- तैयारी : दूसरे चरण की परीक्षा जनवरी के पहले सप्ताह में होगी
- उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की दूसरे चरण की परीक्षा में शामिल होंगे पंद्रह हजार अभ्यर्थी
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : अरसे बाद उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की गाड़ी पटरी पर आती दिख रही है। सब कुछ ठीक ढंग से चला तो अगले साल अप्रैल माह से डिग्री कालेजों को शिक्षक मिलने शुरू हो जाएंगे। इसके लिए एक चरण की परीक्षा आयोग संपन्न करा चुका है और दूसरे चरण की परीक्षा जनवरी के पहले हफ्ते में आयोजित की गई है। अब तक उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को सफेद हाथी के रूप में देखा जाता था। इसके पीछे पिछले कई सालों से इसकी निष्क्रियता थी। बीते छह साल से आयोग से एक भी अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र नहीं जारी किया गया है। अब अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के बाद इसमें सक्रियता आई है।
यह भी पहला अवसर है कि आयोग ने डिग्री कालेजों के शिक्षकों के लिए परीक्षा आयोजित कराने का फैसला किया है। इससे पहले आयोग के 34 साल के कार्यकाल में साक्षात्कार से ही नियुक्ति होती रही है। आयोग के सचिव डा. संजय सिंह के अनुसार अध्यक्ष डा. रामवीर सिंह यादव ने नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता पर जोर दिया है।
उनके निर्देश पर परीक्षा में विश्वविद्यालय के शिक्षकों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। दूसरे चरण की परीक्षा पंद्रह विषयों के लगभग साढ़े तीन सौ पदों के लिए हो रही है। इसमें पंद्रह हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। इससे पहले आठ विषयों के लिए हुई परीक्षा में साढ़े सात हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सचिव डा. संजय सिंह के अनुसार जनवरी में परीक्षा हो जाने के बाद फरवरी में साक्षात्कार शुरू किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उसके बाद नियुक्तियां देने का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा।
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