Monday, December 8, 2014

विकलांगों को सरकारी नौकरी में तीन फीसद आरक्षण के फैसले का पालन नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब

विकलांगों को सरकारी नौकरी में तीन फीसद आरक्षण के फैसले का पालन नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किए जाने पर एक गैर सरकारी संगठन ने अवमानना याचिका दाखिल की है। नेशनल फेडरेशन फॉर ब्लाइंड की ओर से दायर वरिष्ठ अधिवक्ता एसके रूंगटा की याचिका पर न्यायमूर्ति रंजन गोगोई तथा आरएफ नरीमन की पीठ ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकतर उपबंध आरक्षण की गणना तथा रोस्टर पालन को लेकर हैं। कोर्ट के पूर्व आदेश का ‘सख्ती से तथा समयबद्ध’ अनुपालन करने को निर्देश देने का आग्रह किया है। कोर्ट ने 8 अक्टूबर, 2013 के अपने आदेश में तीन श्रेणियों के अपंगों- दृष्टिहीनता तथा कम दृष्टि वाले, बधिर विकलांगता तथा चलने में विकलांग या सेरेब्रल पल्सी अपंगों के लिए एक-एक फीसद आरक्षण करने का प्रावधान करने को कहा था।1 याचिका में कहा गया है कि कार्मिक विभाग ने इन निर्देशों के तहत रिक्तियां भरने के कदम नहीं उठाए तथा तीन महीने के भीतर आरक्षण की गणना भी नहीं की।

नई दिल्ली, प्रेट्र

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