Saturday, September 28, 2013

एक प्रति छात्र, दूसरी एजेंसी के पास और तीसरी बोर्ड में रहेगी




  • दो की जगह ओएमआर शीट की तीन कापियां बनवाएगा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड

हरिशंकर मिश्र, इलाहाबाद

प्रदेश में माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को मिलने वाले अंकों का हिसाब-किताब अब माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भी रखेगा। इसके लिए अभ्यर्थियों के ओएमआर शीट (उत्तर पुस्तिका) की एक प्रति अब बोर्ड कार्यालय में भी रखी जाएगी। कोई भी विवाद उत्पन्न होने की स्थिति में बोर्ड इस शीट से मिलान कर सकेगा। इस व्यवस्था के बाद न सिर्फ गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा, बल्कि अदालती विवादों में भी कमी आएगी।
अब तक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ओएमआर शीट की एक भी प्रति कार्यालय में नहीं रखता था। परीक्षा के लिए दो ओएमआर शीट तैयार की जाती थी। इनमें एक प्रति छात्र अपने स्थान ले जाते थे जिससे वे वेबसाइट पर जारी उत्तरों से अपने उत्तरों का मिलान करते थे। दूसरी शीट परिणाम तैयार करने वाली एजेंसी को भेज दिया जाता था। बीते सालों में ऐसे कुछ मामले पकड़े गए जिसमें ओएमआर शीट में अंकों में हेरफेर करके अपने चहेतों को नियुक्ति दिलाने का प्रयास किया गया। इसमें बोर्ड के भी कुछ लोग शामिल थे और एजेंसी की मिलीभगत की बात भी सामने आई। अभी हाल ही में टीजीटी-पीजीटी-2 011 की भर्ती की मामला हाईकोर्ट में जाने के बाद भी बोर्ड को ओएमआरशीट की प्रति न रखने का खामियाजा भुगतना पड़ा और हाईकोर्ट ने इस परीक्षा पर रोक लगा दी। इसके बाद इस पर गंभीरता से विचार शुरू हुआ और पिछले दिनों हुई बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। 1माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव वंश गोपाल मौर्य के अनुसार यदि एक शीट यहां रहेगी तो परीक्षाफल में गड़बड़ी नहीं की जा सकेगी। जरूरत पड़ने पर बोर्ड में रखी प्रति से अंकों का मिलान किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अब तीन कापियां तैयार कराई जाएंगी जिसमें एक प्रति छात्र के पास, एक एजेंसी के पास और एक बोर्ड के पास रहेगी।
टीजीटी-पीजीटी परीक्षा के लिए अनुमति मांगेगा चयन बोर्ड
जाब्यू, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड टीजीटी-पीजीटी-2 011 के अदालत में चल रहे विवाद में जल्द ही हलफनामा लगाएगा। इसके साथ ही परीक्षा संपन्न कराने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति भी मांगी जाएगी। बोर्ड के सचिव वंश गोपाल मौर्य के अनुसार वर्तमान में सदस्यों का कोरम पूरा है। इसलिए बोर्ड निर्णय लेने में सक्षम है। अनुमति मिल जाने पर टीजीटी-पीजीटी परीक्षा के पांच लाख अभ्यर्थियों के भविष्य की राह खुल सकेगी।

एक प्रति छात्र, दूसरी एजेंसी के पास और तीसरी बोर्ड में रहेगी
 


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