Wednesday, August 7, 2013

प्रधानाध्यापकों पर नहीं खाना बनवाने का जिम्मा

UP Basic Education Mid Day Meal Scheme :
राज्य सरकार ने जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में दिया जवाब
इलाहाबाद । राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में साफ किया है कि प्राथमिक विद्यालयों में मिड डे मील बनवाने का जिम्मा प्रधानाध्यापकों का नहीं है। उनका कार्य मात्र मिड डे मील की निगरानी करना और तैयार होने के बाद उसे चखना है। मिड डे मील बनाने के लिए अलग से कर्मचारी नियुक्त किए जाते हैं। प्रधानाचार्य परिषद मेरठ की जनहित याचिका पर कोर्ट द्वारा मांगे गए जवाब में प्रदेश सरकार ने बताया है कि मिड डे मील की नियमावली 2004 में प्रावधान है कि खाना बनाने के कार्य में अध्यापकों का समय नहीं जाया होना चाहिए, जिससे वह अध्यापन का अपना मूल कार्य न कर सकें। यह नीति पूरे प्रदेश मेें समान रूप से लागू है।

इससे पूर्व याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह और न्यायमूर्ति विक्र मनाथ की खंडपीठ ने मत व्यक्त किया था कि पूरे प्रदेश में मिड डे मील वितरण की एक समान व्यवस्था होनी चाहिए। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब भी मांगा था। प्रधानाचार्य परिषद की याचिका में कहा गया था कि बागपत और मुजफ्फरनगर जिलों में मिड डे मील वितरण का कार्य एनजीओ को सौंपा गया है जबकि मेरठ जिले में यह जिम्मेदारी प्रधानाध्यापकों के पास है। अध्यापक बच्चों को पढ़ाएंगे या खाना बनवाएंगे।

पक्षकारों के अधिवक्ताओं की मांग पर कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 26 अगस्त की तिथि नियत की है


News Sabhaar : अमर उजाला (6.8.13)


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बीजेपी के पोस्टर में अकेले मोदी, स्लोगन होगा- ‘नई सोच नई उम्मीद’


BJP FLAGलोकसभा चुनाव बस कुछ महीने दूर हैं. भारतीय जनता पार्टी का चुनावी प्लान तैयार है| पार्टी का चेहरा होंगे चुनाव समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी, और नारा होगा- “नई सोच नई उम्मीद”|
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, 2014 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी का नया चुनावी स्लोगन होगा… ‘नई सोच नई उम्मीद’| इसके लिए एक पोस्टर तैयार किया गया जिसमें सिर्फ मोदी की तस्वीर होगी|
गौरतलब है कि गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी को पार्टी का पीएम उम्मीदवार घोषित किए जाने को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं| ऐसे में यह चुनावी पोस्टर इस शंका को दूर कर देता है कि बीजेपी का पीएम उम्मीदवार कौन होगा|
  
क्या है पोस्टर में
इस पोस्टर में बाएं तरफ मोदी की तस्वीर है| वहीं दाएं तरफ पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल, और बीच में लिखा होगा-नई सोच नई उम्मीद|
बीजेपी में होंगे बस मोदी ही मोदी
बीजेपी के ब्लू आईड ब्वाय नरेन्द्र मोदी के प्रचार का ब्लू प्रिंट अब तैयार हो चला है| पार्टी की प्रचार समिति ने तय किया है कि जल्दी ही मोदी के नाम पर प्रचार आगे बढ़ेगा और नारा भी ऐसा होगा जो मोदी के ही इर्द गिर्द घुमेगा| यानी बीजेपी में होंगे बस मोदी ही मोदी|
मोदी की तस्वीर के साथ छपे इस नारे को पूरे देश में घऱ घऱ तक पहुंचाने की मुहिम जल्दी ही शुरू की जाएगी| इस नारे के पीछे होगा बीजेपी का कमल निशान और मोदी की तस्वीर| और दावा होगा कांग्रेस के कुशासन से मुक्ति और साथ ही मोदी का कुशल नेतृत्व|
संघ ने दी हरी झंडी
संघ और बीजेपी नेताओं की बैठक में संघ ने ये भी साफ कर दिया है कि मोदी की ताजपोशी की तैयारियां शुरू की जाएं| हालांकि समय सीमा को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है लेकिन इतना तय है कि मोदी खेमा विधानसभा चुनावों के पहले मोदी को पीएम इम वेटिंग बनाने के मूड में है|
सूत्रों की माने तो आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, वेंकैया नायडू जैसे तमाम आला नेता प्रचार करेंगे. जरुरत पड़ी तो नेता साथ भी मैदान में कूदेंगे| यानी संघ की हरी झंडी के बाद नई सोच नई उम्मीद के नारे के साथ मोदी के नाम को भुनाने की कोशिश जल्दी ही शुरू हो जाएगी|



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Tuesday, August 6, 2013

टीजीटी-पीजीटी 2012 में ऑनलाइन आवेदन


इलाहाबाद : टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक)-पीजीटी (प्रवक्ता) 2012 परीक्षा के लिए अब अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन के लिए तैयार रहना होगा। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने इसके लिए शासन को एक प्रस्ताव भी भेजा है। 1अगस्त के अंतिम सितंबर के पहले सप्ताह में टीजीटी-पीजीटी 2011 परीक्षा होने के ठीक बाद टीजीटी-पीजीटी 2012 परीक्षा की कवायद तेज हो जाएगी। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव वंशगोपाल मौर्य के मुताबिक टीजीटी पीजीटी के अब तक छह हजार पदों के लिए अधियाचन प्राप्त हो चुका है। इस बार से परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव किए जाने की तैयारी है इसकी शुरुआत पहले आवेदन पत्रों से होगी। परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों से अब ऑनलाइन आवेदन ही मांगे जाएंगे। दरअसल ऑफलाइन आवेदनों में मिलने वाली तमाम गड़बड़ियों से होने वाली दिक्कतों के चलते ऑनलाइन आवेदन का फैसला किया गया है। 1इलाहाबाद : टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक)-पीजीटी (प्रवक्ता) 2012 परीक्षा के लिए अब अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन के लिए तैयार रहना होगा। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने इसके लिए शासन को एक प्रस्ताव भी भेजा है। 1अगस्त के अंतिम सितंबर के पहले सप्ताह में टीजीटी-पीजीटी 2011 परीक्षा होने के ठीक बाद टीजीटी-पीजीटी 2012 परीक्षा की कवायद तेज हो जाएगी। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव वंशगोपाल मौर्य के मुताबिक टीजीटी पीजीटी के अब तक छह हजार पदों के लिए अधियाचन प्राप्त हो चुका है। इस बार से परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव किए जाने की तैयारी है इसकी शुरुआत पहले आवेदन पत्रों से होगी। परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों से अब ऑनलाइन आवेदन ही मांगे जाएंगे। दरअसल ऑफलाइन आवेदनों में मिलने वाली तमाम गड़बड़ियों से होने वाली दिक्कतों के चलते ऑनलाइन आवेदन का फैसला किया गया है।

               



UP State Engineering Selection : इंजीनियरिंग की डिग्री से ही न मिलेगी सरकारी नौकरी

रमण शुक्ला, लखनऊ : सूबे के निर्माण महकमों में अब इंजीनियर बनना आसान नहीं होगा। सरकार ने सहायक अभियंता (एई) की भर्ती प्रक्रिया बदल दी है।
बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) पास युवाओं को अब लोक निर्माण विभाग (पीडब्लयूडी) सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग (आरइएस) और ऊर्जा महकमे में एई बनने के लिए संयुक्त चयन लिखित परीक्षा पास करना होगा। सरकार ने अब सभी निर्माण महकमों के लिए एक साथ लिखित परीक्षा और साक्षात्कार आयोजित कराने का निर्णय किया है। इसी तरह की तैयारी उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निर्माण निगम और उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) के लिए भी है।
दरअसल, अब तक निर्माण महकमों से लेकर निगमों में एई का चयन सीधे साक्षात्कार के आधार पर किया जाता था। ऐसे में कई बार होता यह था कि अभ्यर्थी ज्यादा अंक के आधार पर साक्षात्कार में तो चयनित हो जाते थे लेकिन इंजीनियरिंग विद्या से संबंधित समुचित तकनीकी एवं व्यवहारिक ज्ञान नहीं होने के कारण तमाम विभागीय प्रशिक्षण के बाद भी काम में फिसड्डी साबित होते थे। निर्माण महकमों के पड़ताल में सामने आया है कि काम में फिसड्डी साबित होने वाले इंजीनियरों में ज्यादातर इंजीनियर निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के डिग्रीधारी है। ऐसे में सरकार ने योग्य इंजीनियरों की तलाश के लिए एई की पूरी चयन प्रक्रिया बदल दी है
गौर करने की बात यह है कि उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन व निर्माण महकमों के आलाधिकारियों ने ही सरकार से एई के चयन में साक्षात्कार से पहले लिखित परीक्षा कराने की सिफारिश की थी। एसोसिएशन के अध्यक्ष एए फारूकी ने तो भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करने की मांग को लेकर मुख्य सचिव से लेकर नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को कई पत्र भी लिखे। उल्लेखनीय है कि निर्माण महकमों में हजारों की संख्या में एई के पद खाली हैं। ऐसे में सरकार ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को बदलते हुए पहली बार एक मुश्त एई की लिखित भर्ती परीक्षा आयोजित कराने जा रही है। लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।
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सभी संवर्ग की होगी परीक्षा
सरकार ने सभी इंजीनियरिंग संवर्ग यानी सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल के अलावा कंप्यूटर इंजीनियर के लिए एक साथ परीक्षा आयोजित कराने का निर्णय किया है

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चयन का बदला मानदंड
सरकार अब तक अलग-अलग महकमों के लिए समय-समय पर साक्षात्कार लोक सेवा आयोग के माध्यम से करती थी। यह पहला मौका है जब संयुक्त परीक्षा आयोजित कराने का निर्णय किया गया है

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कार्य कुशलता का बदला पैमाना
पीडब्लयूडी के प्रमुख सचिव रजनीश दुबे का कहना है कि केवल साक्षात्कार से योग्य इंजीनियरों के चयन में कई समस्याएं आड़े आ रही थी। ऐसे में इंजीनियरों की तकनीकी, सैद्धांतिक और व्यवहारिक कार्यकुशलता को परखने के लिए चयन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
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कहां कितने एइ के पद हैं खाली
विभागपद
सिंचाई- 800
पीडब्लयूडी- 200
लघु सिंचाई- 153
आरइएस- 104
यूपीआरएनएन- 130
सेतु निगम- 60


News Sabhaar : Jagran (4.8.13)

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Anything for Govt Job!! : Woman impersonating as Central Teacher Eligibility Test candidate caught


|Dummy|CTET|candidate | CTET 2013
AHMEDABAD: A woman who tried to impersonate an acquaintance to lend her a helping hand in an exam faced arrest after an exam supervisor caught her and registered a police complaint, on Sunday. Police have charged the original examinee - who was to take the Central Teacher Eligibility Test (CTET) - and the proxy candidate and have begun investigating.

According to Shahibaug police, Rekha Nimkar, a resident of Shahibaug, was a supervisor at a cantonment school for CTET examination. While going through the candidate list, she saw a woman candidate who was trying to hide her face. Suspicious, Nimkar demanded identity documents and checked the photographs.

She found that the examinee was Dimple Patel, a resident of Navrangpura, rather than Malshree Dhilwa, the candidate mentioned in the list. Nimkar informed the center supervisors. Patel tried to argue but eventually confessed that she was sitting in for the original candidate.

Investigators said that Malshree, a teacher, had to clear the examination to get job in a central board affiliated school. While she was confident about her knowledge, she was afraid of the online examination. Then one of her relatives offered a way out asked his friend Dimple to appear in the exam. Dimple however did not know

News Source / Sabhaar : timesofindia.indiatimes.com (31.7.13)

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खुशखबरी, डीए में हो सकती है 10 फीसदी की वृद्धि

केंद्र सरकार सितंबर में लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को त्योहारी तोहफा दे सकती है। सरकार महंगाई भत्ते (डीए) में 10 फीसदी वृद्धि का ऐलान कर सकती है।
इस कदम से 50 लाख केंद्रीय कर्मियों और 30 लाख पेंशन धारकों को फायदा होगा। इस वृद्धि के बाद डीए 90 फीसदी हो जाएगा जोकि फिलहाल 80 फीसदी है।
moneyआधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक आकलन से पता चलता है कि सितंबर में डीए में 10 से 11 फीसदी की वृद्धि की जाएगी जोकि इस साल 1 जुलाई से प्रभावी होगी।
उन्होंने कहा कि इसका सही आकलन 30 अगस्त को जून के औद्योगिक कामगारों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) में संशोधन के जारी होने के बाद ही हो सकेगा।
  
30 जुलाई को सरकार द्वारा जारी जून के आंकड़ों के मुताबिक फैक्टरी कामगारों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 11.06 फीसदी थी जो इस साल मई के 10.68 फीसदी आंकड़े से अधिक है।
आमतौर पर सरकार डीए में बढ़ोतरी के लिए पिछले 12 महीने के औद्योगिक कामगारों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का उपयोग करती है। इसलिए इस पर अंतिम निर्णय के लिए जुलाई 2012 से जून 2013 तक के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों का उपयोग किया जाएगा।
केंद्रीय कर्मचारियों के परिसंघ के महासचिव केके एन कुट्टी ने कहा कि इस बार डीए में करीब 10 फीसदी की वृद्धि होगी और इसका ऐलान सितंबर में किया जाएगा।


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यूपी: बीटीसी की फीस के गोलमाल पर नकेल

 उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) अब बीटीसी फीस का गोलमाल नहीं कर सकेंगे। उन्हें पहले बीटीसी की फीस राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के खाते में देना होगा। इसके बाद उन्हें खर्च का पूरा प्रस्ताव बनाते हुए भेजना होगा, इसके बाद उन्हें एससीईआरटी से बजट आवंटित किया जाएगा।
teacherइसके अलावा उन्हें अन्य मदों में खर्च का हिसाब भी देना होगा। इस संबंध में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने निर्देश भेज दिया है।
प्रदेश के जिलों में डायटों की स्थापना की गई है। इसका मुख्य काम शिक्षकों को प्रशिक्षण देना है। इसके लिए केंद्र से मिलने वाली मदद तो डायटों को दी ही जाती है, साथ में बीटीसी प्रशिक्षण का या अन्य मदों में पैसा उसे मिलता है।
  
पर स्थिति यह है कि डायट इसका हिसाब एससीआरटी को नहीं देते हैं। इस संबंध में शासन स्तर पर हुई बैठक में यह जानकारी आई कि डायट मिलने वाले पैसों के खर्च का हिसाब नहीं दे रहे हैं।
इसके आधार पर यह निर्णय किया गया है कि डायटों को अब खर्च का पूरा हिसाब देना होगा। डायटों को छात्रों से मिलने वाली फीस का पूरा पैसा पहले एससीईआरटी को देना होगा।
इसके बाद उन्हें मदवार खर्च का प्रस्ताव भेजना होगा। इसके आधार पर उनका पैसा उन्हें दिया जाएगा। उन्हें बताना होगा कि उन्हें कितना पैसा मिला, बीटीसी प्रवेश के एवज में कितनी फीस मिली, प्रशिक्षण कार्यक्रम या फिर अन्य मदों में कितना खर्च हुआ।
यह व्यवस्था इसलिए लागू की जा रही है, ताकि सरकारी पैसों का गोलमाल न हो सके।

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गुजरात मिड डे मील में केले की कैंडी!

MDM-MAYAWATI-ke-Daure-ka-JNकुपोषण की समस्या से निपटने के लिए गुजरात सरकार जल्द ही अपने स्कूली बच्चों के मिड डे मील में केले से बनी कैंडी को शामिल कर सकती है। नवसारी कृषि विश्वविद्यालय में तैयार की गई यह कैंडी विटामिन और आयरन से भरपूर है। राज्य सरकार बच्चों को दोपहर को पौष्टिक भोजन देने के तहत इस पर विचार कर रही है।
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बीएल कोलंबे के मुताबिक, ‘केले के पौधे से बनी कैंडी की लागत एक रुपये से भी कम है। साथ ही यह औषधीय गुणों से भी भरपूर है। यह केले के पेड़ के तने से बनाई जाती है। फाइबर, आयरन और विटामिन बी से भरपूर यह कैंडी एनीमिया (रक्त में हीमोग्लोबीन की कमी) से पीड़ित बच्चों के लिए रामबाण है।’
कोलंबे ने दावा किया कि सेंट्रल फूड टेकभनोलाजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर में कराए गए परीक्षण में कैंडी को बच्चों के लिए काफी फायदेमंद और सुरक्षित पाया गया। इसके फाइबर आसानी से पच जाते हैं।
  
कैंडी के बारे में गुजरात सरकार के प्रवक्ता सौरभ पटेल ने कहा कि कुपोषण से निपटने में यह काफी कारगर है। हम इस पर विचार कर रहे हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के मुताबिक राज्य में 49.2 फीसदी बच्चे कुपोषण की समस्या से जूझ रहे हैं।
मिड डे मील के लिए नए दिशा निर्देश
मिड डे मील की गुणवत्ता और स्वच्छता के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं।
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री शशि थरूर ने राज्यसभा में लोजपा के रामविलास पासवान व अन्य सदस्यों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मिड डे मील में सुधार के लिए राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर जिम्मेदारियों के साथ प्रबंध ढांचे की स्थापना करना, भोजन को बच्चों को परोसने से पहले कम से कम एक टीचर द्वारा चखा जाना, स्कूलों को गुणवत्ता परक सामग्री की आपूर्ति और उनका सुरक्षित भंडारण शामिल है।
इसके अलावा व्यापिक आकस्मिक चिकित्सा योजना समेत कई दिशा निर्देश दिए गए हैं।

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