं की। यह मानते हुए कि यह भी बड़ी संख्या है, इसलिए उन्हें फिर मौका दिया गया। इस तरह 21 सितंबर तक छह हजार से अधिक और फिर 24 सितंबर तक करीब पांच हजार अभ्यर्थी रह गए जिन्होंने संशोधन की प्रति जमा नहीं की है। अब उन्हें चार अक्तूबर तक का आखिरी मौका फिर दिया गया है। चार अक्तूबर के बाद काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने में भी कम से कम 15 दिन लग जाएंगे। उसके बाद त्योहार होने की वजह से नवंबर में काउंसलिंग हो पाएगी। दाखिलों तक दिसंबर चला जाएगा। इस तरह सत्र छह महीने लेट हो जाएगा।

•25 हजार अभ्यर्थियों की गलती की सजा भुगतेंगे छह लाख, सत्र छह महीना लेट होने की आशंका


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यूपी समेत 7 राज्यों में ग्रेजुएट भी बन सकेंगे स्कूल टीचर


नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सहित देश के सात राज्यों को जल्द ही सामान्य स्नातकों को भी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक के रूप में भर्ती करने की छूट मिल सकती है। इन राज्यों में अभ्यर्थियों को टीईटी परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। भर्ती के बाद ऐसे शिक्षकों को अलग से प्रशिक्षण दिलाना होगा। यह सिफारिश शिक्षा मामलों की सर्वोच्च इकाईकैबद्वारा गठित एक कमेटी ने की है।

नेशनल मिशन ऑन टीचर्स एंड ट्रेनिंग पर सुझाव के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में प्राइमरी स्तर पर शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को हल करने की दृष्टि से देश के सभी राज्यों को कुल तीन श्रेणियों में बांटा है। रिपोर्ट में श्रेणी के राज्यों में भविष्य में केवल प्रशिक्षित शिक्षकों की ही भर्ती किए जाने का सुझाव दिया गया है। इस श्रेणी में दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड पंजाब सहित कुल 13 राज्य शामिल हैं। दूसरी श्रेणी उन राज्यों की है, जहां वर्तमान में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं। इन सातों राज्यों में बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित होने से रोकने के लिए तत्काल खाली पदों को भरे जाने के लिए कदम उठाये जाने का सुझाव रिपोर्ट में दिया गया है।

मानव संसाधन मंत्रालय को सौंपी गई इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश समेत सभी सात राज्यों में प्रशिक्षित शिक्षक नहीं मिलने के कारण सामान्य स्नातकों को भी शिक्षक के रूप में भर्ती का अवसर प्रदान करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टीचर्स एलेजिबेलिटी टेस्ट (टीईटी) में पास होने के बाद शैक्षिक योग्यता के आधार पर अभ्यर्थियों को प्राइमरी अपर प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक पद पर नियुक्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए। लेकिन ऐसे शिक्षकों को बाद में ओपेन एंड डिस्टेंस लर्निंग के माध्यम से जरूरी प्रोफेशनल शिक्षा दिलाने की व्यवस्था भी इन राज्यों को करनी होगी।

प्रोफेशनल शिक्षा में छूट पर टीईटी पास करना होगा जरुरी

सिफारिश पर 10 अक्टूबर को लगेगी अंतिम मुहर