Tuesday, October 28, 2014

काउंसिलिंग में महिलाओं ने दिखाया जोश


Publish Date:Mon, 27 Oct 2014 06:55 PM (IST) | Updated Date:Mon, 27 Oct 2014 06:55 PM (IST)

मैनपुरी, भोगांव: बीटीसी की प्राइवेट कॉलेजों में खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए आवेदकों में उत्साह दिन गुजरने के साथ ही बढ़ता जा रहा है। काउंसिलिंग प्रक्रिया के तीसरे दिन प्रवेश से पहले औपचारिकताएं पूर्ण करने के लिए महिला आवेदकों ने जमकर जोश दिखाया। सामान्य महिला कला एससी, ओबीसी की एक सैकड़ा आवेदकों ने डायट पर पहुंचकर काउंसिलिंग प्रक्रिया को पूर्ण किया। शुरुआती दौर में दिख रहे जोश से अब सीटें भरने की संभावना बढ़ती जा रही है।
बीटीसी चयन प्रक्रिया 2013 में जनपद के निजी कालेजों में खाली पड़ी 120 सीटों पर प्रवेश के लिए काउंसिलिंग में इस बार आवेदकों में जिद्दोजहद दिख रही है। द्वितीय चरण की काउंसिलिंग प्रक्रिया के शुरुआती चरण में ही आवेदकों का हुजूम डायट पर जुट रहा है। काउंसिलिंग के तीसरे दिन सामान्य महिला कला के 105 आवेदकों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था। सुबह से ही महिला आवेदकों की भीड़ जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर नजर आ रही थी। डायट प्राचार्य आरएस बघेल, उपप्राचार्य गंगा सिंह राजपूत, प्रवक्ता हर्ष दीपांकर तिवारी, ब्रजेश शाक्य की टीम के समक्ष इस वर्ग की महिला आवेदकों ने एक-एक कर अपने शैक्षिक मूल अभिलेखों व अन्य प्रमाण पत्रों की जांच पड़ताल कराई। टीम ने आवेदकों के काउंसिलिंग कार्ड शुल्क, रसीद व सभी मूल प्रमाण पत्रों को गहनता से जांचा परखा। देर शाम तक डायट पर एससी के 26, ओबीसी की 36 सहित हाईमेरिट के 39 ओबीसी दावेदार जिन्हें सामान्य में शिफ्ट किया गया था ने प्रक्रिया को पूर्ण किया। कुल मिलाकर 100 आवेदकों ने खाली सीटों पर प्रवेश के लिए दावेदारी कर दी है। निरंतर बढ़ रही संख्या के आधार पर कयास लगाया जा रहा है कि इस बार शायद जनपद के निजी कॉलेजों की सीटें भर सकती हैं। डायट प्राचार्य आरएस बघेल ने बताया कि मंगलवार को डायट पर सामान्य महिला विज्ञान श्रेणी की आवेदकों की काउंसिलिंग कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि जो आवेदक अब तक की काउंसिलिंग में विभिन्न कारणों से गैर हाजिर रहे हैं। वह 2 नवंबर से पहले किसी दिन आकर प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते हैं।

शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थी हो रहे हलकान


Publish Date:Mon, 27 Oct 2014 08:48 PM (IST) | Updated Date:Mon, 27 Oct 2014 08:48 PM (IST)

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : 'प्यास लगे तब कुआं खोदो' की कहावत इन दिनों शिक्षकों की भर्ती पर पूरी तरह से फिट बैठ रही है। हालत यह है कि करीब एक लाख शिक्षकों की भर्ती के लिए अफसरों ने पहले से कोई तैयारी नहीं की, बल्कि जब समस्या आई उसका तुरत-फुरत समाधान खोज लिया। इसीलिए आए दिन परेशानी हो रही है और अभ्यर्थी भी अनायास भागदौड़ कर रहे हैं, वहीं अफसर भी सारे मामले उसी अंदाज में निपटा रहे हैं।
प्रदेश में इन दिनों प्राथमिक स्कूलों के लिए 72825 एवं जूनियर स्कूलों के लिए 29336 शिक्षकों की भर्ती चल रही है। दोनों भर्तियों में आए दिन अफसरों को जूझना पड़ता है, क्योंकि अक्सर कोई न कोई व्यवधान उत्पन्न होता है। मसलन प्राथमिक स्कूल के लिए स्नातक में 45 फीसदी अंक लेकर पास अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में शामिल किया जाएगा या नहीं। ऐसे ही जूनियर स्कूल के लिए एमएससी कृषि करने वाले अभ्यर्थी को विज्ञान शिक्षक के रूप में मौका मिलेगा या नहीं। ऐसे ही दर्जनों सवाल काउंसिलिंग शुरू होने के बाद रह-रहकर सामने आते रहे। अभ्यर्थी अफसरों के चक्कर काटते तब जाकर उसका समाधान होता था।
प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए तो राज्य स्तरीय कठिनाई निवारण समिति का गठन किया गया था। इसमें हर काउंसिलिंग के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से इस समिति के पास सवाल भेजा जाता था और उनके निराकरण को अगली काउंसिलिंग में लागू कराया गया। इससे बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को परेशान होना पड़ा। यह सिलसिला अब तक जारी है, जबकि प्राथमिक स्कूल के लिए तीसरी काउंसिलिंग होने को है और जूनियर स्कूल के लिए पांचवीं काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य विनोद कृष्ण कहते हैं कि हम लोग एससीईआटी के निर्देशों का ही अनुपालन करते हैं। काउंसिलिंग के दौरान जो समस्या आती है उसे एससीईआरटी को भेजते हैं और वहां से मिले निर्देशों को अमल में लाते हैं।

Monday, October 27, 2014

बीएड की 55 हजार सीटों की उम्मीदों पर अदालत की रोक

फर्रुखाबाद: प्रदेश के बीएड कॉलेजों में खाली पड़ी 55436 सीटें भरने की उम्मीद खत्म हो गई है। एक निजी कॉलेज की याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने फैसला सुनाते हुए खाली सीटें भरने की स्वीकृति नहीं दी। याचिका खारिज होने से सीएसजेएमयू से संबद्ध बीएड कॉलेजों में खाली 10 हजार सीटों को भरने की उम्मीद भी खत्म हो गई है।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब कॉलेज प्रबंधक खाली सीटों पर प्रवेश की अनुमति लेने को शासन से निवेदन करेंगे क्योंकि शासन की पहल पर ही अक्टूबर में दूसरी काउंसलिंग कराई जा सकी थी। इस साल फर्रुखाबाद समेत प्रदेश में कई बीएड कॉलेज ऐसे हैं जिनमें सीटें भरने का आकड़ा 10 तक भी नहीं पहुंच पाया है। पिछले साल शासन ने खाली सीटें भरने के लिए कॉलेजों को स्वीकृति दे दी थी। कॉलेजों ने विज्ञापन निकालकर उन छात्रों को प्रवेश दिया था जो प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे। इस बार भी शासन से अनुमति मांगी जाएगी।

बीएड प्रवेश प्रक्रिया एक नजर में
  • -2,34,674 छात्रों ने बीएड में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था
  • -2,14,103 छात्र प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे
  • -1,70,000 छात्र काउंसलिंग में शामिल हुए थे
  • -पहली काउंसलिंग में 66320 छात्रों को कॉलेज आवंटित किए गए
  • -दूसरी काउंसलिंग में 23376 छात्रों को कॉलेज आवंटित किए गए
  • -प्रवेश प्रक्रिया खत्म होने के बाद 55436 सीटें खाली

पीएम के इंटरनेट की स्पीड औसत से 17 गुना ज्यादा तेज

डेस्क: प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास सबसे तेज रफ्तार की इंटरनेट सेवा है| उसकी स्पीड 34एमबीपीएस है जबकि भारत में इंटरनेट की औसत स्पीड 2एमबीपीएस है| यह बात एक आरटीआई याचिका से पता चली है|
Internetपीएमओ ने बताया कि नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) पीएमओ को इंटरनेट पर 34एमबीपीएस स्पीड उपलब्ध करा रहा है| रंगनाथन ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि पीएम होने के नाते उन्हें तेज रफ्तार इंटरनेट कनेक्शन मिलना ही चाहिए| अमेरिका में गूगल फाइबर आम आदमी को भी 1 जीबीपीएस कनेक्टिविटी देता है| भारत में भी कोच्चिं में कई जगह 1जीबीपीएस कनेक्टिविटी है जो पीएमओ से 30 गुना ज्यादा है|
हाल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट स्पीड के मामले में भारत दुनिया में 115 वें नंबर पर था| दक्षिण कोरिया इस मामले में सबसे आगे है. पीएम मोदी ने देश में तेज रफ्तार इंटरनेट के लिए महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया की शुरुआत की है जिस पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे| इससे देश के ग्रामीण इलाकों में भी तेज रफ्तार इंटरनेट सेवा उपलब्ध हो सकेगी|

JNR BHRTEEYON MEIN LOW MERIT VAALE ADANGA LAGANE KO BETHE HAIN TAYAAR

जूनियर भर्ती के सभी वैध आवेदकों नमस्कार, हमारे अवैध लोगों के खिलाफ कोर्ट जाने पर पर कई लोगों को बहुत दिक्कत हो रही है...कई लोग मुझसे कह रहें हैं की आप ऐसा करके नियुक्ति प्रक्रिया में देरी करेंगे...ऐसे चयनित लोगों से मैं पूछ रहा हूँ की इस गलत प्रक्रिया और अवैध लोगों की वजह से कई योग्य लोग जिन्दगी भर नौकरी की दौड़ से बाहर हो जायेंगे...आपका चयन
तो हो गया है...यदि आप योग्य हैं तो कोई भी कोर्ट और कोई भी पाण्डेय आपको बाहर नहीं कर सकता है...पर अवैध लोगों और गलत प्रक्रिया से कई लोगों का भविष्य अंधकार में चला जायेगा...आपको नहीं तो - महीने बाद तो नौकरी मिलनी ही है...इसे कोई नहीं रोक सकता ना मैं और ना सरकार...पर किसी गलत के चयन से किसी एक योग्य का बहुत नुकसान होगा....जो बिलकुल गलत है...हम लो मेरिट के साथ नहीं हैं...हम केवल अवैध लोगों और गलत प्रकिया के खिलाफ हैं... केवल

योग्य लोग ही सही तरीके से चयनित होंगे... केवल जल्दबाजी में अपना हित ना देखें...सभी योग्य लोगों के बारे में सोचें...हमारा मतलब भर्ती में देरी करना नहीं ...केवल भर्ती को सही तरीके से योग्य लोगों के साथ जल्द पूर्ण कराना है...अगर किसी को मैं गलत लग रहा हूँ तो वो कोर्ट के माध्यम से हमें रोक सकता है..

हाईकोर्ट में गूंजेगा 'फेल-पास' का मामला


Publish Date:Sun, 26 Oct 2014 07:54 PM (IST) | Updated Date:Sun, 26 Oct 2014 07:54 PM (IST)

इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग की अनियमितताओं की फेहरिश्त फिर हाईकोर्ट के हवाले हो गई है। इस बार पीसीएस प्री परीक्षा 2014 में कटऑफ से ज्यादा नंबर पाने वाले अभ्यर्थियों के फेल होने का मामला प्रमुखता से उठाया गया है। इसके अलावा आयोग से जुड़े अन्य गड़बड़ियों को भी चुनौती दी गई है। आयोग ने कोर्ट में अपना पक्ष भी रख दिया है अब अभ्यर्थियों का पक्ष 29 अक्टूबर को सुना जाएगा।

इधर कई वर्षो से अपनी गतिविधियों को लेकर लोकसेवा आयोग चर्चा में रहा है। 

इस बार पीसीएस 2014 का परिणाम जारी होने के बाद तो परीक्षार्थियों ने नए सवाल खड़े किए हैं। दरअसल कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने जारी कटऑफ से अधिक नंबर पाए हैं, लेकिन उन्हें फेल करार दिया गया है। राहुल कुमार सिंह ने कृषि वर्ग में सामान्य अभ्यर्थी के रूप में 214 अंक पाए हैं और कटऑफ 213 गया है, फिर भी राहुल को फेल करार दिया गया है। ऐसे ही एक नहीं कई नाम हैं जिनके साथ यह वाकया दोहराया गया है। वैसे आयोग में इस तरह की दर्जनों शिकायतें भी हुई, पर अनसुनी कर दी गई। सुरभि पांडेय, ऋचा चौधरी, रेनू वर्मा, प्रवीण सिंह, शैलेंद्र सिंह ने व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। 

इसके अलावा परिणाम जारी करने में स्केलिंग के मनमाने प्रयोग एवं संशोधित की-आंसर शीट जारी न करने को भी मुद्दा बनाया गया है। अभ्यर्थी सुभाष कुमार पाल एवं 28 अन्य ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि 2013 में कोर्ट के कहने पर आयोग ने संशोधित की-आंसर शीट तो जारी की थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया। 29 अक्टूबर को कोर्ट नंबर 29 में न्यायाधीश सतीश चंद्रा एवं दिलीप गुप्ता की कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई होगी। बताते हैं इस याचिका में आयोग ने अपना काउंटर भी दाखिल कर दिया है जिसमें उसने स्वीकारा है कि 17 सवालों के आंसर बदले हैं और दो सवालों को हटाया गया है।

इस मुद्दे को लेकर प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति एवं भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा अलग-अलग तरीके से गल्तियों को उजागर कर रहे हैं। इस संबंध में एक और याचिका दायर करने की तैयारी है। उधर, आयोग के सचिव जगदीश प्रसाद का पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल फोन नहीं उठा।

भर्ती परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ियों से घटा भरोसा

प्रतियोगियों का कॅरियर दांव पर

अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। भर्ती परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ियों से प्रतियोगियों का भरोसा डगमगाने लगा है। साथ में उनका कॅरियर भी दांव पर लग गया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सबसे प्रतिष्ठित सम्मिलित अपर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) भर्ती परीक्षा के पेपर में गलत जवाब को सही माने जाने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं।

पीसीएस-2014 प्रारंभिक परीक्षा में भी आयोग को 16 प्रश्नों के जवाब संशोधित करने पड़े। एसएससी की भर्ती परीक्षाओं में गैंग के सक्रिय होने की बात पहले ही सामने आ चुकी है तो अब एसबीआई पीओ के साक्षात्कार में भी बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई है। इनके अलावा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की शिक्षक, रेलवे, दारोगा भर्ती समेत अन्य परीक्षाओं में भी अभ्यर्थियों की ओर से आपत्ति जताई गई है। 

लोक सेवा आयोग की भर्तियों में गड़बड़ी के खिलाफ प्रतियोगियों का एक वर्ग लगातार हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रहा है लेकिन अन्य नियुक्तियों में भर्ती संस्था के फैसले पर ही अभ्यर्थियों का भविष्य टिका है।

आयोग के खिलाफ कानूनी तथा सड़क पर लड़ाई लड़ने वाले अवनीश पांडेय, सुधीर सिंह का कहना है कि भर्तियों में लगातार गड़बड़ी से लाखों प्रतियोगियों को नुकसान हो रहा है। इसकी वजह से मेधावी गलत राह पर भी चलने लगे हैं। इसलिए कानूनी लड़ाई के साथ व्यापक आंदोलन की योजना बनाई गई है।

यूपीपीएससी : जवाब पर ही सवाल

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की हर भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं। खास यह कि आयोग के जवाब पर ही सवाल खड़ा हो गया है। अधिकतर भर्ती परीक्षाओं के पेपर में आयोग को जवाब संशोधित करना पड़ा है। इससे आयोग की पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़ा हो गया है।
प्री में फेल फिर दी मुख्य परीक्षा
दारोगा भर्ती में प्रारंभिक परीक्षा में फेल अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठाया गया। 

उनका बकायदे प्रवेश पत्र जारी हुआ है। इसके विरोध में अभ्यर्थियों ने हर स्तर पर शिकायत की है।

एसएससी की भर्तियां कटघरे में

कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आयोग की सबसे बड़ी भर्ती संयुक्त स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा-2013 में गड़बड़ी की वजह से दोबारा परीक्षा करानी पड़ी। इसमें नकल कराने वाला गैंग भी पकड़ा गया है। 

इसके बाद परीक्षा में सख्ती के लिए कई इंतजाम किए गए लेकिन संयुक्त स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा-2014 में भी पेपर आउट होने का आरोप लगा है। यह परीक्षा कई चरणों में नवंबर में आखिरी रविवार तक चलेगी। पिछले रविवार को हुई पहले चरण की परीक्षा में पेपर आउट होने का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद के एक केंद्र के 44 अभ्यर्थियों ने एग्जाम छोड़ दिया। सोशल साइट्स पर ग्रुप में शामिल अभ्यर्थियों ने पटना तथा कई अन्य जिलों में भी पेपर का सील खुले होने तथा परीक्षा छोड़ने की बात लिखी है। ऐसे में एक बार फिर परीक्षा स्थगित होने की आशंका बन गई है।

साक्षात्कार में शामिल हुए ‘मुन्नाभाई’

एसबीआई पीओ के इंटरव्यू में बहुत चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अब इस भर्ती पर भी फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग की नजर पड़ गई है। इन दिनों साक्षात्कार चल रहा है। अकेले लखनऊ केंद्र पर छह लोग पकड़े जा चुके हैं। इनमें लिखित परीक्षा किसी ने दी तो साक्षात्कार में कोई और शामिल हुआ। पटना तथा अन्य केंद्रों पर यह संख्या कहीं अधिक बताई जा रही है। खास यह कि लखनऊ केंद्र पर साक्षात्कार देने पहुंचे तीन फर्जी अभ्यर्थी राजस्थान के हैं। इनमें दो एक ही गांव के हैं। साक्षात्कार से जुड़े एक अफसर ने बताया कि जालसाज इतने शातिर हैं कि उन्होंने ऑनलाइन आवेदन के समय ही फोटो में छेड़छाड़ कर दी। इससे उनकी पहचान भी आसान नहीं है। इन्हें अंगूठे के निशान के आधार पर पकड़ा गया। पूरे घटनाक्रम को देखते हुए इसके पीछे किसी गैंग का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।

प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में 54 फीसदी पात्र

लखनऊ (ब्यूरो)। प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए दो चरणों की काउंसलिंग में 54 फीसदी अभ्यर्थी पात्र पाए गए हैं। इसके अलावा पांच फीसदी अभ्यर्थियों के मामले विचाराधीन हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) को पात्र अभ्यर्थियों का ब्यौरा सौंप दिया है। इससे इन अभ्यर्थियों का शिक्षक बनना लगभग तय हो गया है। तीसरे चरण की काउंसलिंग के लिए संशोधन प्रक्रिया अब 28 अक्तूबर तक चलेगी, इसके चलते मेरिट 1 या 2 नवंबर को जारी की जाएगी।
प्रशिक्षु शिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद ज्यादातर जिलों की आधी से अधिक सीटें भर गई हैं। एससीईआरटी को जिलों से मिले ब्यौरे के आधार पर 54 फीसदी अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिए पात्र पाया गया है और पांच फीसदी अभ्यर्थी पर विचार चल रहा है। इन मामलों पर एससीईआरटी स्तर पर जल्द निर्णय कर लिया जाएगा।
तीसरे चरण की काउंसलिंग 3 से 12 नवंबर तक होनी है। एससीईआरटी ने 15 से 21 अक्तूबर तक डायट प्राचार्य और बीएसए के लिए आवेदनों के आधार पर की गई डाटा फीडिंग की त्रुटियों को ऑनलाइन संशोधन की समय-सीमा रखी थी, लेकिन दिवाली की छुट्टी के चलते समय-सीमा 28 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई है।
  • एससीईआरटी ने एनआईसी को सौंपी पात्रों की सूची
  • एक या दो नवंबर को जारी होगी मेरिट