हाईकोर्ट ने याचिका किया खारिज
इलाहाबाद
: चंद्रमोहन झा विश्वविद्यालय (सीएमजेयू), मेघालय से स्नातक की उपाधि के
आधार पर प्रदेश में टीईटी और अन्य परीक्षाओं में आवेदन करने वालों को राहत
नहीं मिल सकी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस विश्वविद्यालय की स्नातक
डिग्री को मान्य करार दिए जाने संबंधी रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया है। 1
यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने सत्येश कुमार एवं लगभग 120 अन्य की
याचिकाओं पर पारित किया। सीएमजे विश्वविद्यालय, मेघालय से स्नातक की उपाधि
प्राप्त याचिकाकर्ताओं में से अधिकतर को अंशकालिक अनुदेशक, एजुकेशन
मोटिवेटर, सहायक अध्यापक, बीटीसी ट्रेनिंग कोर्स एवं टीईटी पात्रता परीक्षा
आदि में अनर्ह घोषित कर दिया गया है। कई अभ्यर्थियों ने इस आशंका में
याचिकाएं दाखिल की कि उनकी अर्हता नहीं मानी जाएगी। यूजीसी की ओर से रिजवान
अली अख्तर ने प्रतिशपथ पत्र के साथ उक्त विश्वविद्यालय से संबंधित रिकार्ड
भी कोर्ट में प्रस्तुत किया। न्यायालय का मत था कि विश्वविद्यालय के
स्वयंभू कुलपति एवं निबंधक ने न केवल धोखाधड़ी कर छात्रों के भविष्य के साथ
खिलवाड़ किया है बल्कि भारतीय दंड संहिता में परिभाषित गंभीर अपराध किया
है। मेघालय के राज्यपाल द्वारा उक्त विश्वविद्यालय के विजिटर के रूप में
वर्ष 2009 से 2012 तक की समस्त डिग्रियों को वैध न मानने का एक कारण यह भी
है कि मेघालय की दूरी उत्तर प्रदेश से लगभग 2000 किमी है। याचीगण सिद्ध कर
पाने में असमर्थ रहे हैं कि उनके प्रवेश की प्रक्रिया क्या थी। फीस कहां
जमा की गई, फीस रसीद विश्वविद्यालय ने जारी की अथवा शिक्षा केंद्र ने। उक्त
डिग्रियां यूजीसी द्वारा वैध मान भी ली जाएं, उसके पश्चात अभ्यर्थियों को
उपरोक्त टिप्पणियों पर न्यायालय को संतुष्ट करना होगा।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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