लखनऊ।
हड़ताली राज्य कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल स्थगित करने का एलान कर
दिया। सरकार ने हड़तालियों की 21 में चार मांगे मान लीं है। तीन दिसंबर तक
संबंधित शासनादेश जारी किए जाने का अद्वासन भी दिया गया है। उप्र कर्मचारी
अधिकार मंच के अध्यक्ष मंडल हरि किशोर तिवारी और अजय सिंह ने बताया कि
हाईकोर्ट के निर्देश के सम्मान में हड़ताल स्थगित की गई है।
इस मामले में हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में शुक्रवार को सरकार की ओर से
प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र के आधार पर कर्मचारियों ने यह कदम उठाया है।
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि हड़तालियों पर सरकार किसी तरह के उत्पीड़न की
कार्रवाई नहीं करेगी। हड़ताल अवधि का वेतन अर्जित अवकाश से समायोजित किया
जाएगा। इससे पूर्व हड़ताल के कारण ग्यारहवें दिन दफ्तारों में ताले झूलते
रहे। कर्मचारियों ने रोज की तरह कामकाज ठप रखा।
मांगें जो सरकार ने मान लीं : सचिवालय कर्मियों की तरह राज्य कर्मचारियों को भी एसजीपीजीआई, चिकित्सा विवि और महाविद्यालयों सहित सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। 2003 से बाधित राजस्व संग्रह अमीन संवर्ग को पदोन्नति देने का अधिकार नायब तहसीलदार को दे दिया गया है। लिपिक संवर्ग के कर्मियों की पदोन्नति में अर्हकारी सेवा अवधि को समाप्त कर दिया गया है। ग्राम पंचायत सफाई कर्मचारियों को प्रधानों से मुक्त कर दिया गया है। इनकी सेवा नियमावली अलग से बनाई जाएगी।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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