अब
सभी परिषदीय विद्यालयों में नेत्रहीन, मूकबधिर व दिमागी रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा
दी जाएगी। अभी तक विशेष शिक्षक इन बच्चों को शिक्षा देते थे, लेकिन अब परिषदीय विद्यालयों
के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं बच्चों को उनकी विकलांगता के अनुसार शिक्षा देंगी। इसके लिए
उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य परियोजना निदेशालय से जारी फरमान पर जिले
में मास्टर टेनर बनाए जाएंगे जोकि विकास खंडों पर प्रशिक्षण देंगे।
विकलांग
बच्चों को समेकित शिक्षा के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था की जाती है। वैसे अस्थि विकलांग
बच्चों की शिक्षा में कोई परेशानी नहीं होती। नेत्रहीन, मूकबधिर व दिमागी कमजोर बच्चों
की शिक्षा का विशेष इंतजाम होता है और उसी के लिए आवासीय कैंप संचालित होते हैं, साथ
ही विकास खंडों में विशेष शिक्षक शिक्षिकाओं की तैनाती है। यही विशेष शिक्षक शिक्षिकाएं
चिन्हित विद्यालयों के बच्चों को शिक्षा देते हैं। लेकिन अब एक नई व्यवस्था शुरू की
गई है और विशेष शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ सभी विद्यालयों को शिक्षक शिक्षिकाओं को ऐसे
बच्चों की शिक्षा व्यवस्था का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना
निदेशक अमृता सोनी ने इस संबंध में फरमान जारी किया है। जिसमें सभी विकास खंडों से
पांच पांच शिक्षक शिक्षिकाओं को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में विशेष शिक्षकों
द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें 25 को नेत्रहीन, 25 को मूकबधिर व 10 शिक्षक शिक्षिकाओं
को दिमागी कमजोर बच्चों को शिक्षा देने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।1
यह
मास्टर प्रशिक्षक व समेकित शिक्षा के शिक्षक बीआरसी पर सभी परिषदीय प्राथमिक व उच्च
प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण देंगे। जिला समन्वयक समेकित
शिक्षा आशा वर्मा ने बताया कि परियोजना निदेशक के आदेश पर प्रशिक्षण की सूची तैयार
की जा रही है। 15 दिसंबर तक कार्यक्रम पूरा करना है।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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