• अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 22 व 23 फरवरी 2014 को कराने की तैयारी
है। इसके लिए विज्ञापन इसी माह निकालकर ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों
को टीईटी में शामिल होने के लिए स्नातक के न्यूनतम अंक में 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के प्रस्ताव पर सहमति बन गई है और शासनादेश शीघ्र जारी
करने की तैयारी है।
राष्ट्रीय
अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास
करना अनिवार्य कर दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग वर्ष 2014 में 22 फरवरी को प्राइमरी
और 23 फरवरी को उच्च प्राइमरी के लिए टीईटी आयोजित करेगा। प्राइमरी के लिए बीटीसी या
छूटे हुए विशिष्ट बीटीसी वाले पात्र होंगे और उच्च प्राइमरी के लिए बीएड वाले पात्र
होंगे।
स्नातक
में 50 फीसदी अंक वाले इसके लिए पात्र होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग,
नि:शक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित व भूतपूर्व सैनिक (स्वयं) को 5 प्रतिशत
अंक में छूट दी जाएगी। टीईटी के लिए सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। निगेटिव मार्किंग
नहीं होगी। अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आवेदन शुल्क 150 व अन्य के लिए 300 होगा।
शुल्क ई-चालान से बैंकों में जमा किए जाएंगे। अलग-अलग परीक्षा के लिए अलग-अलग शुल्क
देने होंगे। नि:शक्तों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
टीईटी
में 60 प्रतिशत अंक पाने वाला पास माना जाएगा। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग,
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित और भूतपूर्व सैनिक स्वयं तथा नि:शक्त को 55 प्रतिशत
पर पास माना जाएगा। टीईटी आयोजित कराने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता
में कमेटी बनाई जाएगी। यह केवल पात्रता परीक्षा होगी। टीईटी पास करने वाला केवल भर्ती
प्रक्रिया के लिए पात्र होगा। टीईटी रोजगार का अधिकार नहीं देता है। इसका प्रमाण पत्र
पांच साल के लिए वैध होगा। इसके खोने पर 300 रुपये जमा करके नया प्राप्त किया जा सकेगा।
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