Friday, October 25, 2013

बीटीसी कटऑफ देखने में सर्वर ने रुलाया : इस बार कम गई मेरिट : एक साल पिछड़ा सत्र


  • बीटीसी कटऑफ देखने में सर्वर ने रुलाया
  • पिछली बार की अपेक्षा इस बार कम गई मेरिट
  • एक साल पिछड़ा सत्र
  • अभी तक नहीं हुई पिछले सत्र की एक भी सेमेस्टर परीक्षा

लखनऊ (ब्यूरो)। समय से दाखिले न परीक्षाएं। पिछला सत्र ही एक साल लेट हो गया। नए सत्र के तो दाखिले ही शुरू नहीं हुए। यह हाल बीटीसी की पढ़ाई का है। अब भी समय से परीक्षाएं हो जाएं तो भी दो साल का बीटीसी तीन साल में पूरा हो पाएगा। बीएड से छात्रों के मोहभंग के बाद कॉलेज संचालक, छात्र और अभिभावक बीटीसी की इस दुर्दशा से काफी चिंतित हैं।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद से जब प्रदेश में भारी संख्या में प्राइमरी शिक्षकों की दरकार की बात उठी तो निजी क्षेत्र में बीएड और बीटीसी कॉलेजों की बाढ़ सी आ गई। नौकरी की उम्मीद बढ़ते देख युवाओं ने भी इन कोर्स में दाखिला लेने में खूब रुचि दिखाई। अब बीएड से तो युवाओं का मोहभंग हो चुका है। इस साल प्रदेश में कई दौर की काउंसलिंग के बाद सीटें ही नहीं भर पाईं। कॉलेज संचालक भी परेशान होकर मान्यता वापस करने लगे। अब सभी की चिंता बीटीसी को लेकर है। बीटीसी का 2012-13 सत्र जुलाई 2012 में शुरू हो जाना चाहिए था। इस सत्र के दाखिले ही जुलाई 2013 तक चले। एक साल देर तक तो दाखिले ही होते रहे। अगला सत्र 2013-14 जुलाई से शुरू हो जाना चाहिए था लेकिन अभी इसकी मेरिट लिस्ट जारी हुई है। अब काउंसलिंग शुरू होगी। काउंसलिंग प्रक्रिया भी ऐसी है कि साल भर चलती है।
लखनऊ के महाबीर प्रसाद डिग्री कॉलेज के प्रबंधक अवधेश सिंह बताते हैं कि उन्हें पिछले सत्र के छात्र ही इस साल अप्रैल में मिले। अभी एक भी सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई। इसी तरह स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज के प्रबंधक मोहन सिंह भी बताते हैं कि सत्र 2012-13 की पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं अभी नहीं हुई हैं। ये दिसंबर तक होंगी। मेरठ के सीएसडी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्रबंधक सुभाष गुर्जर भी कहते हैं कि समय से दाखिले और परीक्षाएं नहीं होंगी तो इससे छात्रों का मोहभंग होगा ही। बीएड में भी सरकार की गलत नीतियों के कारण छात्र नहीं मिले। सरकार यही हाल अब बीटीसी में कर रही है। इस बाबत परीक्षा नियामक प्राधिकारी मीना श्रीवास्तव से बात करने की कोशिश की गई लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुईं।
लखनऊ। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने बीटीसी का कटऑफ भले ही जारी करते हुए बृहस्पतिवार से ऑनलाइन देखने की बात कही हो पर पहले दिन सर्वर ने इतना रुलाया कि अभ्यर्थियों के पसीने छूट गए। यह बात अलग है कि इस बार सीटें अधिक होने की वजह से पिछली बार की अपेक्षा मेरिट कम गई है। इसलिए इस बार अधिक छात्रों को बीटीसी में प्रवेश का मौका मिलेगा।
प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बीएड वालों को बाहर किए जाने से बीटीसी का क्रेज तेजी से बढ़ा है। इसलिए इस बार बीटीसी के लिए 6,68,700 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। बीटीसी में इस बार 36,350 सीटें हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में 10,450 और 518 निजी कॉलेजों में 25,900 सीटें हैं। सीटें अधिक होने की वजह से इस बार अधिकतम मेरिट पुरुष विज्ञान वर्ग में 209.61 गई है, जबकि महिला विज्ञान वर्ग में 205.67 गई है। इस बार 72,986 अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया है।
कटऑफ देखने में आई समस्या पर एससीईआरटी के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि सरवर खराब होने की जानकारी नहीं है, लेकिन पहले दिन थोड़ी समस्या आने की बात स्वीकारी। उन्होंने कहा कि एनआईसी को निर्देश दिया गया है कि सर्वर ठीक से काम करे जिससे अभ्यर्थियों को परेशानी न हो।
कटऑफ

काउंसलिंग में कब क्या


खबर साभार : अमर उजाला


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