निर्णय
आने तक आयोग
ओवरएज अभ्यर्थियों को
परीक्षा में बैठाए
या परीक्षा टालें
जागरण
ब्यूरो, इलाहाबाद : लोअर सबार्डिनेट
परीक्षा के तीन
सत्र समाप्त करने
से ओवरएज हुए
अभ्यर्थियों पर हाईकोर्ट
ने नरमी दिखाई
है। अदालत ने
कहा है कि
सक्षम प्राधिकारी (राज्यपाल)
आयु सीमा में
छूट देने के
मामले में दो
माह में विचार
कर निर्णय लें।
कोर्ट ने उत्तर
प्रदेश लोक सेवा
आयोग को आदेश
दिया है कि
जब तक सक्षम
प्राधिकारी निर्णय नहीं ले
लेते तब तक
आयोग या तो
ओवरएज हो चुके
अभ्यर्थियों को परीक्षा
में बैठने दे
अथवा निर्णय आने
तक वर्ष 2008 व
वर्ष 2013 की अधीनस्थ
सेवा भर्ती परीक्षा
को टाले रखे।
यह
आदेश न्यायमूर्ति सुधीर
अग्रवाल ने श्रीप्रकाश
श्रीवास्तव सहित दर्जनों
अभ्यर्थियों की याचिकाओं
को निस्तारित करते
हुए दिया है।
याचियों का कहना
था कि 2005, 2006, 2007 में
परीक्षा आयोजित न किए
जाने के कारण
उन्हें भर्ती प्रक्रिया में
शामिल होने के
अवसर से वंचित
किया गया। याचिकाओं
में आयु के
कट ऑफ डेट
को चुनौती दी
गई। 2008 में 900 पदों की
भर्ती होनी है।
इसमें मुख्य रूप
से कोऑपरेटिव सोसायटी
एवं पंचायत के
आडीटर/ लेखा परीक्षक
के पद हैं।
2013 की परीक्षा में भी
समान मुद्दा उठाए
जाने के कारण
सभी याचिकाओं की
एक साथ सुनवाई
हुई। न्यायालय ने
तमाम नियमावलियों का
हवाला देते हुए
1992 की नियमावली को प्रभावी
करार दिया और
कहा कि इसी
नियमावली से आयु
निर्धारण में छूट
का निर्णय दिया
जाए। कोर्ट ने
कहा है कि
जिन वर्षो में
परीक्षा नहीं हुई,
उस वर्ष की
जुलाई माह में
अधिकतम आयु सीमा
तय करते समय
लोक सेवा आयोग
से विमर्श कर
निर्णय लिया जाए
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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