इन जिलों में खुलेंगे
केंद्र
लखनऊ, आगरा, बरेली, मेरठ,
गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, कानपुर, कन्नौज,
इलाहाबाद, गोरखपुर व वाराणसी
यह मिलेंगी सुविधाएं
पुलिस रिपोर्टिंग सेल ः
यहां प्राथमिकी दर्ज
हो सकेगी। इसके
लिए महिला सिपाही
व महिला होमगार्ड
तैनात की जाएंगी।
हेल्पलाइन नंबर ः
केंद्र में हेल्पलाइन
नंबर 108, 102, 1090 व 1098 की सुविधा
मिलेगी।
चिकित्सा सहायता सेल ः
इस सेल में
एक एमबीबीएस डॉक्टर
व दो नर्स
तैनात रहेंगी। यहीं
पर महिलाओं को
चिकित्सा सुविधा मुहैया होगी।
बैकिंग सुविधा : संबंधित जिले
के लीड बैंक
इन केंद्रों में
बैकिंग की सुविधा
उपलब्ध कराएंगे।
क्रेच की सुविधा
: बच्चों की देखभाल
के लिए क्रेच
की सुविधा मिलेगी।
लखनऊ। महिलाओं को एक
छत के नीचे
सभी विभागों की
सुविधाएं एक साथ
दिलाने के लिए
प्रदेश सरकार निर्भया केंद्र
की तर्ज पर
रानी लक्ष्मी बाई
आशा ज्योति केंद्र
खोलने जा रही
है। पहले चरण
में प्रदेश के
11 जिलों में ये
केंद्र खुलेंगे। प्रदेश सरकार
ने जिलों का
चयन कर लिया
है। इसके बाद
चरणबद्ध तरीके से अन्य
जनपदों में इसे
खोला जाएगा। इन
केंद्रों मेें पुलिस
व कानूनी मदद
से लेकर चिकित्सा
सुविधा तक मिलेगी।
बैकिंग सुविधा व प्रशिक्षण
हब भी यहां
होगा।
इन केंद्रों में बलात्कार
पीड़ित महिला को कानूनी
और चिकित्सीय मदद
भी दी जाएगी।
यहीं पर पुलिस
में उसकी प्राथमिकी
लिखी जाएगी। कानूनी
सहायता दिलाने के लिए
अच्छे अधिवक्ता उपलब्ध
रहेंगे। पीड़िता को मनोवैज्ञानिक
सलाह भी इन
केंद्रों में मुहैया
की जाएगी। केंद्र
के संचालन में
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ
सोशल साइंसेज की
भी मदद ली
जाएगी। महिला कल्याण विभाग
ने इनके संचालन
के लिए नियमावली
जारी कर दी
है।
नियमावली के अनुसार
ये केंद्र मेडिकल
कॉलेजों के परिसर
में ही बनाए
जाएंगे।
इसके लिए 500 वर्ग फुट
जमीन की जरूरत
होगी। प्रत्येक केंद्र
स्थापित करने के
लिए पांच करोड़
रुपये का बजट
रखा गया है।
इसमें सभी संबंधित
विभागों को अपने-अपने बजट
से स्टाफ व
अन्य सुविधाएं मुहैया
करानी होंगी। इनके
संचालन के लिए
महिला कल्याण विभाग
एक प्रशासक की
नियुक्ति करेगा।
•एक ही छत
के नीचे उपलब्ध
होंगी सभी विभागों
की सुविधाएं
•निर्भया केंद्र की तर्ज
पर काम करेगा
केंद्र
•पुलिस व कानूनी
मदद के साथ
चिकित्सा सुविधा भी मिलेगी
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