प्रदेश
में बीएड की खाली 34,294 सीटों पर छात्रों को सीधे प्रवेश देने का रास्ता
साफ हो गया है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा नीरज गुप्ता की अध्यक्षता में
बृहस्पतिवार को हुई बैठक में यह तय किया गया है कि स्ववित्तपोषित बीएड
कॉलेज प्रबंधक रिक्त सीटों का विज्ञापन निकालेंगे और अभ्यर्थियों को
काउंसलिंग के लिए बुलाएंगे।
मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा। यह प्रवेश केवल उन
सीटों पर ही दिया जाएगा, जिन सीटों को काउंसलिंग के दौरान आवंटित नहीं किया
गया था।
प्रमुख सचिव ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से इस संबंध में विस्तृत निर्देश
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को भेजने को कहा है। रिक्त सीटों पर प्रवेश
प्रक्रिया 15 अक्तूबर तक पूरी कर ली जाएगी।
गोरखपुर विश्वविद्यालय ने इस साल बीएड की 1,20,811 सीटों पर दाखिला देने के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित कराई थी।
लेकिन कई चरणों की काउंसलिंग के बाद भी बीएड की 34,294 सीटें खाली रह गई
हैं। इसमें सर्वाधिक सीटें मेरठ विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों की
25,252 सीटें हैं।
वहीं आगरा विश्वविद्यालय की 8,025 सीटें, कानपुर विश्वविद्यालय की 964 और संपूर्णानंद विश्वविद्यालय वाराणसी की 53 सीटें खाली हैं।
वहीं आगरा विश्वविद्यालय की 8,025 सीटें, कानपुर विश्वविद्यालय की 964 और संपूर्णानंद विश्वविद्यालय वाराणसी की 53 सीटें खाली हैं।
स्ववित्तपोषित बीएड कॉलेजों की अधिकतर सीटें खाली होने के चलते
महाविद्यालय प्रबंधन लगातार यह दबाव बनाए हुए था कि उन्हें खाली सीटों पर
सीधे प्रवेश की अनुमति दी जाए।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा नीरज गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह
तय किया गया है कि गोरखपुर विश्वविद्यालय, परीक्षा में शामिल हुए
अभ्यर्थियों में प्रवेश न लेने वालों की मेरिट बनाते हुए ई-मेल से समस्त
स्ववित्तपोषित बीएड महाविद्यालयों को भेजेगा। इसके आधार पर ही कॉलेज
अभ्यर्थियों को सीधे प्रवेश दे सकेंगे।
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