Tuesday, July 2, 2013

सूबे में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को धक्का

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वार्षिक कार्ययोजना में प्रस्तावित 1396 राजकीय हाईस्कूलों के निर्माण में विलंब होना तय

राजीव दीक्षित1लखनऊ : लैपटॉप बंटवाने में व्यस्त माध्यमिक शिक्षा विभाग के रवैये से प्रदेश में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) को धक्का लगा है। आरएमएसए के तहत केंद्र सरकार को राज्य की ओर से भेजी गई 2013-14 की वार्षिक कार्ययोजना के मूल्यांकन के दौरान विभाग मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय को संतुष्ट नहीं कर पाया। किरकिरी से बचने के लिए विभाग ने अपरिहार्य प्रशासनिक कारण का हवाला देते हुए उप्र की कार्ययोजना को मंजूरी दिलाने के लिए एचआरडी मंत्रलय से आरएमएसए के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की प्रस्तावित बैठक को टालने और नई तिथि निर्धारित करने का अनुरोध किया है। 1हालांकि इस मुद्दे पर उप्र माध्यमिक शिक्षा अभियान परिषद के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन महकमे में अंदरखाने चर्चा है कि जून के पहले पखवारे में कई जिलों में लैपटॉप वितरण कार्यक्रमों में व्यस्तता के कारण ही माध्यमिक शिक्षा विभाग कार्ययोजना के मूल्यांकन को अपेक्षित तवज्जो नहीं दे सका। वार्षिक कार्ययोजना की मंजूरी टलने से अभियान के क्रियान्वयन पर असर पड़ना तय है। देर से मंजूरी मिलेगी तो अभियान के लिए वित्तीय स्वीकृतियां भी देर से जारी होंगी। वैसे भी प्रदेश में आरएमएसए सुस्त रफ्तार से चल रहा है।1आरएमएसए के तहत राज्य की ओर से केंद्र को 2013-14 में 2558 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना भेजी गई थी। कार्ययोजना में 2013-14 में प्रदेश में 1396 नये राजकीय हाईस्कूल, मौजूदा राजकीय हाईस्कूलों में 236 अतिरिक्त क्लासरूम, 77 प्रयोगशाला कक्ष व उपकरण, 89 पुस्तकालय कक्ष, 95 आर्ट व क्राफ्ट कक्ष, 449 कम्प्यूटर कक्ष की स्थापना के साथ 320 विद्यालयों में शौचालय व 295 में पेयजल सुविधाएं विकसित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा 200 राजकीय हाईस्कूलों में रोजगारपरक शिक्षा शुरू करने का भी प्रस्ताव है। वार्षिक कार्ययोजना को मंजूरी देने के लिए बीती 19 जून को नई दिल्ली में आरएमएसए के पीएबी की बैठक तय थी। पीएबी की बैठक से पहले एचआरडी मंत्रलय कार्ययोजना का बारीकी से मूल्यांकन करता है। सूत्रों के मुताबिक कार्ययोजना के मूल्यांकन के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग पूरी तरह तैयार नहीं था। मूल्यांकन के दौरान विभाग की दलीलों से एचआरडी मंत्रलय कतई असंतुष्ट रहा। केंद्र के सख्त रुख को भांपते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने एचआरडी मंत्रलय को पत्र भेजकर प्रदेश की वार्षिक कार्ययोजना को मंजूरी दिलाने के मकसद से पीएबी की प्रस्तावित बैठक को टालने और उसके स्थान पर नई तिथि निर्धारित करने की गुजारिश की है।

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