ब्यूरो शनिवार, 18 अक्टूबर 2014
अमर उजाला, लखनऊ
यूजीसी ने सभी यूनीवर्सिटीज को भेजा लेटर
अब विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में मार्क्सशीट पर स्टूडेंट्स की फोटो होगी।
इससे फर्जी अंकपत्रों के खेल पर रोक लगेगी। वहीं, स्टूडेंट्स को सत्यापन के लिए चक्कर लगाने से छुट्टी मिल जाएगी।
यह आदेश यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयोंको पत्र भेजकर दिया।
राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने यूजीसी को पत्र लिखकर मुंबई विवि की तर्ज पर देश भर में सभी यूनिवर्सिटीज में मार्क्सशीट पर फोटोग्राफ छापने की सलाह दीथी।
यूजीसी के सचिव प्रोफेसर जसपाल एस संधु ने सभी यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिए हैं कि वे अपने मार्क्सशीट पर छात्रों की फोटो छपवाएं।
ऐसे लगेगी फर्जीवाड़े पर लगाम
अभी यूनिवर्सिटी में मार्क्सशीट की डुप्लीकेसी होने की संभावना हमेशा बनी रहती है। कई बार शिकायतें मिलती हैं कि फर्जी मार्क्सशीट छापकर गोरखधंधा किया गया।
ऐसे में इस नई व्यवस्था से सभी यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़े पर लगाम लग जाएगी।
प्रो. संधु का कहना है कि जब स्टूडेंट की मार्क्सशीट पर उसकी फोटोग्राफ होगी तो उसका सत्यापन करना भी परीक्षा विभाग के लिए आसान होगा।
मार्क्सशीट पर स्टूडेंट के नाम के साथ उसकी फोटोग्राफ होने से वेरिफिकेशन में भी आसानी होगी।
फर्जी अंकपत्र पकड़े जाने के बाद उठाया था कदम
यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को पत्र भेजकर उसके साथ मुंबई यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट की मार्क्सशीट की फोटोकापी भी भेजी है।
राज्यसभा सांसद अनिल देसाई ने यूजीसी के चेयरमैन को लिखे पत्र में यह जिक्र किया है कि वर्ष 2010 में 627 स्टूडेंट्स के खिलाफ एफआईआर हुई, जिसमें उन्होंने वर्ष 2006 से 2009 तक की फर्जी मार्क्सशीट बनाकर आगे की कक्षाओं में दाखिला लिया था।
इसमें बीकॉम, बीए, बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग, बैचलर ऑफ साइंस एंड एमएमएस कोर्स शामिल है।
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