लखनऊ (एसएनबी)। उत्तर
प्रदेश सरकार ने ई-गवन्रेन्स की दिशा
में महत्वपूर्ण कदम
उठाते हुए अपने
सभी शासनादेशों को
ऑन लाइन निर्गत
करने तथा इन्टरनेट
पर अपलोड करने
का निर्णय लिया
है । सचिवालस
प्रशासन विभाग की तरफ
से इस बारे
में जारी आदेश
में यह स्पष्ट
किया गया है
कि 16 सितम्बर से
जारी होने वाले
शासनादेशों को वैध
तभी माना जायेगा
जब वह सरकार
के वेबसाइट पर
उपलव्ध होंगे। इस सम्बंध
में मुख्य सचिव
जावेद उस्मानी ने
पिछले दिनों कड़े
निर्देश जारी किए
थे। सचिवालस प्रशासन
विभाग के सचिव
अरविंद नारायण मिश्रा ने
बताया कि प्रथम
चरण में दस
विभागों माध्यमिक व बेसिक
शिक्षा विभाग, राजस्व, कार्मिक,
परिवहन, नगर विकास,
खाद्य एवं रसद,
समाज कल्याण, विकलांग
कल्याण, आईटी एवं
इलेकट्रानिक तथा महिला
एवं बाल विकास
विभाग में यह
व्यवस्था लागू की
गयी है। उन्होंने
बताया कि आगामी
एक नवम्बर से
यह व्यवस्था प्रदेश
के अन्य 24 विभागों
में तथा एक
जनवरी 2014 से समस्त
विभागों में लागू
हो जायेगी। उन्होंने
बताया कि अगर
किसी विभाग का
शासनादेश मैनुअली जारी हुआ
तो इस संबंध
में कड़ी कार्रवाई
की जायेगी। इस
योजना के तहत
लगभग 150 शासनादेश वेबसाइट पर
अपलोड किए जा
चुके हैं। गौरतलब
है कि पुलिस
समेत कई महत्वपूर्ण
विभागों के फर्जी
हस्ताक्षर से शानादेश
जारी होने के
मामले प्रकाश में
आये थे।
फर्जीवाड़ा
रोकने के लिए
राज्य सरकार ने
लिया फैसला पहले
चरण में दस
विभागों नवम्बर से 24 तथा
एक जनवरी 2014 से
सभी विभागों में
लागू हो जाएगी
यह व्यवस्था
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