Monday, November 17, 2014

8वीं तक के बच्चों को इस साल वजीफा नहीं

  • सरकार के पास फंड नहीं :
  • पौने तीन करोड़ विद्यार्थियों की उम्मीदों को झटका
अजीत बिसारिया
लखनऊ। बेहतर शिक्षा की उम्मीद पाले पौने तीन करोड़ नौनिहालों को सरकार तगड़ा झटका देने वाली है। सूबे में इस साल पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को वजीफा नहीं दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि वजीफा देने के लिए सरकार के पास फंड नहीं है। इस संबंध में सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। हालांकि, औपचारिक आदेश विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश होने के बाद जारी किया जाएगा।
पूर्व दशम छात्रवृत्ति योजना (कक्षा एक से 10 तक) के लिए 340 करोड़ रुपये की जरूरत होती है, लेकिन मूल बजट में सरकार ने समाज कल्याण विभाग को सिर्फ दो करोड़ रुपये ही दिए थे। यही विभाग सामान्य, अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देता है।
•औपचारिक आदेश अनुपूरक बजट पेश होने के बाद
नौनिहालों की उम्मीदों पर भारी चुनावी फायदा
लैपटॉप समेत कई लोकलुभावन योजनाएं बंद
दरअसल इस तरह की सुविधाएं देने के बजाय सपा सरकार बुनियादी ढांचा विकसित करने पर धन खर्च करना चाहती है। चुनावी लिहाज से उसे इसमें ज्यादा फायदा दिखता है। यही वजह है कि इससे पहले लैपटॉप वितरण, कन्या विद्या धन और शादी-बीमारी अनुदान योजनाएं भी बंद की जा चुकी हैं।
60 करोड़ चाहिए पिछड़ा वर्ग कल्याण को
बजट का अभाव है। हम कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को इस साल छात्रवृत्ति नहीं दे पाएंगे।

- नरेंद्र वर्मा समाज कल्याण राज्यमंत्री

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