Wednesday, September 11, 2013

टीईटी पास अभ्यर्थियों ने दिखाई ताकत




  • विधान भवन के सामने घंटे भर चला प्रदर्शन ,
  • सीओ ने एक को जड़ा थप्पड़, पुलिस ने फटकारीं लाठियां

 
लखनऊ। मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदेश के टीईटी उत्तीर्ण सैकड़ों अभ्यर्थियों ने मंगलवार को चारबाग से विधान भवन तक मार्च निकाला और सड़क पर बैठ कर प्रदर्शन किया। इस कारण लगभग एक घंटे तक चारबाग से आने वाला यातायात जाम रहा। इसी दौरान नारेबाजी करने वालों में एक को हजरतगंज के सीओ दिनेश यादव ने थप्पड़ जड़ दिया। इससे अभ्यर्थी भड़क उठे। बाद में प्रदर्शनकारियों को लाठियां फटकार कर पुलिस ने खदेड़ दिया।

देर शाम प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने वार्ता के लिए बुलाया। प्रमुख सचिव ने प्रदर्शन समाप्त करने की बात कहते हुए मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, विधानसभा सत्र के बाद टीईटी अभ्यर्थियों की मांगों को कैबिनेट में रखा जाएगा।

सुबह से ही विभिन्न जिलों से आए प्रदर्शनकारियों के जत्थे चारबाग स्टेशन से विधान भवन की ओर बढ़ने लगे। इनका नेतृत्व कर रहे गणेश शंकर दीक्षित ने बताया कि टीईटी उत्तीर्ण (2011) अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से पूर्व घोषित मांगों को पूरा करने को कहा है। नवंबर 2011 में प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार 72,825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। साथ ही हाईकोर्ट में शपथ-पत्र देकर टीईटी के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की कमी को देखते हुए 30 नवंबर 2011 को शुरू की गई प्रक्रिया बहाल करने की मांग भी इसमें शामिल है।

इलाहाबाद के विकास जायसवाल ने बताया कि सुबह साढ़े नौ बजे सभी टीईटी अभ्यर्थी चारबाग में इकट्ठे हुए। इसके बाद दोपहर 12 बजे से विधान भवन तक मार्च निकाला और वहीं जमीन पर बैठ गए। उनका आरोप है कि हजरतगंज सीओ दिनेश यादव ने उनके एक साथी को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। इससे अभ्यर्थी उग्र हो गए। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लाठियां फटकारते हुए खदेड़ दिया। शाम साढ़े तीन बजे उनकी वार्ता प्रमुख सचिव बेसिक से कराई गई। उन्होंने आश्वासन दिया कि विधानसभा सत्र के बाद उनकी मांगों को कैबिनेट में रखा जाएगा।

संघर्ष मोर्चा की तीन प्रमुख मांगें

•30 नवंबर 2011 की विज्ञप्ति के आधार पर 72,825 सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हो।
 •हाईकोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत कर नियुक्तियां शुरू की जाएं।
 •31 मार्च 2014 से पहले टीईटी उतीर्ण अभ्यर्थियों में से शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।
सरकार कर रही छलावा
अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार पर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से छलावा करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने बीते 5 अप्रैल को मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल को मेरिट के आधार पर नियुक्ति का आश्वासन दिया था लेकिन इसे दरकिनार करते हुए नई विज्ञप्ति जारी कर हमारे साथ छलावा किया गया है।
 Source: • अमर उजाला ब्यूरो

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एनटीटी का फर्जीवाड़ा अब ऑनलाइन




  • जिला प्रशासन की सख्ती के बाद संचालकों ने बदला पैंतरा
  • वेबसाइट लांच करके एडमिशन के आवेदन मांगे


कानपुर। जिला प्रशासन की सख्ती के बाद नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग (एनटीटी) का फर्जीवाड़ा करने वाले एनजीओ संचालकों ने अब ऑनलाइनखेलशुरू कर दिया है। स्टडी सेंटर बंद करके नई वेबसाइट लांच कर दी और ऑनलाइन एडमिशन शुरू कर दिए हैं। इसकी जानकारी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की जांच टीम को भी मिली है। एनआईसी की मदद से इस पर शिकंजा कसने की रणनीति बनाई जा रही है।

एनटीटी में फर्जीवाड़े का ज्यादातर खेल नई दिल्ली से चल रहा है। एक संस्था ने तकनीकी शिक्षा संगठन बनाकर प्राइमरी टीचर, कंप्यूटर टीचर, नर्सरी टीचर का कोर्स शुरू कर दिया है। इसकी मान्यता नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) से नहीं है, फिर भी एनटीटी में 1250 सीटों पर एडमिशन देने का शेड्यूल जारी कर दिया है। वेबसाइट लांच करके 31 अक्तूबर तक एडमिशन का फार्म मांगा है। इसके लिए 300 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट भी जमा कराया जा रहा है। बताते चलें कि एनसीटीई से एनटीटी की 50 से ज्यादा सीटों की मान्यता नहीं मिलती है। इसके अलावा कंप्यूटर टीचर के 1250, प्राइमरी टीचर के 1250, योगा टीचर के 1250, डीएफए की 750, बीएफए की 750 और एमएफए के 225 सीटों पर एडमिशन का आवेदन मांगा है, जिसके लिए वह मान्य नहीं है। ठीक इसी तरह आल इंडिया अर्ली चाइल्ड हुड केयर एंड एजूकेशन नई दिल्ली ने भी एनटीटी में एडमिशन के ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। इस एनजीओ की ओर कानपुर नगर में संचालित सभी सेंटर डायट प्रिंसिपल डॉ. पीके उपाध्यक्ष की जांच में अमान्य पाए जा चुके हैं।

उनकी ओर से संस्था को काली सूची में डालने और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश भी की जा चुकी है। इसे लेकर संबंधित संगठन, एनजीओ संचालकों से बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका। डायट प्रिंसिपल ने कहा कि एनसीटीई की मान्यता के बगैर टीचिंग ओरिएंटेड कोर्स नहीं चलाया जा सकता है। यह एनजीओ का फर्जीवाड़ा है।
मामला संज्ञान में आया है। कंप्यूटर एक्सपर्ट से जांच-पड़ताल कराके मामले में कार्रवाई की जाएगी। शहर में किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं चल पाएगा। -अविनाश सिंह, एडीएम सिटी

  Source: अमर उजाला ब्यूरो

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