Wednesday, June 5, 2013

हेडमास्टर की शक्ति पी एम से ही ज्यादा :: हाई कोर्ट

हेडमास्टर की शक्ति पी एम से ही ज्यादा :: हाई कोर्ट

इलाहाबाद |

प्राईमरी स्कूल के टीचर का महत्व समझना हो तो हाई कोर्ट का वह आदेश जरूर पढ़िए, जो शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता किये जाने के सम्बन्ध में हाई कोर्ट ने दिया है | वृहद् पीठ ने दोनों पक्षों के वकीलों की जिरह सुनने के बाद अपने फैसले में कानूनी स्थिति तो स्पष्ट की ही,गुरू महिमा का भी जिक्र किया |
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‘शिक्षा का अधिकार’ कानून के आइने में नॉन टीईटी बनाम टीईटी के विवाद का पटाक्षेप करते हुए हाई कोर्ट ने कई ऐसी बातें कहीं, जो काबिलेगौर हैं | 52 पन्ने के महत्पूर्ण फैसले के पेज 35 पर विंस्टन चर्चिल का भी जिक्र है जिसमे उन्होंने कहा था “एक प्राईमरी स्कूल के हेडमास्टर के पास इतनी शक्ति होती है जितनी प्रधान मंत्री के पास भी कभी नही होती|” इसी तरह पेज 31 पर शिक्षक का महत्व रेखांकित करते हुए लिखा गया है –‘गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु:गुरुर्देवो महेश्वर:गुरु:साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नम:”|

शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी को इसलिए जरूरी माना गया है ताकि बच्चों को उचित शिक्षा मिल सके | शिक्षक में ऐसी योग्यता होनी चाहिए कि वह बच्चों की जिज्ञासा शांत करने के साथ उसे इस योग्य बनाये कि वे न सिर्फ किताब पढ़ना सीखें बल्कि यह अंतर करना भी सीखें कि क्या पढ़ना है और क्या नही |

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