Thursday, December 11, 2014

शिक्षणेतर कर्मचारी भी बनेंगे शिक्षक

माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने की घोषणा
लखनऊ (ब्यूरो)। माध्यमिक विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षणेतर कर्मचारी भी अब शिक्षक बन सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने बुधवार को यहां जयनारायण इंटर कॉलेज में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षणेतर कर्मचारी संघ के एक कार्यक्रम में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि जो शिक्षणेतर कर्मचारी शैक्षिक अर्हता रखते हैं, उन्हें शिक्षक बनने का हक है। इसके लिए जरूरी हुआ तो नियमावली में परिवर्तन किया जाएगा। उन्होंने शिक्षणेतर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद उपार्जित अवकाश के नकद भुगतान के मामले में यूपी बोर्ड परीक्षा के बाद कार्यवाही शुरू करने की बात कही।

कार्यक्रम में एक सितंबर 2011 से 30 जून 2014 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले 133 शिक्षणेतर कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया।

शिक्षा मंत्री ने यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों में गिरते शैक्षिक स्तर पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में यूपी बोर्ड के छात्रों की संख्या काफी कम हो गई है।

ऐसे में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षकों के साथ ही शिक्षणेतर कर्मचारियों को भी आगे आना होगा। उन्होंने मोटी तनख्वाह पाने के बावजूद अच्छा रिजल्ट न दे पाने वाले शिक्षकों की आलोचना भी की। साथ ही बोर्ड परीक्षा में किसी भी सूरत में नकल न होने की बात दोहराई।

कार्यक्रम में संघ के जिलाध्यक्ष विश्राम सिंह यादव ने सभी शिक्षणेतर कर्मचारियों को शैक्षिक स्तर में गुणात्मक सुधार के लिए सहयोग करने की शपथ दिलाई। इस मौके पर संयुक्त शिक्षा निदेशक सुत्ता सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक पीसी यादव, संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।

सेवानिवृत्ति के बाद सपा में शामिल हों
समारोह में माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने सपा का प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि नौकरी से सेवानिवृत्ति को ही कुछ लोग काम से रिटायरमेंट मान लेते हैं। लेकिन शिक्षणेतर कर्मचारी सेवानिवृत्ति को नई शुरुआत मानते हुए सपा में शामिल हों।

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