Friday, December 19, 2014

न्यूनतम 3500 रु. होगी पारिवारिक पेंशन

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय स्कूलों के वे पारिवारिक पेंशनर जो हर महीने 3500 रुपये से कम पेंशन पा रहे हैं, उन्हें न्यूनतम 3500 रुपये मासिक पेंशन दिलाने की कवायद शुरू हो गई है।

बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी हैं। प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगने पर परिषदीय स्कूलों के हजारों पारिवारिक पेंशनरों की पेंशन में कम से कम 1000 रुपये का इजाफा हो सकेगा।


छठा वेतनमान लागू होने के बाद सरकार ने परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के पेंशन पुनरीक्षण के बारे में 16 सितंबर 2009 को शासनादेश जारी किये थे। इस शासनादेश में प्रावधान तो किया गया कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को सेवानिवृत्त होने पर उन्हें न्यूनतम 3500 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी लेकिन पारिवारिक पेंशनरों के बारे में शासनादेश खामोश रहा।

शासनादेश की इस विसंगति के कारण परिषदीय स्कूलों के पारिवारिक पेंशनर जिन्हें 3500 रुपये से कम मासिक पेंशन मिल रही है, वे न्यूनतम पेंशन पाने से वंचित हैं। इनमें जुलाई 2001 में परिषदीय स्कूलों से पंचम वेतनमान लागू होने से पहले मृत या सेवानिवृत्त शिक्षकों के पारिवारिक पेंशनरों की संख्या ज्यादा है।

वहीं राज्य सरकार के कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को हर महीने न्यूनतम 3500 रुपये पारिवारिक पेंशन देने का प्रावधान है।

इस मामले को उत्तर प्रदेशीय सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक कल्याण परिषद ने शासन के सामने उठाते हुए विसंगति को दूर करने की मांग की थी। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस विसंगति की ओर वित्त विभाग का ध्यान दिलाया। वित्त विभाग ने भी माना कि शासनादेश में चूक की वजह से यह विसंगति पैदा हुई है।

वित्त विभाग की सहमति मिलने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों के ऐसे पारिवारिक पेंशनरों को न्यूनतम 3500 रुपये देने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा था।

मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूर कराने का निर्देश दिया है। लिहाजा अब बेसिक शिक्षा विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी में जुटा है।

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