Tuesday, August 20, 2013

टीजीटी-पीजीटी की नियुक्ति पर रोक


 माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों की संख्या पूरी करें : कोर्ट

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) तथा परास्नातक प्रवक्ताओं (पीजीटी) की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद टीजीटी व पीजीटी के चयन पर रोक लगा दी। पीठ ने माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों को भी पूरा किए जाने के निर्देश दिए हैं। पीठ ने बिना रिक्तियों की तस्दीक कराए तथा बोर्ड के सदस्यों के अभाव में की जारी नियुक्तियों पर रोक लगा दी है।1 आदेश न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति अशोक पाल सिंह की पीठ ने याची दीप्ति मिश्र व अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए हैं। याचिका में टीजीटी व पीजीटी शिक्षकों के चयन के लिए वर्ष 2011 में जारी दो विज्ञापनों की वैधता को चुनौती दी गई है। 
लखनऊ : प्रदेश में टीजीटी-पीजीटी के 1514 पदों पर भर्ती के लिए जो विज्ञापन जारी किए गए हैं उसमें राज्य सरकार ने तस्दीक नहीं कराई कि कितनी जगह रिक्त है तथा वर्ष 2013 में कितने पदों पर भर्तियों के लिए परीक्षा की जानी है। याची का तर्क था कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग में वर्तमान में सदस्यों की संख्या आधे से कम है ऐसे में रिक्तियों के भरने का निर्णय लिया जाना विधि विरुद्ध है। विदित हो कि टीजीटी व पीजीटी शिक्षकों की भर्ती माध्यमिक सेवा चयन आयोग द्वारा की जाती है। आयोग में एक चेयरमैन व दस सदस्य होते हैं कहा गया कि वर्तमान में आयोग में केवल चार सदस्य हैं ऐसे में चयन किस आधार पर किया जा रहा है, जब तक बोर्ड के सदस्यों का कोरम पूरा नहीं है चयन नहीं किया जा सकता।

 रिक्तियों की नहीं कराई तस्दीक-

लखनऊ : प्रदेश में टीजीटी-पीजीटी के 1514 पदों पर भर्ती के लिए जो विज्ञापन जारी किए गए हैं उसमें राज्य सरकार ने तस्दीक नहीं कराई कि कितनी जगह रिक्त है तथा वर्ष 2013 में कितने पदों पर भर्तियों के लिए परीक्षा की जानी है। याची का तर्क था कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग में वर्तमान में सदस्यों की संख्या आधे से कम है ऐसे में रिक्तियों के भरने का निर्णय लिया जाना विधि विरुद्ध है। विदित हो कि टीजीटी व पीजीटी शिक्षकों की भर्ती माध्यमिक सेवा चयन आयोग द्वारा की जाती है। आयोग में एक चेयरमैन व दस सदस्य होते हैं कहा गया कि वर्तमान में आयोग में केवल चार सदस्य हैं ऐसे में चयन किस आधार पर किया जा रहा है, जब तक बोर्ड के सदस्यों का कोरम पूरा नहीं है चयन नहीं किया जा सकता।


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