मिले
अंकों का मिलान
करना होगी बड़ी
चुनौती, परीक्षा की पारदर्शिता
भी संदेह के
घेरे में
•
शैलेंद्र
श्रीवास्तव
लखनऊ।
परिषदीय स्कूलों में टीईटी
मेरिट के आधार
पर शिक्षक बनने
की राह युवाओं
को जितनी आसान
लग रही है,
उतनी दिख नहीं
रही। इसमें विभागीय
अधिकारियों के सामने
कई चुनौतियां होंगी।
सबसे बड़ी चुनौती
टीईटी में मिले
अंकों का मिलान
करना होगा। वजह,
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने
वर्ष 2011 में आयोजित
टीईटी का रिजल्ट
जारी होने के
बाद 5,49,724 अभ्यर्थियों के अंकों
में फेरबदल किया
था। ऐसे में
यह पता लगाने
में जरूर कठिनाई
आएगी कि कितनों
के अंक सही
बढ़ाए गए थे
व कितनों के
गलत, क्योंकि अंक
बढ़ाने के घोटाले
के आरोप में
तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक
को गिरफ्तार किया
गया था।
उत्तर
प्रदेश के प्राथमिक
स्कूलों में शिक्षक
बनने की योग्यता
स्नातक व बीटीसी
है, पर शिक्षा
का अधिकार अधिनियम
लागू होने के
बाद राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने
परिषदीय स्कूलों में बीएड
वालों को टीईटी
पास करने पर
ही शिक्षक रखने
की अनुमति राज्यों
को दी थी।
उत्तर प्रदेश में
नवंबर 2011 में टीईटी
आयोजित करते हुए
रिजल्ट जारी किया
गया। हाईकोर्ट के
आदेश पर अंक
संशोधन के लिए
अभ्यर्थियों से आवेदन
लिए गए और
5,49,742 के अंकों में बदलाव
हुए। कुछ के
अंक बढ़ाए गए
तो कुछ के
कम हो गए।
अंक
बढ़ाने के नाम
पर हुई धांधली
के आरोप में
तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक
को गिरफ्तार कर
लिया गया था।
टीईटी में धांधली
और विधानसभा चुनाव
की आचार संहिता
लागू होने के
चलते उस समय
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी
नहीं हो पाई।
सत्ता बदलने के
साथ ही शिक्षक
भर्ती का मानक
टीईटी मेरिट के
स्थान पर शैक्षिक
मेरिट कर दिया
गया और इसके
आधार पर आवेदन
लिए गए। हाईकोर्ट
ने अब पुन:
टीईटी मेरिट पर
शिक्षक भर्ती का आदेश
दिया है।
विभागीय
जानकारों की मानें
तो टीईटी मेरिट
पर शिक्षक भर्ती
में कई पेंच
हैं। टीईटी में
धांधली के दौरान
कुल कितने अभ्यर्थियों
के अंक बढ़ाए
गए, अभी तक
इसकी जांच नहीं
हुई है। इसके
अलावा परीक्षा की
पारदर्शिता भी संदेह
के घेरे में
है। वर्ष 2011 की
टीईटी में जहां
बंपर युवा पास
हुए, वहीं टीईटी
2013 में रिजल्ट का प्रतिशत
काफी कम रहा।
यह भी संदेह
पैदा करता है।
टीईटी मेरिट के
आधार पर यदि
शिक्षकों की भर्ती
हुई तो इसके
प्रमाण पत्रों के मिलान
में भी दिक्कत
आ सकती है।
वजह, धांधली के
दौरान कुछ दस्तावेज
इधर-उधर होना
स्वाभाविक है।
संशोधन
के दौरान 5,49,724 अभ्यर्थियों
के अंकों में
किया गया था
बदलाव
एनसीटीई
की अधिसूचना
राष्ट्रीय
अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई)
ने 23 अगस्त 2010 को
अधिसूचना जारी करते
हुए कहा कि
शिक्षा का अधिकार
अधिनियम लागू होने
के बाद कक्षा
8 तक के स्कूलों
में शिक्षक बनने
के लिए शिक्षक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य
होगी। इसमें कहा
गया है कि
टीईटी पात्रता परीक्षा
है न कि
अर्हता परीक्षा।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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