Monday, September 16, 2013

मिड डे मील 'खा गया' बच्चों की पढ़ाई



Updated on: Sun, 15 Sep 2013 06:30 PM (IST)

जागरण संवाददाता, बरेली : सर्व शिक्षा अभियान के तहत गरीब बच्चों को विद्यालयों से जोड़ने के लिए चलाई गई मिड डे मील योजना अब बच्चों की पढ़ाई ही खाए जा रही है। शिक्षक, छात्र और प्रधान सभी खाने की पूर्ति करने में जुटे हुए हैं। नतीजन विद्यालयों में किताबें कम, खाने की थालियां अधिक दिखती हैं। शिक्षकों ने ही इस योजना का विरोध करना शुरू कर दिया है।
कोहाड़ापीर स्थित नगर संसाधान केंद्र पर रविवार को जब शिक्षक इस योजना पर विचार विमर्श करने को जमा हुए तो उनके एक वाक्य, मिड डे मील, प्रधान प्रति, शिक्षक और विवाद लेकिन पढ़ाई ..? ने इस योजना का असली चेहरा उकेर दिया। उनका यह वाक्य इस योजना के असली सच को कह गया जो बेसिक शिक्षा अधिकारी जान कर भी अक्सर नजरअंदाज कर जाते हैं। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के मंडलीय अध्यक्ष राजेंद्र गंगवार ने मिड डे मील योजना को बच्चों की पढ़ाई का सबसे बड़ा रोड़ा करार दिया। कहा कि यह योजना बच्चों की पढ़ाई खाए जा रही है। संगठन के मंडलाध्यक्ष राधारमण त्रिपाठी ने दो टूक कहा कि शासन को इस योजना की स्थिति साफ कर देनी चाहिए, या तो कमान प्रधान प्रति के हाथों में हो या फिर शिक्षकों को ही इसका पूरा कार्यभार दिया जाए। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित उर्दू शिक्षक सलीम आदिल ने कलारी गांव के प्रधान पति द्वारा महिला एबीएसए के साथ अभद्रता की जाने पर निंदा की। मांग की प्रधान पतियों का हस्तक्षेप विद्यालयों में कम किया जाए नहीं तो शिक्षक संघ इसके खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। इस मौके पर देवेंद्र कुमार पाली, लेखराज गंगवार गजेंद्र पाल सिंह मौजूद रहे।
 


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सरप्लस के नाम पर शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की साजिश

 आजमगढ़ : .प्र. माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विधान परिषद सदस्य ओमप्रकाश शर्मा के नेतृत्व में 19 सितंबर को विधान भवन लखनऊ में होने वाले धरना प्रदर्शन एवं जेल भरो आंदोलन को सफल बनाने के लिए शिक्षक जी-जान से जुट गए हैं। शर्मा गुट के जिला कार्यकारिणी के सदस्य ओमप्रकाश राय ने क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों का दौरा कर आंदोलन को सफल बनाने की बात कही।
श्री राय ने कहा कि यह आंदोलन मुख्य रूप से सरप्लस की समस्या को ध्यान में रखते हुए छेड़ा गया है। जिले के तमाम विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं कर्मचारी साथियों के सात-सात, आठ-आठ महीनों से वेतन बाधित है। इससे शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की समस्या हो उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत .प्र. सरकार शिक्षकों कर्मचारियों की सेवाओं को सरप्लस के नाम पर समाप्त करने का मंसूबा पाल रखी है। शिक्षक कर्मचारी समुदाय सरकार से करो या मरो के सिद्धांत पर निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए कटिबद्ध है। इस अवसर पर शिवकुमारी राय प्रधानाचार्य, मालती सिंह, राजेश कुमार सिंह, ओमप्रकाश मिश्र, ममनून, जवाहिर यादव, भीम सिंह, रामसिंह, सुभाष राय, कमलेश यादव, दिनेश राय, ज्योति भास्कर, मानवेन्द्र विद्यार्थी, रामनकुल सिंह, रामाश्रय सिंह, इरशाद अहमद, गोविंद राय, शशि कुमार राय, टीआर यादव, सतीश आदि उपस्थित थे।

 Updated on: Sun, 15 Sep 2013 07:47 PM (IST)

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Sunday, September 15, 2013

डीएसएसएसबी में 2255 पदों पर भर्ती


टीम डिजिटल शुक्रवार, 13 सितंबर 2013
अमर उजाला, ‌दिल्‍लीUpdated @ 6:20 IST

दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में खाली पड़े कुल 2255 पदों को भरने के लिए दिल्ली अधीनस्‍थ सेवा बोर्ड (डीएसएसएसबी) के माध्यम से विज्ञप्ति जारी की गयी है।

इन पदों में पटवारी, लोअर डिविजन क्लर्क, मोटर वाहन निरीक्षक, डीएएसएस ग्रेड-2, हेड कांस्‍टेबल, खाद्य सुरक्षा निरीक्षक, प्रशासकीय अधिकारी, विधि अधिकारी, सहायक विधि अधिकारी, सहायक निदेशक, मैनेजर, एक्जीक्यूटिव तथा जूनियर इंजीनियर श्रेणी के पद शामिल हैं। ये पद दिल्ली म्यूनिसीपल कार्पोरेशन, नई दिल्ली म्यूनिसीपल कार्पोरेशन, नई दिल्ली म्यूनिसीपल काउं‌सिल एवं दिल्ली सरकार के स्वायत्त निकाय में भरे जाने हैं।

इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भरने की शुरुआत 19 सितंबर 2013 से होगी जब‌क‌ि आवेदन भरने की अंतिम तिथि 18 अक्टूबर 2013 निर्धारित की गई है तथा एसबीआई चालान जमा करने की अंतिम तारीख 19 अक्टूबर 2013 है।

अधिकांश पदों के लिए आयु सीमा 22 से 27 वर्ष है जब‌क‌ि कुछ पदों के लिए आयु सीमा 30 वर्ष व 50 वर्ष त‌क भी है। योग्यता, वेतनमान तथा फीस संबंधी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए डीएसएसएसबी की वेबसाइट www.dsssb.delhigovt.nic.in पर जायें तथा ऑनलाइन आवेदन भरने के लिए dsssbonline.nic.in पर जायें।


यूनीफार्म का पैसा आया, 30 नवंबर तक करना होगा वितरण

 

HINDUSTAN NEWS....
सिद्धार्थनगर। परिषदीय विद्यालयों इंटर स्तर तक के सहायता प्राप्त स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा आठ तक के बच्चों को यूनीफार्म उपलब्ध कराने के लिए शासन ने धनराशि अवमुक्त कर दिया है। वितरण में अनियमितता रोकने के लिए कई स्तर पर नगिरानी के साथ ही कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है जहां कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है।
30 नवंबर तक यूनीफार्म का वितरण सुनशि्चित कराने का निर्देश दिया गया है। इस बार छात्रों को खाकी रंग का यूनीफार्म मिलेगा। व्यवस्था ऐसी है कि मनमानी भी नहीं चलेगी। कंट्रोल रूम पर किए गए एक काल से भी जांच होगी। व्यवस्था में पूर्वमें हुई अनियमितता को देखते हुए सरकार ने नए सिरे से इसके वितरण की प्रक्रिया निर्धारित किया है। जनपद स्तर के अधिकारी वितरण की मानीटरिंग भी लगातार करते रहेंगे। मनमानी रोकने के लिए विद्यालय प्रबंध समिति की जवाबदेही तय की गई है।
इसके तहत विद्यालय समिति सबसे पहले कपड़े का सैम्पल साबुन से धुलवाएगी तथा उसकी गुणवत्ता से संतुष्ट होने के बाद उसका अनुमोदन करेगी। खरीदने वाले यूनीफार्म का एक सैम्पल विद्यालय में भी रखा जाएगा जिसे निरीक्षण के समय प्रस्तुत किया जाएगा।
20 हजार या उससे अधिक की खरीद पर कोटेशन प्राप्त करना होगा वहीं एक लाख से अधिक की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना विभाग को करना होगा वहीं राज्य स्तर पर बने कंट्रोल रूम को भी शिकायत की जा सकती है।

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विशेष शिक्षकों को मिलेगा यात्रा भत्ता




लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में विशेष बच्चों (नि:शक्तों) को पढ़ाने वाले विशेष शिक्षकों (इटीनरेंट टीचर्स) को मानदेय के साथ यात्रा भत्ता भी दिया जाएगा। यह भत्ता प्रतिमाह 700 से 800 रुपये होंगे। इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत विशेष बच्चों को पढ़ाने के लिए संविदा के आधार पर इटीनरेंट टीचर्स रखे गए हैं।
प्रदेश में इनकी संख्या 2650 के करीब है। इन्हें प्रतिमाह 10,000 रुपये मानदेय दिया जाता है। इन शिक्षकों का मुख्य काम विशेष बच्चों को जिस स्कूल में पढ़ते हैं वहीं जाकर पढ़ाना होता है। इसके चलते इन शिक्षकों का किराये में काफी खर्च हो जाता है। इसलिए उत्तर प्रदेश सभी के लिए शिक्षा परियोजना परिषद की कार्यकारिणी समिति की बैठक में विशेष शिक्षकों को यात्रा भत्ता देने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे पास कर दिया गया है। इसके आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसकी सूचना भेज दी गई है। यह भत्ता जिला स्तर पर गठित प्रोजेक्ट मैनेजमेंट मद से दिया जाएगा।


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कंप्यूटर अनुदेशकों को तय मानदेय देने की मांग


लखनऊ (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश कंप्यूटर अनुदेशक शिक्षक संघ संघर्ष समिति ने एक बैठक में कंप्यूटर अनुदेशकों को तय मानदेय न देने और उनकी छंटनी करने पर नाराजगी जताई है। शनिवार को रॉयल होटल में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए अभय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश को आईटी हब बना रही है। वहीं, दूसरी ओर अनुदेशकों का उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने कंप्यूटर अनुदेशकों को सरकारी कर्मचारी करार करते हुए उन्हें तय मानदेय 10 हजार रुपये देने की मांग की।

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