- जिला प्रशासन की सख्ती के बाद संचालकों ने बदला पैंतरा
- वेबसाइट लांच करके एडमिशन के आवेदन मांगे
कानपुर। जिला प्रशासन
की सख्ती के
बाद नर्सरी टीचर्स
ट्रेनिंग (एनटीटी) का फर्जीवाड़ा
करने वाले एनजीओ
संचालकों ने अब
ऑनलाइन ‘खेल’ शुरू
कर दिया है।
स्टडी सेंटर बंद
करके नई वेबसाइट
लांच कर दी
और ऑनलाइन एडमिशन
शुरू कर दिए
हैं। इसकी जानकारी
जिला शिक्षा एवं
प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की
जांच टीम को
भी मिली है।
एनआईसी की मदद
से इस पर
शिकंजा कसने की
रणनीति बनाई जा
रही है।
एनटीटी में फर्जीवाड़े
का ज्यादातर खेल
नई दिल्ली से
चल रहा है।
एक संस्था ने
तकनीकी शिक्षा संगठन बनाकर
प्राइमरी टीचर, कंप्यूटर टीचर,
नर्सरी टीचर का
कोर्स शुरू कर
दिया है। इसकी
मान्यता नेशनल काउंसिल फॉर
टीचर एजूकेशन (एनसीटीई)
से नहीं है,
फिर भी एनटीटी
में 1250 सीटों पर एडमिशन
देने का शेड्यूल
जारी कर दिया
है। वेबसाइट लांच
करके 31 अक्तूबर तक एडमिशन
का फार्म मांगा
है। इसके लिए
300 रुपये का डिमांड
ड्राफ्ट भी जमा
कराया जा रहा
है। बताते चलें
कि एनसीटीई से
एनटीटी की 50 से ज्यादा
सीटों की मान्यता
नहीं मिलती है।
इसके अलावा कंप्यूटर
टीचर के 1250, प्राइमरी
टीचर के 1250, योगा
टीचर के 1250, डीएफए
की 750, बीएफए की 750 और
एमएफए के 225 सीटों
पर एडमिशन का
आवेदन मांगा है,
जिसके लिए वह
मान्य नहीं है।
ठीक इसी तरह
आल इंडिया अर्ली
चाइल्ड हुड केयर
एंड एजूकेशन नई
दिल्ली ने भी
एनटीटी में एडमिशन
के ऑनलाइन आवेदन
मांगे हैं। इस
एनजीओ की ओर
कानपुर नगर में
संचालित सभी सेंटर
डायट प्रिंसिपल डॉ.
पीके उपाध्यक्ष की
जांच में अमान्य
पाए जा चुके
हैं।
उनकी ओर से
संस्था को काली
सूची में डालने
और उसके खिलाफ
कानूनी कार्रवाई की सिफारिश
भी की जा
चुकी है। इसे
लेकर संबंधित संगठन,
एनजीओ संचालकों से
बातचीत करने की
कोशिश की गई
लेकिन संपर्क नहीं
हो सका। डायट
प्रिंसिपल ने कहा
कि एनसीटीई की
मान्यता के बगैर
टीचिंग ओरिएंटेड कोर्स नहीं
चलाया जा सकता
है। यह एनजीओ
का फर्जीवाड़ा है।
मामला संज्ञान में आया
है। कंप्यूटर एक्सपर्ट
से जांच-पड़ताल
कराके मामले में
कार्रवाई की जाएगी।
शहर में किसी
तरह का फर्जीवाड़ा
नहीं चल पाएगा।
-अविनाश सिंह, एडीएम सिटी
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