Wednesday, December 17, 2014

पुलिस सत्यापन के बाद होगी शिक्षकों की भर्ती


लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति के समय अभ्यर्थी का अब पुलिस सत्यापन भी कराया जाएगा। यदि अभ्यर्थी के खिलाफ किसी थाने में मुकदमा या पुलिस विवेचना चल रही है तो उन्हें रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने कहा है कि विद्यालयी शिक्षा को साफ-सुथरा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इस सेवा में भी अच्छे लोग आएं इसलिए पुलिस सत्यापन का निर्णय लिया गया है। जिस तरह अन्य सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के समय चारित्रिक रूप से योग्य होने की पुष्टि के लिए पुलिस सत्यापन कराया जाता है, उसी तरह बेसिक स्कूलों में भी शिक्षकों की भर्ती के लिए यह कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि किसी अभ्यर्थी के खिलाफ किसी थाने में पुलिस विवेचना या मुकदमा चल रहा है तो इन परिस्थितियों में अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए उस अभ्यर्थी को अर्ह नहीं माना जाएगा। अन्य राजकीय सेवाओं की तरह बेसिक शिक्षा में भी अब बिना पुलिस सत्यापन के किसी भी शिक्षक की भर्ती नहीं की जाएगी।

रोक के बाद भी जारी कर दी साक्षात्कार की तिथि

इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने एक बार फिर से शासन के आदेश को ठेंगा दिखाया है। शासन की ओर से प्रधानाचार्य के साक्षात्कार कराने पर रोक के बाद भी चयन बोर्ड ने 12 जनवरी से साक्षात्कार की तिथि घोषित कर दी है। शासन की अनुमति के बिना साक्षात्कार की तिथि घोषित करके चयन बोर्ड ने एक बार फिर से प्रमुख सचिव के आदेशों को ताक पर रख दिया है। चयन बोर्ड की ओर से 22 जनवरी से टीजीटी परीक्षा शुरू हो रही है, ऐसे में साक्षात्कार की तिथि घोषित करने पर सवाल खड़ा हो रहा है।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से जून महीने में प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापकोंके पदों के साक्षात्कार कराए गए थे। मानक के अनुरूप साक्षात्कार के लिए पत्र नहीं भेजे जाने से चयन बोर्ड की तत्कालीन सचिव एवं उपसचिव ने इस पूरी प्रक्रिया का विरोध किया था। मामले की जानकारी शासन तक पहुंचने के बाद प्रमुख सचिव माध्यमिक ने साक्षात्कार प्रक्रिया पर 20 जून को रोक लगा दी थी।

इसके बाद चयन बोर्ड में नए सचिव और अध्यक्ष की तैनाती हो गई। शासन की ओर से साक्षात्कार में की गई मनमानी की जांच वर्तमान अध्यक्ष डॉ. परशुराम पाल को सौंपी गई है। अध्यक्ष की ओर से जांच रिपोर्ट भेजने से पहले ही अब एक बार फिर से साक्षात्कार की तिथि घोषित कर दी गई है जबकि चयन बोर्ड अध्यक्ष स्वयं स्वीकार करते हैं कि इन सदस्यों के खिलाफ जांच पूरी होने से पहले साक्षात्कार की तिथि घोषित नहीं की जा सकती है, उनका कहना है कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट तैयार करके भेज दी है। साक्षात्कार कराने का निर्णय सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से लिया है। चयन बोर्ड सचिव जितेंद्र कुमार का कहना है कि शासन ने विवादित साक्षात्कार रोकने को कहा था, इसमें विवादित मामले को छोड़कर तिथि घोषित की गई है।

प्राथमिक विद्यालयों के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने बनाया नियम


अमर उजाला ब्यूरो

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