- जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों की नियुक्ति में आयु सीमा निर्धारण के बाद बढ़ीं मुश्किलें
- अब 35 वर्ष से अधिक के बीएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी नहीं कर सकते आवेदन
गोरखपुर : शासन के निर्देशों ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को ही उलझा
कर रख दिया है। आलम यह है कि टीईटी उत्तीर्ण करने के बाद भी अभ्यर्थी
शासनादेश और कोर्ट के बीच पिस रहे हैं। उनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही है।
अब नए शासनादेश से सैकड़ों बीएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के सपने उलझ
कर रह गए हैं। 35 वर्ष से अधिक उम्र वाले अभ्यर्थी चाहकर भी जूनियर
हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के लिए आवेदन नहीं कर सकते। जबकि प्राथमिक
विद्यालयों में 40 वर्ष तक की आयु सीमा निर्धारित है।
पिछले माह ही शासन ने जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान वर्ग के अध्यापकों की भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की आयु सीमा निर्धारित कर दी। शासन के अनुसार जल्द ही नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी निकाला जाएगा। नए निर्देश के अनुसार 21 से 35 वर्ष तक के बीएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही सहायक अध्यापकों के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे में 35 वर्ष तक या उसके बाद बीएड व टीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई है। उनका कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आयु सीमा 40 वर्ष है। यही नहीं उत्तर प्रदेश आयोग की सभी नियुक्तियों के अलावा पीसीएस, पीसीएस जे, लोअर सब आर्डिनेटर आदि भर्तियों में सामान्य वर्ग के लिए 40 वर्ष ही आयु सीमा निर्धारित की गई है।
बता दें कि, अभ्यर्थी अवधेश धर द्विवेदी और मनोज कुमार ने 35 वर्ष की उम्र में बीएड पूरा किया। इसके बाद उन्होंने टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) भी उत्तीर्ण की। ऐसे में उनकी उम्र 36 हो गई। वे खुश थे कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही उनकी भी तैनाती हो जाएगी। पर, नए शासनादेश ने उनके सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। सिर्फ अवधेश और मनोज ही नहीं नए शासनादेश को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थी परेशान हैं। अधिकतर अभ्यर्थी बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। अंतिम समय में शिक्षक बनने का विचार आते ही बीएड आदि करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में उनकी आयु अधिकतम सीमा 35 वर्ष तक पहुंच जाती है
पिछले माह ही शासन ने जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान वर्ग के अध्यापकों की भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की आयु सीमा निर्धारित कर दी। शासन के अनुसार जल्द ही नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी निकाला जाएगा। नए निर्देश के अनुसार 21 से 35 वर्ष तक के बीएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही सहायक अध्यापकों के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे में 35 वर्ष तक या उसके बाद बीएड व टीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई है। उनका कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आयु सीमा 40 वर्ष है। यही नहीं उत्तर प्रदेश आयोग की सभी नियुक्तियों के अलावा पीसीएस, पीसीएस जे, लोअर सब आर्डिनेटर आदि भर्तियों में सामान्य वर्ग के लिए 40 वर्ष ही आयु सीमा निर्धारित की गई है।
बता दें कि, अभ्यर्थी अवधेश धर द्विवेदी और मनोज कुमार ने 35 वर्ष की उम्र में बीएड पूरा किया। इसके बाद उन्होंने टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) भी उत्तीर्ण की। ऐसे में उनकी उम्र 36 हो गई। वे खुश थे कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही उनकी भी तैनाती हो जाएगी। पर, नए शासनादेश ने उनके सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। सिर्फ अवधेश और मनोज ही नहीं नए शासनादेश को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थी परेशान हैं। अधिकतर अभ्यर्थी बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। अंतिम समय में शिक्षक बनने का विचार आते ही बीएड आदि करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में उनकी आयु अधिकतम सीमा 35 वर्ष तक पहुंच जाती है
News Sabhaar : Jagran (9.8.13)
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