लखनऊ। छात्रवृत्ति और शुल्क की भरपाई की बाट जोह रहे विद्यार्थियों के लिए हकीकत निराश करने वाली है। आवेदन करने वाले पिछड़े वर्ग के दो-तिहाई और सामान्य वर्ग के आधे छात्रों के लिए यह सहूलियत नहीं मिल पाएगी। मांग और उपलब्ध बजट के आधार पर समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे हैं। इस बारे में गहन विचार-विमर्श के लिए बुधवार को मुख्य सचिव ने अपने कार्यालय में संबंधित अफसरों की बैठक बुलाई है।
दशमोत्तर कक्षाओं के उन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और शुल्क की प्रतिपूर्ति करने का प्रावधान किया गया है, जिनके अभिभावकों की सालाना आमदनी दो लाख रुपये तक है। सत्र 2014-15 में करीब 61 लाख विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। सामान्य वर्ग के करीब 12 लाख छात्र दशमोत्तर कक्षाओं में पढ़ रहे हैं। इनके लिए 1560 करोड़ रुपये की जरूरत है, जबकि समाज कल्याण विभाग को इस मद में 700 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अफसरों का कहना है कि इस धनराशि से छह लाख छात्रों को ही छात्रवृत्ति और शुल्क की भरपाई की जा सकेगी। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के एक अफसर ने बताया कि 22-23 लाख आवेदनकर्ताओं के लिए 2600 करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जबकि विभाग को सिर्फ 862 करोड़ रुपये ही इस मद में मिले हैं।
इस बार किसी भी छात्र को 50 हजार रुपये से ज्यादा शुल्क की भरपाई नहीं की जाएगी। लेकिन यह कार्य भी उपलब्ध बजट के अंदर ही हो पाएगा। अभी मैं इतना ही कह सकता हूं कि पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा विद्यार्थी इस योजना में कवर हो जाएंगे। -सुनील कुमार, प्रमुख सचिव (समाज कल्याण)
अजीत बिसारिया
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