जासं, लखीमपुर : शिक्षा विभाग में प्रशिक्षु-शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सेंधमारी करने का मामला उजागर हुआ है। अभ्यर्थियों की सोची-समझी साजिश को बेसिक शिक्षा अधिकारी व डायट प्राचार्य ने विफल कर दिया है, लेकिन राजफाश होने के बाद से हड़कंप मचा है। जांच के दौरान अभ्यर्थियों द्वारा किया गए फर्जीवाड़े को पकड़ लिया और उनके नियुक्ति पत्र पर रोक लगा दी है। डायट कमेटी इन सभी मामलों की गहनता से जांच कर रही है।
नियुक्ति पत्र बंटने से पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. ओपी राय डायट द्वारा फाइनल की गई सूची की जांच कराई। इसमें ऐसे अभ्यर्थियों के सामने आए, जिनके अभिलेखों में घर का पता नहीं मिला। मामले की जांच शुरु हुई तो सबकुछ आइने की तरह साफ हो गया।
अभ्यर्थियों ने अभिलेखों में हेरफेर करते हुए काउंसिलिंग कराई और हैरत की बात है कि उनका नाम चयन सूची में भी आ गया। अभिलेखों के फर्जीवाड़े में अश्वनी मिश्र, गुडडी यादव, प्रीती त्रिवेदी, पवन कुमार, सुनील कुमार सिंह, सरिता वर्मा और अनिल कुमार को पकड़ा गया है। इन अभ्यर्थियों में से सुनील कुमार ने काउंसिलिंग के दौरान जूनियर हाई स्कूल के कागज लगाए हैं जबकि प्राइमरी के कागज जमा न करने पर उनके मामले को विचाराधीन कर दिया गया है। अनिल कुमार द्वारा हाई स्कूल व इंटर की मार्कशीट में हेरफेर किया है गया, अंक साफ नहीं है। अन्य अभ्यर्थियों के टीईटी अंक पत्र गलत निकले हैं। इन अभ्यर्थियों के किसी भी जिले में टीईटी काउंसिलिंग का कार्ड नहीं मिला है। इससे स्पष्ट है कि उक्त लोगों ने भर्ती प्रक्रिया में सेंधमारी करने का प्रयास किया है। जांच के दौरान प्रकाश में आया कि उक्त सभी लोगों ने औपबंधिक काउंसिलिंग कराई थी।
इसके चलते उक्त लोगों ने डायट में मूल अभिलेख जमा न करके फोटोकापी से काउंसिलिंग कराई थी।
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