इलाहाबाद। नसरी टीचस ट्रेनिंग (एनटीटी) के नाम पर अब फजीवाड़ा नहीं हो सकेगा। देशभर में शिक्षण प्रशिक्षण पाठय़क्रम निधारित करने वाली संस्था राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस कोस को खत्म करने का निणय लिया है। 2015-16 शैक्षिक सत्र से एनटीटी की जगह चार वषीय डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन (डीपीएसई) की पढ़ाई होगी।
28 नवंबर को जारी अधिसूचना के मुताबिक डीपीएसई के लिए संबद्धता का अधिकार संबंधित राज्य सरकार या केन्द्रीय विश्वविद्यालय को दिया गया है।
एनसीटीई के इस निणय से एनटीटी के नाम पर बेरोजगारों से हो रही धोखाधड़ी बंद हो जाएगी। प्री-नसरी ट्रेनिंग नाम देकर एनजीओ पूरे प्रदेश में एनटीटी कोस चला रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि इस कोस को करने वाले सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने योग्य नहीं है। राज्य सरकार ने फरवरी में प्रस्तावित टीईटी से भी एनटीटी को बाहर कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद बेरोजगारों को ठगा जा रहा है। यूपी में सिफ दाऊ दयाल महिला पीजी कॉलेज फिरोजाबाद और महषि मूलचन्द्र महाविद्यालय जाैनपुर को ही एनटीटी कोस चलाने की मान्यता है।
28 नवंबर को जारी अधिसूचना के मुताबिक डीपीएसई के लिए संबद्धता का अधिकार संबंधित राज्य सरकार या केन्द्रीय विश्वविद्यालय को दिया गया है।
एनसीटीई के इस निणय से एनटीटी के नाम पर बेरोजगारों से हो रही धोखाधड़ी बंद हो जाएगी। प्री-नसरी ट्रेनिंग नाम देकर एनजीओ पूरे प्रदेश में एनटीटी कोस चला रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि इस कोस को करने वाले सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने योग्य नहीं है। राज्य सरकार ने फरवरी में प्रस्तावित टीईटी से भी एनटीटी को बाहर कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद बेरोजगारों को ठगा जा रहा है। यूपी में सिफ दाऊ दयाल महिला पीजी कॉलेज फिरोजाबाद और महषि मूलचन्द्र महाविद्यालय जाैनपुर को ही एनटीटी कोस चलाने की मान्यता है।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
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