यूपी में राज्य सरकार ने उप निरीक्षक नागरिक पुलिस व पीएसी के प्लाटून कमांडर के पदों पर सीधी भर्ती की संयुक्त परीक्षा को संशोधित नियमावली के आधार पर ही कराए जाने का विचार किया है।
इसके लिए सर्वोच्च अदालत का सहारा लिया जाएगा। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने संशोधित नियमों से दारोगा की सीधी भर्ती प्रक्रिया पर स्पष्ट रोक लगा दी है। अदालत ने राज्य सरकार से कहा था कि वह चाहे तो पुराने नियम पर भर्ती प्रक्रिया जारी रख सकती है।
इसके बाद से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। सरकार ने अदालत के रुख के बाद पहले यह मन बनाया था कि भर्ती को पुरानी पद्धति के जरिए ही करा जाए पर बाद में जब न्याय विभाग की राय ली गई तो इसमें तकनीकी पेंच सामने आए।
गहन विधिक परामर्श के बाद यह पाया गया कि अगर संशोधित नियमावली को दरािकनार कर पुरानी पद्धति से भर्ती की जाएग़ी तो फिर से कई गड़बड़ियां हो सकती हैं, लिहाजा संशोधित प्रक्रिया से ही भर्ती करना उचित होगा।
अब यह तय हुआ है कि राज्य सरकार उच्च अदालत के समक्ष अपना पक्ष रख कर संशोधित नियमावली के आधार पर परीक्षा कराने का आग्रह करेगी और जरूरत पड़ी तो सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जाएगी।
गौरतलब है कि संशोधित व्यवस्था के तहत अभ्यर्थियों के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा की दौड़ की दूरी पुरुषों के लिए 35 मिनट में 4.8 किलोमीटर और महिलाओं के लिए 20 मिनट में 2.4 किलोमीटर कर दी गई थी। जबकि पूर्व में यह दस किलोमीटर थी।
इसी दूरी को पूरा करने की कोशिश में कई अभ्यर्थियों को अपने प्राण गंवाने पड़े थे।
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