मैनपुरी, भोगांव: पत्राचार से बीएड कर शिक्षक बनने के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को सरकार द्वारा रोक हटाए जाने के बाद दिए गए मौके का फायदा उठाने में अब तक इन लोगों ने कोई तेजी नहीं दिखाई है। जनपद में 8 साल से पहले आवेदन करने वाले 12 में से केवल 5 अभ्यर्थियों ने ही सरकार की सौगात का फायदा उठाकर फाइलें जमा की हैं। खाली 7 पदों को भरने के लिए डायट प्रशासन की तमाम कवायदें फिलहाल बेकार जाती दिखाई दे रही हैं।
गौरतलब है कि पत्राचार के माध्यम से बीएड का प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों ने वर्ष 2007 और 2008 में विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के तहत शिक्षक बनने के लिए आवेदन किया था। इन दो वर्षों में 12 अभ्यर्थियों ने जनपद में आवेदन किया था।
अभ्यर्थियों की बीएड की शिक्षा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय व उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद से हुई थी। सरकार ने इन्हें अवैध मानते हुए सभी 12 आवेदकों को प्रक्रिया से बेदखल कर दिया था। इस मामले में अदालती हस्तक्षेप के बाद आवेदकों के पक्ष में निर्णय आया था और अदालत के आदेश के आधार पर प्रदेश सरकार ने जनवरी में इनके प्रशिक्षण का रास्ता साफ कर दिया था। पत्राचार से बीएड करने वालों को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण का रास्ता साफ होने से उनकी नौकरी भी लगभग तय हो गई है। जनपद के लिए आवेदन करने वाले 12 आवेदकों को डायट पर पुन: काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था। लेकिन पिछले 10 दिनों के अंदर केवल 5 आवेदक ही अपनी फाइलों को जमा करने पहुंचे हैं।
खाली 7 पदों पर फाइलों को जमा करने के लिए आवेदकों में व्याप्त बेरुखी के चलते जल्द ही इस संबंध में शासन को अवगत कराया जाएगा। फाइलें जमा होने के बाद शासन के अग्रिम आदेश के आधार पर ही संबंधित आवेदकों की प्रवेश प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। डायट प्राचार्य आरएस बघेल ने बताया कि इन लोगों का प्रशिक्षण डायट पर होना है और इसके लिए फिलहाल शासन ने कोई समयावधि तय नहीं की है। जिन आवेदकों ने जनपद में 8 साल पहले आवेदन किया था और वह कट ऑफ मेरिट में आते हैं तो जल्द ही डायट पर पहुंचकर अपनी फाइल जमा कर सकते हैं।
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