Saturday, December 13, 2014

बेसिक शिक्षा विभाग के सभी संघों को समाप्त कर एक संघ बना लें : बेसिक शिक्षा मंत्री ने निदेशक को किया निर्देशित

  • शैक्षणिक गुणात्मकता में सुधार एवं बेसिक शिक्षा के उन्नयन पर दो दिवसीय संगोष्ठी में कहा
  • बेसिक शिक्षा में सुधार बेहद जरूरी : रामगोविंद
लखनऊ। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा है कि बेसिक शिक्षा में सुधार की बहुत जरूरत है। इसकी गुणवत्ता में सुधार तभी आएगा जब अधिकारी व शिक्षक मन लगाकर काम करेंगे। अभिभावकों को यह विश्वास होना चाहिए कि बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में भी अच्छी पढ़ाई होती है।
बेसिक शिक्षा मंत्री शुक्रवार को लखनऊ के रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल कॉलेज में दो दिवसीय संगोष्ठी में बोल रहे थे। ‘शैक्षणिक गुणात्मकता में सुधार एवं बेसिक शिक्षा के उन्नयन’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि हर मां-बाप का सपना होता है कि उनका बेटा अच्छा नागरिक बने। बेसिक शिक्षा में सुधार तभी माना जाएगा जब बड़े-बड़े विद्वान, प्रोफेसर, अधिकारी व सभी बड़े लोग अपने बच्चों को सरकारी बेसिक स्कूलों में पढ़ाने में रुचि लें। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के सभी संघों को समाप्त कर निदेशक को निर्देशित किया है कि वे एक संघ बना लें। शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग गरीब बच्चों को शिक्षा देने का काम करता है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री वसीम अहमद ने कहा कि बेसिक शिक्षा में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया जाए। साथ ही कहा कि नैतिक शिक्षा को भी बढ़ाया जाए।
  • कई अधिकारी पुरस्कृत
बेसिक शिक्षा में मूल परिर्वतन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मुजफ्फरनगर के बीएसए कौश्तुभ कुमार सिंह, उन्नाव डायट के प्राचार्य सर्वानन्द, फर्रुखाबाद के डीआईओएस भगवत पटेल को पुरस्कृत किया। खंड शिक्षा अधिकारी शिव कुमार (मुजफ्फरनगर), विश्वास कुमार, राम प्रताप सिंह, (बाराबंकी), रुद्र्र प्रताप यादव शाहगंज (जौनपुर), जैनेंद्र कुमार गुप्त ऊंचाहार (रायबरेली), ममता सरकार धर्मापुर (जौनपुर), जगत सिंह ताल बेहट (ललितपुर) को बेसिक शिक्षा विभाग में गुणात्मक सुधार के लिए पुरस्कृत किया गया। 

खबर साभार : अमर उजाला

आधी रोटी खाएंगे, काला इतिहास मिटाएंगे

खंड शिक्षा अधिकारियों को बेसिक शिक्षा मंत्री ने दिया मंत्र 
विभाग के सभी संघों को खत्म कर एक संघ बनाने का निर्देश
दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहें थे बेसिक शिक्षा मंत्री
लखनऊ : बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने शुक्रवार को खंड शिक्षा अधिकारियों से ईमानदारी से अपना दायित्व निभाने का आह्वान किया। खंड शिक्षा अधिकारियों को उन्होंने मूल मंत्र दिया-आधी रोटी खाएंगे, विभाग का काला इतिहास मिटाएंगे। यह भी भरोसा दिलाया कि यदि खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षा विभाग की गौरवशाली परंपरा को एक साल में पुनस्र्थापित करेंगे तो शासन उनकी सभी मांगें पूरी करेगा।

राम गोविंद शुक्रवार को इंदिरानगर सेक्टर-14 स्थित रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल कॉलेज में शुरू हुई खंड शिक्षा अधिकारियों की दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा ही सामाजिक परिवर्तन का बुनियादी आधार है। इसलिए इसमें सुधार की अति आवश्यकता है। बेसिक शिक्षा में सुधार तभी माना जाएगा, जब उच्च और प्रबुद्ध वर्ग के लोग भी अपने बच्चों को परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने में रुचि लेंगे। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के सभी संघों को समाप्त कर उनकी जगह एक संघ बनाने का निदेशक को निर्देश दिया। अगले सत्र से परिषदीय स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी की अनिवार्य शिक्षा, मार्च में स्कूल चलो अभियान और अप्रैल से नया सत्र शुरू करने का निर्देश दिया। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारियों से परिषदीय स्कूलों को उनका पुराना सम्मान वापस दिलाने का आह्वान किया। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने विभाग के कामकाज में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया और मन लगाकर काम करने को कहा।

बेसिक शिक्षा में उल्लेखनीय कार्य के लिए इस मौके पर मुजफ्फरनगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कौस्तुभ कुमार सिंह, उन्नाव के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सर्वदानंद, फरुखाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल को सम्मानित किया गया। इनके अलावा खंड शिक्षा अधिकारी शिव कुमार, विश्वास कुमार, राम प्रताप सिंह, रूद्र प्रताप यादव, जैनेंद्र कुमार गुप्त, ममता सरकार, जगत सिंह को भी सम्मानित किया गया।

खबर साभार : दैनिक जागरण

खबर स्रोत : 'प्राइमरी का मास्टर' का न्यूज चैनल

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