अमर उजाला ब्यूरो
मोतीगंज (गोंडा)। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में बीएड टीईटी अभ्यर्थियों की चल रही काउंसलिंग के दौरान गुरुवार को महिला अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी। अभ्यर्थियों के साथ आए उनके परिवारीजनों से डायट का पूरा परिसर खचाखच भर गया और गोंडा-फैजाबाद मार्ग पर भी भीड़ का असर दिखा, जिससे आवागमन पर भी प्रभाव पड़ा।
गुरुवार को कला विषय की अनारक्षित वर्ग की 4199 महिला अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। डायट प्राचार्य मनोहर लाल ने बताया कि कुल 129 सीटें ही बची हैं। जिसके सापेक्ष देर शाम तक 360 अभ्यर्थी काउंसलिंग करा चुकी थीं। कुछ अभ्यर्थी काउंसलिंग की लाइन में लगी रहीं। काउंसलिंग के लिए डायट परिसर में 13 काउंटर बनाए गए थे और एक काउंटर अलग से प्रत्यावेदन जमा करने के लिए बनाए गए थे। उमड़ी भीड़ की वजह से अफरा-तफरी का माहौल रहा। डायट प्राचार्य ने बताया कि शुक्रवार को कला विषय की आरक्षित वर्ग की 4216 महिला अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए
बुलाया गया है। साथ ही पर्याप्त पुलिस व्यवस्था किए जाने की मांग भी की गई है।
काउंसलिंग में शामिल हुए 141 अभ्यर्थी
बलरामपुर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में गुरुवार को काउंसलिंग में 141 अभ्यर्थी शामिल हुए। प्राथमिक स्कूलों में टीईटी शिक्षकों की भर्ती के लिए 1765 अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। संस्थान में सामान्य महिला कला के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराने के लिए दो कांउटर बनाए गये थे। प्रभारी डायट प्राचार्य/प्रभारी बीएसए हृदय शंकर लाल श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि दूसरे दिन टीईटी उत्तीर्ण सामान्य महिला कला वर्ग की 1765 अभ्यर्थियों को कट आफ मेरिट के आधार पर शामिल होने के लिए बुलाया गया था, जिसके सापेक्ष 135 फ्रेश और छह अभ्यर्थियों ने प्रत्यावेदन भरकर काउंसलिंग कराई। काउंसलिंग के लिए बीईओ रेहरा बाजार रणजीत कुमार व कनिष्ठ लिपिक विवेक कुमार सिंह को पहले काउंटर की और समन्वयक शिक्षक अरुण कुमार मिश्र व कनिष्ठ लिपिक भोलानाथ को दूसरे काउंटर की जिम्मेदारी सौंपी गई। अभ्यर्थियों की समस्याआें का निस्तारण कराने के लिए जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता निरंकार पांडेय, निर्माण प्रभारी एनके सिंह, वरिष्ठ लिपिक अनूप कुमार श्रीवास्तव, रक्षाराम व आलोक यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई। दोनों काउन्टरों पर अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग कराकर अपने-अपने अभिलेखों की जांच कराई। जांच पड़ताल के बाद सभी टीईटी अभ्यर्थियों के मूल अभिलेख वापस कर दिए गये। अभ्यर्थियों की भीड़ के कारण काउंसलिंग प्रक्रिया देर शाम तक चलती रही।
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