उत्तर
प्रदेश, बिहार से आए सैकड़ों प्रतियोगी छात्रों ने निकाला मार्च
जागरण
संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार से आए सैकड़ों प्रतियोगी छात्रों
ने एक बार फिर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की नीतियों के खिलाफ विरोध जताया है। गुरुवार
को मंडी हाउस पर एकत्रित हुए छात्रों ने संसद भवन की तरफ कूच कर दिया लेकिन उन्हें
जंतर-मंतर के समीप रोक दिया गया। यहां बैरिकेड तोड़ने पर पुलिस ने बल का प्रयोग किया।
प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच हाथापाई भी हुई। छात्रों ने संसद भवन थाने के
समीप ही एक सभा की, जिसे सांसद डीपी त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि
यूपीएससी की नीतियां अलोकतांत्रिक हैं। इससे गरीब तबके का छात्र, अंग्रेजी न जानने
वाला छात्र इस प्रतियोगी परीक्षा को उत्तीर्ण नहीं कर पाएगा। वह यह मामला संसद के इसी
सत्र में उठाएंगे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष अकबर चौधरी
ने कहा कि यह विडंबना है कि सरकार अंग्रेजी को विदेशी भाषा की श्रेणी से नहीं हटा रही,
जबकि पर्शियन को विदेशी भाषा की श्रेणी से हटा रही है जिसमें बड़ी संख्या में छात्र
परीक्षा में बैठते हैं और उत्तीर्ण भी होते हैं।
विरोध-प्रदर्शन
में दिल्ली, अलीगढ़, पटना, इलाहाबाद विश्वविद्यालय सहित जामिया इस्लामिया के छात्रों
ने भी भागीदारी की और अपनी बात रखी। गौरतलब है कि यूपीएससी द्वारा नए पाठ्यक्रम में
किए गए बदलाव के बाद आयु सीमा में छूट न मिलने, परीक्षा में बैठने के लिए अधिक मौका
न देने और पर्शियन भाषा को विदेशी भाषा की श्रेणी से हटाने से छात्रों में आक्रोश व्याप्त
है। वे इन मुद्दों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उनको आयोग की तरफ से कोई
आश्वासन नहीं मिला है।संघ लोक सेवा आयोग की नीतियों के खिलाफ नई दिल्ली में गुरुवार
को प्रदर्शन करते प्रतियोगी छात्र।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
No comments:
Post a Comment