Monday, November 18, 2013

शिक्षक भर्ती अपने ही कदमों में उलझ रही सरकार

शिक्षक भर्ती अपने ही कदमों में उलझ रही सरकार 
टीईटी पर शिक्षामित्रों ने भी दिए बगावती तेवर के संकेत


 News Sabhaar : जागरण ब्यूरो

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षक भर्ती की नाकामियों का सिलसिला जहां सरकारी कोशिशों को मुंह चिढ़ा रहा है, वहीं इसे लेकर युवा अभ्यर्थियों की नाराजगी प्रदेश सरकार के लिए सियासी संकट की वजह बन सकती है। शिक्षकों की जबर्दस्त कमी को दूर करने के लिए सरकार अपने ही उठाये गए कदमों में उलझती जा रही है। परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक का हाई कोर्ट का फरमान इसका ताजा उदाहरण है। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती को लेकर किन्हीं न किन्हीं वजहों से दो साल से गतिरोध बरकरार है। इन पदों पर भर्ती के लिए पिछले साल दिसंबर में आये तकरीबन 69 लाख आवेदनों के जरिये शुल्क के रूप में प्राप्त हुए 290 करोड़ रुपये बेसिक शिक्षा विभाग दबाये बैठा है। उधर रुपए खर्च कर भी नौकरी से महरूम युवा अभ्यर्थियों की कुंठा आक्रोश में तब्दील हो रही है। लंबे समय से परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई का जुआ अपने कंधों पर उठाये शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने का सरकारी मंसूबा भी ध्वस्त हो चला है। सरकार ने 1.7 लाख शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने का जो चुनावी वादा किया था, उसमें अब अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) रोड़ा बन गई है। 1हाई कोर्ट की वृहद पीठ द्वारा परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता पर मुहर लगाये जाने के बाद सरकार की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। उधर खुद को छला महसूस कर रहे शिक्षामित्रों के संगठन ने भी बगावती तेवर अख्तियार करने के संकेत दिये हैं। शिक्षकों की भर्तियों को लेकर सरकार की असफलता की कहानी माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी दोहरायी जा रही है। आलम यह है कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 2009-10 से 2011-12 तक प्रदेश में स्वीकृत 1021 हाईस्कूलों में शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पायी है। पिछले साल जुलाई में शुरू हुई एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी अदालती लड़ाई में अटकी हुई है। अशासकीय सहायताप्राप्त महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सरकार किस कदर गाफिल है, यह अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि इन कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति करने वाला उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ही पिछले सवा साल से गठित नहीं हुआ है।

News Sabhaar: Jagran (17.11.13)



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