अभ्यर्थियों से अब आयोग की ‘सीधी बात’
ईमेल और मैसेज से भी अभ्यर्थियों को दी जाएगी जानकारी, छवि सुधारने के लिए सत्र नियमन पर भी जोर
मोबाइल का वह मैसेज उनके लिए खुशियों का पैगाम लेकर आया। अभ्यर्थी हैरत में थे। अभी कल ही तो साक्षात्कार खत्म हुए थे और दूसरी सुबह ही रिजल्ट..। आयोग की कार्यशैली इतनी तेज तो न थी। कुछ ही देर में यह साफ हो गया कि सूचना सही है। कल तक के स्ट्रगलर आज राज्य सरकार में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के रूप में चुने जा चुके थे और उन्हें यह सूचना सबसे पहले आयोग की ओर से ही मिली थी। यह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की चेहरा बदलने कवायद है।
बीते साल लगभग हर परीक्षा को लेकर अविश्वास के कटघरे में रही इस परीक्षा संस्था ने अब विश्वास का धरातल बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। पहला जोर सत्र नियमन पर है। साल के शुरू में आयोग ने परीक्षाओं का कैलेंडर घोषित करके इस दिशा में पहला बड़ा कदम उठाया। इसके साथ ही अभ्यर्थियों से अब सीधे संवाद का सिलसिला भी शुरू हुआ है। मसलन अभी हाल ही में पीसीएस-2013 के साक्षात्कार की तिथियां घोषित हुईं तो अभ्यर्थियों को मेल पर भी सारी जानकारियां उपलब्ध करा दी गईं। सचिव रिजवानुर्रहमान की ओर से यह भी बताया गया कि यदि किसी को साक्षात्कार पत्र न मिले तो वह ईमेल से उसे डाउनलोड करके उसका उपयोग कर सकता है। बीते साल आयोग को कई लंबित परीक्षाएं आयोजित कराने में सफलता मिली थी। इस बार भी ऐसी ही कोशिशें चल रही हैं। परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ कहते हैं कि समय के साथ कार्यशैली में बदलाव होना ही चाहिए।
हम संचार सुविधा के अधिक से अधिक उपयोग पर जोर दे रहे हैं। सभी परीक्षाओं में आयोग अभ्यर्थियों को ईमेल और मोबाइल पर सूचनाएं देगा। इससे अभ्यर्थियों का समय व्यर्थ नहीं होगा और वे तैयारियों पर फोकस करेंगे। इसके लिए अलग से प्रकोष्ठ बनाया गया है।
समय पर रिजल्ट देने की कोशिशें भी की जा रही हैं। कुछ परीक्षाओं की साक्षात्कार प्रक्रिया में एक से डेढ़ माह तक का समय लगता है। इसलिए कार्य की समानांतर प्रक्रिया अपनाई जा रही है। अर्थात साक्षात्कार और अंतिम परिणाम तैयार करने का काम साथ ही चलता रहेगा। इससे किसी भी परीक्षा का समय से रिजल्ट देना संभव हो सकेगा। सत्र नियमन के लिए भी यह जरूरी है।
परीक्षाओं का सत्र नियमित हो जाने से अभ्यर्थियों को तैयारी के लिए तो मौका मिलेगा ही, उनके लिए अवसर भी बढ़ जाएंगे।
अभ्यर्थियों से अब आयोग की ‘सीधी बात’
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