Friday, September 13, 2013

फिलहाल नहीं होगा पीसीएस-2011 का साक्षात्कार




लखनऊ (उप ब्यूरो) आरक्षण नीतियों के चलते बैकफुट पर आए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने क्या पीसीएस-2011 का साक्षात्कार फिलहाल नहीं कराने का मन बना लिया है। आयोग ने इलाहाबाद में गुरुवार रात अगले दो माह के लिए साक्षात्कार का जो कार्यक्रम घोषित किया है, उससे तो यही संकेत मिलता है। आयोग के इस कार्यक्रम में सीधी भर्ती के तहत साक्षात्कार के 39 कार्यक्रम घोषित किए गए हैं, लेकिन इसमें पीसीएस-2011 के साक्षात्कार का कोई जिक्र नहीं है। इससे प्रतियोगियों में आक्रोश बढ़ गया है और उनका कहना है कि वे आयोग पर एक बार फिर प्रदर्शन करेंगे।

पीसीएस-2011 का साक्षात्कार कराए जाने को लेकर आयोग की मंशा पहले भी संदेहों की परिधि में रही है। आम तौर पर मुख्य परीक्षा की तिथि घोषित किए जाने के साथ ही या फिर एक-दो दिन के भीतर साक्षात्कार की तिथियां भी घोषित कर दी जाती हैं। लेकिन इस बार एक माह बीत जाने के बाद भी आयोग चुप्पी साधे बैठा है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति खुला आरोप लगा चुकी है कि आयोग और सरकार इस परीक्षा को एक बार फिर अदालती विवाद में उलझाना चाहते हैं इसलिए साक्षात्कार की तिथियां नहीं घोषित की जा रही हैं। गुरुवार रात आयोग ने साक्षात्कार का कार्यक्रम घोषित किया तो उनकी आशंकाओं को बल मिल गया। आयोग ने अगले दो माह के लिए साक्षात्कार का लंबा कार्यक्रम घोषित किया है। इनमें मुख्य रूप से प्रवक्ता पदों के साक्षात्कार होने हैं। इसकी शुरुआत 27 सितंबर से होनी है और 28 अक्टूबर तक साक्षात्कार चलेगा। इसमें पीसीएस परीक्षा-2011 का जिक्र नहीं है। इससे यह आशंका जताई जाने लगी है कि अगले दो माह तक आयोग इस परीक्षा का साक्षात्कार कराने के मूड में नहीं है।

गौरतलब है कि इस परीक्षा में ही आयोग ने त्रिस्तरीय आरक्षण की व्यवस्था लागू की थी और बाद में उसे अपने कदम वापस खींचने पड़े थे।
 


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पृथक पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराएगा अविवि



फैजाबाद : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय सत्र 2013-14 के लिए पृथक पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराएगा। इस बाबत प्रभारी कुलपति व गोरखपुर विवि के कुलपति प्रो. पीसी त्रिवेदी ने तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है, जिससे प्रवेश प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
गौरतलब है कि राज्य स्तरीय पहली संयुक्त पीएचडी प्रवेश परीक्षा का आयोजन अवध विवि ने ही किया था, जबकि नवागत प्रभारी कुलपति ने अब पृथक प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया है। कुलपति ने अपनी पहली पत्रकार वार्ता में ही इसके संकेत दे दिए थे। अहम बात यह है कि संयुक्त पीएचडी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को भी पीएचडी में प्रवेश नहीं मिल सका। माना जा रहा है कि इसी वजह से इस बार पृथक प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। इसके लिए कुलपति प्रो. त्रिवेदी विभागाध्यक्षों को अर्हताधारी शिक्षकों की स्क्रीनिंग कर चार दिनों के भीतर विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही विभागाध्यक्षों को लैपटॉप वितरण के लिए अर्ह शिक्षकों की सूची 24 घंटे के भीतर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने टेलीफोन डायरेक्ट्री के ऑनलाइन व प्रिंट संस्करण के प्रकाशन के लिए विभागाध्यक्षों से विवरण मांगा है। साथ ही स्मार्ट क्लासरूम बनाने के लिए प्रस्ताव भी मांगा है।


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इंटर के राजकीय शिक्षक भी 62 साल में रिटायर होंगे


राज्यमंत्री और सचिव ने जताई सहमति, उम्मीद बढ़ी, समयबद्ध वेतनमान भी देने की तैयारी

लखनऊ(ब्यूरो) माध्यमिक और बेसिक शिक्षकों की तरह इंटर कॉलेजों के राजकीय शिक्षकों की भी सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की उम्मीद बढ़ गई है। इसके साथ ही समयबद्ध वेतनमान भी इन शिक्षकों को देने की तैयारी है। माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विजय बहादुर पाल ने राजकीय शिक्षकों की दोनों मांगों पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री से सिफारिश की है। साथ ही माध्यमिक शिक्षा सचिव जितेंद्र कुमार ने भी विभाग के अफसरों से इस बाबत रिपोर्ट मांगी है।

माध्यमिक और बेसिक शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। राजकीय शिक्षक भी 62 वर्ष की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इसके अलावा वे राजकीय कर्मचारियों की तरह एसीपी की भी मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें तो राजकीय कर्मचारी का लाभ दिया जाता है और माध्यमिक शिक्षकों का। इन्हीं मुद्दों पर राजकीय शिक्षक संघ की बैठक पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री से हुई थी। मंत्री विजय बहादुर पाल ने इन मांगों पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री से इन्हें पूरा करने की सिफारिश की है। उधर, सचिव ने भी शिक्षा अनुभाग-एक दो को अलग से पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने के साथ ही रिपोर्ट मांगी है। एसीपी देने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पहले ही सिफारिश कर चुका है। माना जा रहा है कि जल्द ही कैबिनेट में इन दोनों प्रस्तावों को लाया जाएगा।

उधर, राजकीय शिक्षकों की मांगों पर मंत्री और सचिव की इस सहमति के बाद उन्होंने 19 सितंबर को प्रस्तावित अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है।



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Thursday, September 12, 2013

72825 Teacher Recruitment / UP-TET 2011 : Allahabad High Court Hearing on 13th September 2013




 For Orders
 SPECIAL APPEAL DEFECTIVE                
   2. DF-TU 237/2013   SHIV KUMAR PATHAK AND OTHERS    V.K. SINGH               
                                                       G.K. SINGH
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLA- 150/2013   NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS     ABHISHEK SRIVASTAVA      
                                                       SHASHI NANDAN
                                                       ASHEESH MANI TRIPATHI
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       C.B.YADAV
                                                       BHANU PRATAP SINGH
 WITH SPLA- 149/2013   SUJEET SINGH AND OTHERS         NAVIN KUMAR SHARMA       
                                                       SHAILENDRA
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH SPLA- 152/2013   RAJEEV KUMAR YADAV              SADANAND MISHRA          
                                                       SEEMANT SINGH
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       SHYAM KRISHNA GUPTA
 WITH SPLA- 159/2013   ANIL KUMAR AND OTHERS           SIDDHARTH KHARE          
                                                       ASHOK KHARE
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLA- 161/2013   ALOK SINGH AND OTHERS           ABHISHEK SRIVASTASVA     
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
                                                       R.A. AKHTAR
 WITH SPLA- 205/2013   AMAR NATH YADAV AND OTHERS      PANKAJ LAL               
                                                       INDRA RAJ SINGH
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       MRIGRAJ SINGH
                                                       B.P. SINGH
                                                       S. NADEEM AHMAD
 WITH SPLA- 206/2013   YAJUVENDRA SINGH CHANDDEL AND   KSHETRESH CHANDRA SHUKLA 
                       -ANOTHER
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
 WITH SPLA- 220/2013   AMITESHWARI DUBEY AND OTHERS    MANOJ KUMAR DUBEY        
                       Vs. STATE OF U.P. THRU' SECRY.  C.S.C.                   
                       - BASIC EDUCATION LOK. AND ORS. A.K. YADAV
                                                       R.A. AKHTAR
 WITH SPLA- 244/2012   DR. PRASHANT KUMAR DUBEY        ALOK MISHRA              
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH SPLA- 246/2013   PRIYANKA BHASKAR AND OTHERS     VIJAY SHANKAR TRIPATHI   
                                                       VINOD SHANKAR TRIPATHI
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       RAM CHANDRA SINGH
 WITH SPLA- 248/2013   UMA SHANKER PATEL AND OTHERS    NAVIN KUMAR SHARMA       
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLA- 249/2013   DEVESH KUMAR AND OTHERS         NAVIN KUMAR SHARMA       
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       MRIGRAJ SINGH
                                                       R.A. AKHTA R
 WITH SPLA- 261/2013   SANJAY KUMAR AND OTHERS         HEMANT KUMAR RAI         
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.B. PRADHAN
 WITH SPLA- 262/2013   SANJAY KUMAR AND OTHERS         HEMANT KUMAR RAI         
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH SPLA- 264/2013   RAMA TRIPATHI AND OTHERS        HEMANT KUMAR RAI         
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH SPLA- 265/2013   NAGENDRA KUMAR YADAV AND OTHER  NAVIN KUMAR SHARMA       
                       -S
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       SANJAY CHATURVEDI
 WITH SPLA- 266/2013   HARVENDRA SINGH AND OTHERS      NAVIN KUMAR SHARMA       
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       Y.S. BOHAR
 WITH SPLA- 268/2013   RAJIV KUMAR SRIVASTAVA AND OTH  NAVIN KUMAR SHARMA       
                       -ERS
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       B.P. SINGH
 WITH SPLA- 307/2013   VINEET KUMAR SINGH AND OTHERS   JAGDISH PATHAK           
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLA- 333/2013   SATENDRA SINGH AND OTHERS       R.K. MISHRA              
                                                       G.K. MISHRA
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       H.K. YADAV
                                                       ILLEGIBLE
 WITH SPLAD-200/2013   RAJPAL SINGH AND OTHERS         MURTUZA ALI              
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       AYANK MISHRA
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       SHYAM KRISHNA GUPTA
 WITH SPLAD-227/2013   PRAVEEN KUMAR                   IRSHAD ALI               
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       SHYAM KRISHNA GUPTA
 WITH SPLAD-228/2013   MAHENDRA KUMAR VERMA AND OTHER  VIJAY CHAURASIA          
                       -S
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH SPLAD-302/2013   RAM BABOO SINGH AND OTHERS      NAVIN KUMAR SHARMA       
                                                       NEERAJ TIWARI
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLAD-672/2013   SHASHI KUMAR YADAV AND ANOTHER  HEMANT KUMAR RAI         
                       Vs. STATE OF U.P. & 2 OTHERS    C. S. C.                 
 WITH SPLAD-697/2013   MOHAMMAD IMRAN AND 58 OTHERS    NAVIN KUMAR SHARMA       
                                                       NEERAJ TIWARI
                       Vs. STATE OF U.P. AND 3 OTHERS  C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLAD-698/2013   SUKRITI KUMAR AND 119 ORS.      NAVIN KUMAR SHARMA       
                                                       NEERAJ TIWARI
                       Vs. STATE OF U.P. AND 3 ORS.    C.S.C.                   
                                      For Admission
 SPECIAL APPEAL                          
   3. DF    855/2013   SHYAM BIHARI DIXIT              R.K. OJHA                
                                                       ARUN KUMAR TIWARI
                       Vs. STATE OF U.P. AND 2 ORS.    C.S.C.                   
                                                       RAMESH UPADHYAYA
   4. DF    1077/2013  SURAJ BHAN, MANAGER, C/M, RAM   J.P. SINGH               
                       -RATAN INTERMEDIATE COLLEGE
                       Vs. DR. MADAN KUMAR BANSAL AND  C.S.C.                   
                       - 5 OTHERS                      A.S.G.I. (2013/7466)
                                                       B.N. RAI
 WITH SPLA- 442/2013   SURAJ BHAN                      J.P. SINGH               
                                                       ASHOK KHARE
                       Vs. DR. MADAN KUMAR BANSAL AND  A.S.G.I.                 
                       - OTHERS                        C.S.C.(2013/564)
                                                       B.N. RAI
                                                       MISS SEEMA SINGH


It is expected that final verdict may arrive on 13th Sept 2013.



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सापेक्षता का सिद्धांत | Theory of Relativity


Ye Baat to Mene Sunee Padee hai ki Bhrmha Ji ka 1 Minute hamare hazaron saal ke barabar hota hai, aur vhe Amar Hain.
Aur Aaj ke Scientist Bhee - Black Hole ke Jariye jo Time Machine Ke Kalpana Kar Rah Hain, uski Saranchna Bhrmha Lok ki Saranchna se Miltee Jultee hai -

सापेक्षता का सिद्धांत | Theory of Relativity

आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को तो हम सभी जानते है । आइंस्टीन ने अपने सिद्धांत में दिक् व काल की सापेक्षता प्रतिपादित की। उसने कहा, विभिन्न ग्रहों पर समय की अवधारणा भिन्न-भिन्न होती है। काल का सम्बन्ध ग्रहों की गति से रहता है। इस प्रकार अलग-अलग ग्रहों पर समय का माप भिन्न रहता है।
समय छोटा-बड़ा रहता है।

उदाहरण के लिए यदि दो जुडुवां भाइयों मे से एक को पृथ्वी पर ही रखा जाये तथा दुसरे को किसी अन्य गृह पर भेज दिया जाये और कुछ वर्षों पश्चात लाया जाये तो दोनों भाइयों की आयु में अंतर होगा।
आयु का अंतर इस बात पर निर्भर करेगा कि बालक को जिस गृह पर भेजा गया उस गृह की सूर्य से दुरी तथा गति , पृथ्वी की सूर्य से दुरी तथा गति से कितनी अधिक अथवा कम है ।

एक और उदाहरण के अनुसार चलती रेलगाड़ी में रखी घडी उसी रेल में बैठे व्यक्ति के लिए सामान रूप से चलती है क्योकि दोनों रेल के साथ एक ही गति से गतिमान है परन्तु वही घडी रेल से बाहर खड़े व्यक्ति के लिए धीमे चल रही होगी । कुछ सेकंडों को अंतर होगा । यदि रेल की गति और बढाई जाये तो समय का अंतर बढेगा और यदि रेल को प्रकाश की गति (299792.458 किमी प्रति सेकंड) से दोड़ाया जाये (जोकि संभव नही) तो रेल से बाहर खड़े व्यक्ति के लिए घडी पूर्णतया रुक जाएगी ।


सापेक्षता का सिद्धांत पोराणिक कथाओं में -
इसकी जानकारी के संकेत हमारे ग्रंथों में मिलते हैं। श्रीमद भागवत पुराण में कथा आती है कि रैवतक राजा की पुत्री रेवती बहुत लम्बी थी, अत: उसके अनुकूल वर नहीं मिलता था। इसके समाधान हेतु राजा योग बल से अपनी पुत्री को लेकर ब्राहृलोक गये। वे जब वहां पहुंचे तब वहां गंधर्वगान चल रहा था। अत: वे कुछ क्षण रुके। जब गान पूरा हुआ तो ब्रह्मा ने राजा को देखा और पूछा कैसे आना हुआ? राजा ने कहा मेरी पुत्री के लिए किसी वर को आपने पैदा किया है या नहीं? ब्रह्मा जोर से हंसे और कहा, जितनी देर तुमने यहां गान सुना, उतने समय में पृथ्वी पर 27 चर्तुयुगी {1 चर्तुयुगी = 4 युग (सत्य,द्वापर,त्रेता,कलि ) = 1 महायुग } बीत चुकी हैं और 28 वां द्वापर समाप्त होने वाला है। तुम वहां जाओ और कृष्ण के भाई बलराम से इसका विवाह कर देना।
अब पृथ्वी लोक पर तुम्हे तुम्हारे सगे सम्बन्धी, तुम्हारा राजपाट तथा वैसी भोगोलिक स्थतियां भी नही मिलेंगी जो तुम छोड़ कर आये हो |
साथ ही उन्होंने कहा कि यह अच्छा हुआ कि रेवती को तुम अपने साथ लेकर आये। इस कारण इसकी आयु नहीं बढ़ी। अन्यथा लौटने के पश्चात तुम इसे भी जीवित नही पाते |
अब यदि एक घड़ी भी देर कि तो सीधे कलयुग (द्वापर के पश्चात कलयुग ) में जा गिरोगे |
इससे यह भी स्पष्ट है की निश्चय ही ब्रह्मलोक कदाचित हमारी आकाशगंगा से भी कहीं अधिक दूर है । मेरे मतानुसार यह स्थान ब्रह्माण्ड का केंद्र होना चाहिए ।
इसी कारण वहां का एक मिनट भी पृथ्वी लोक के खरबों वर्षों के समान है |

यह कथा पृथ्वी से ब्राहृलोक तक विशिष्ट गति से जाने पर समय के अंतर को बताती है। आधुनिक वैज्ञानिकों ने भी कहा कि यदि एक व्यक्ति प्रकाश की गति से कुछ कम गति से चलने वाले यान में बैठकर जाए तो उसके शरीर के अंदर परिवर्तन की प्रक्रिया प्राय: स्तब्ध हो जायेगी। यदि एक दस वर्ष का व्यक्ति ऐसे यान में बैठकर देवयानी आकाशगंगा (Andromeida Galaz) की ओर जाकर वापस आये तो उसकी उमर में केवल 56 वर्ष बढ़ेंगे किन्तु उस अवधि में पृथ्वी पर 40 लाख वर्ष बीत गये होंगे।

काल के मापन की सूक्ष्मतम और महत्तम इकाई के वर्णन को पढ़कर दुनिया का प्रसिद्ध ब्राह्माण्ड विज्ञानी Carl Sagan अपनी पुस्तक Cosmos (डाउनलोड लिंक : http://www.nacidoateo.com.ar/wp-content/uploads/2012/04/Carl%20Sagan%20-%20Cosmos%20%28Random%20House,%20New%20Edition,%201980,%202002%29.pdf ) में लिखता है, "विश्व में एक मात्र हिन्दू धर्म ही ऐसा धर्म है, जो इस विश्वास को समर्पित है कि ब्राह्माण्ड सृजन और विनाश का चक्र सतत चल रहा है। तथा यही एक धर्म है जिसमें काल के सूक्ष्मतम नाप परमाणु से लेकर दीर्घतम माप ब्राह्म दिन और रात की गणना की गई, जो 8 अरब 64 करोड़ वर्ष तक बैठती है तथा जो आश्चर्यजनक रूप से हमारी आधुनिक गणनाओं से मेल खाती है।"

In English : http://inimish.blogspot.in/2010/10/where-einstein-meets-hinduism.html

योगवासिष्ठ आदि ग्रंथों में योग साधना से समय में पीछे जाना और पूर्वजन्मों का अनुभव तथा भविष्य में जाने के अनेक वर्णन मिलते हैं।

पश्चिमी जगत में जार्ज गेमोव ने अपनी पुस्तक one, two, three, infinity में इस समय में आगे-पीछे जाने के संदर्भ में एक विनोदी कविता लिखी थी-


There was a young girl named liss Bright
who could travel much faster than light
She departed one day
in an Einstein way
and came back on the previous night

अर्थात्- एक युवा लड़की, जिसका नाम मिस ब्राइट था, वह प्रकाश से भी अधिक वेग से यात्रा कर सकती थी। एक दिन वह आइंस्टीन विधि से यात्रा पर निकली और बीती रात्रि में वापस लौट आई।

प्राचीन सम्रद्ध भारत में ऐसे अनेको अनेक प्रमाण मिलते है , जिन्हें हम कल्पना कह कर ठुकरा देते है और कुछ समय बाद वही जब पश्चिम का विज्ञान बन कर, कुछ पश्चिमी वैज्ञानिक द्वारा प्रमाणित हो कर आता है तो उसको स्वीकारा जाता है

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What I believe is , SCIENCE means - If a particular rule applied then it will always be applied, means
If cure for fever is Paracetamol then it is acceptable in science.
Hit and Trial is not acceptable as Science believe on principles / laws / rules.

We heard in ancient times in India there is Udan Khatola just like plane but How a common person use it, how we can make a Udan Khatola is given by Current Scientist and we have to praise their efforts.



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