Monday, November 25, 2013

सबसे बड़ी अदालत पहुंची एआरओ परीक्षा की लड़ाई




Updated on: Sun, 24 Nov 2013 07:32 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : विवादों में रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2009 के असफल अभ्यर्थियों ने अपनी लड़ाई अभी जारी रखी है। अब खंडपीठ के फैसले को विशेष अनुमति याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय के साथ सफल उम्मीदवारों को नोटिस जारी की है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2009 शुरू से ही विवादों में रही है। इस परीक्षा में 308 उम्मीदवार चयनित घोषित हुए थे। परिणाम घोषित होने के तत्काल बाद ही असफल अभ्यर्थियों ने परिणाम को लेकर याचिका दाखिल की थी। उनका आरोप था कि चयन सूची में आरक्षण नियमों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया। परीक्षा शुरू हो जाने के बाद बीच में ही नियमों में बदलाव किया गया। याची प्रसून तोमर अन्य अभ्यर्थियों का कहना था कि इसकी वजह से उनके परिणाम प्रभावित हुए और वे चयनितों की सूची से बाहर हो गए। एकल न्यायाधीश ने इस याचिका पर पुरानी सूची निरस्त कर नए सिरे से सूची बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने खंडपीठ में अपील की। खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के फैसले को निरस्त कर परीक्षा परिणाम को सही ठहराया था। इस फैसले के खिलाफ याची प्रसून तोमर अन्य ने विशेष अनुमति याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति सी नागप्पन ने याचिका स्वीकार कर ली है। याचियों की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र कुमार ने बहस की।
 


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